विनेश को डिस्क्वालीफाई करने पर पूरा देश आग बबूला
- प्रधानमंत्री ने पीटी उषा से की बात विपक्ष ने कहा साजिश की जांच हो
- परिवार ने फेडरेशन पर लगाए गंभीर आरोप
- सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक पहलवान के समर्थन में उतरे
- सड़क से सदन तक उठा मुद्दा
- खेलमंत्री सदन में देंगे बयान
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक में डिस्क्वालीफाई होने से पूरा देश सदमे है। दरअसल विनेश स्वर्ण पदक के करीब पहुंच गई थी। उन्हें आज फाइनल मुकाबले में लडऩा था पर ऐन मौके पर 50 किलोग्राम वर्ग में कुश्ती फाइनल खेलने विनेश का वजन 100 ग्राम ज्यादा होने से वह डिस्क्वालिफाई कर दिया। इस खबर के भारत आते ही यहां सड़क से लेकर सदन तो कोहराम मच गया।
वहीं इस फैसले से विनेश की तबियत बिगड़ी जहां उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। सत्ता पक्ष व विपक्ष दोनों इस फैसले से स्तब्ध रह गए। पीएम नरेन्द्र मोदी ने ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा से पूरे मामले को पूरजोर तरीके अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ में उठाने को कहा है। उधर विनेश परिवार ने इसके पीछे षडय़ंत्र का भी आरोप लगाया है। वहीं संसद में फोगाट को डिस्क्वालीफाई करने का मुद्दा भी उठा। विनेश ने मंगलवार रात इस स्पर्धा में स्वर्ण पदक मुकाबले में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रचा था। वहीं, विपक्षी सांसदों ने भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक 2024 से अयोग्य घोषित करने का मुद्दा लोकसभा में उठाया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि केंद्रीय खेल मंत्री आज दोपहर 3 बजे इस मामले पर बयान देंगे।
कड़ा विरोध दर्ज कराए ओलंपिक संघ : मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने आईओए अध्यक्ष पीटी उषा से बात की और उनसे इस मुद्दे पर भारत के पास मौजूद विकल्पों के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी मांगी। सूत्रों ने यह भी दावा किया कि पीएम ने उनसे विनेश के मामले में मदद के लिए सभी विकल्पों का पता लगाने के लिए कहा। उन्होंने पीटी उषा से यह भी आग्रह किया कि अगर इससे विनेश को मदद मिलती है तो वह अपनी अयोग्यता के संबंध में कड़ा विरोध दर्ज कराएं। मोदी ने एक्स पर लिखा कि विनेश, आप चैंपियनों में चैंपियन हैं! आप भारत का गौरव हैं और प्रत्येक भारतीय के लिए प्रेरणा हैं। आज का झटका दुख देता है। काश शब्द उस निराशा की भावना को व्यक्त कर पाते जो मैं अनुभव कर रहा हूँ। उन्होंने आगे कहा कि साथ ही, मैं जानता हूं कि आप लचीलेपन का प्रतीक हैं। चुनौतियों का डटकर मुकाबला करना हमेशा से आपका स्वभाव रहा है। मजबूत होकर वापस आओ! हम सब आपके पक्ष में हैं।
‘देश के लिए नुकसान’
भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को अधिक वजन के कारण महिला कुश्ती में अयोग्य घोषित किए जाने पर कैसरगंज से भाजपा सांसद करण भूषण सिंह ने कहा, यह देश के लिए नुकसान है। फेडरेशन इस पर विचार करेगा और देखेगा कि क्या किया जा सकता है।
विनेश ने अपने खेल से जीता दिल : थरूर
कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम सांसद शशि थरूर ने विनेश फोगाट के अयोग्य घोषित होने पर कहा है कि भले ही भारत को मेडल नहीं मिल रहा है, लेकिन उन्होंने देश का दिल जीता है. मुझे इस बात का दुख है कि उन्हें जो ईनाम मिलना चाहिए था, वो नहीं मिल रहा है। थरूर ने कहा दिल्ली के रास्ते में और पेरिस के अखाड़े में उन्होंने जो किया, पूरे देश को उस पर गर्व है, विनेश ने जिस तरह की हिम्मत, ताकत और काबिलियत दिखाई है, उसे हम भूल नहीं सकते हैं, मुझे पता नहीं कि टेक्निकली वजन को लेकर क्या हुआ है, इसमें कोच की भी जिम्मेदारी है, विनेश को लेकर मेरे मन में ये दुख है कि उनको जो ईनाम उनके प्रयास के लिए मिलना चाहिए था, वो नहीं मिल पाया है, फाइनल तक पहुंचना गर्व की बात है। कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने भी साजिश की बात कही है।
ये विनेश का नहीं देश का अपमान, ओलंपिक का बहिष्कार हो : संजय सिंह
आन नेता संजय सिंह ने कहा कि यह विनेश फोगाट का नहीं पूरे देश का अपमान है। उन्होंने कहा कि सरकार तुरंत हस्तक्षेप करे और विनेश फोगाट की मदद करे। सिंह ने कहा कि पूरा देश विनेश के साथ खड़ा है। अगर बात ना मानी जाए तो ओलंपिक का बहिष्कार करे।
केंद्रीय कर्मचारियों के साथ अन्याय कर ही एनडीए सरकार : अखिलेश
- बोले- ‘वैश्विक आर्थिक महाशक्ति’ बनने के दावे का मतलब क्या
- 18 महीने के डीए का एरियर न दिए जाने के फैसले पर बीजेपी पर भड़के सपा प्रमुख
- सरकार को भुगतना पड़ेगा खामियाजा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सपा प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव ने केंद्रीय कर्मचारियों के समथर्न में एनडीए सरकार को घेरा है। उन्होंने कर्मियों ने 18 महीने के डीए का एरियर न दिए जाने के फैसले को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। अखिलेश ने बुधवार को एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, सरकार के ‘वैश्विक आर्थिक महाशक्ति’ बनने के दावे का मतलब क्या ये है कि कर्मचारियों को उनके अधिकार का पैसा भी नहीं मिले। केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों को 18 महीने के डीए का एरियर देने से मना करना, एक तरह से ‘सरकारी गांरटी’ से इंकार करना है। अखिलेश ने आगे लिखा, सरकार बताए लगातार बढ़ते ‘जीएसटी कलेक्शन, कई ‘ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी’ का पैसा कहां जा रहा है? अरबों के जहाज और टपकते भवनों के लिए तो पैसा है, लेकिन सही मायने में सरकार को चलानेवाले कर्मचारियों के लिए नहीं। एक तरफ़ महंगाई का बढऩा दूसरी तरफ़ महंगाई भत्ता न मिलना, सीमित आय वाले कर्मचारियों पर दोहरी मार है। घर की चिंता जब सिर पर हावी होगी, तो कार्य-क्षमता पर भी असर होगा, जिसका ख़ामियाज़ा सरकार को भुगतना पड़ेगा। भाजपा की सरकारें वैसे भी चुनाव लड़ती हैं, काम तो करती नहीं हैं, और जो काम करते हैं उनको उचित वेतन नहीं देतीं।
बुजुर्गों की भी सगी नहीं भाजपा सरकार
सपा प्रमुख ने कहा, भाजपा सरकार बुजुर्गों की भी सगी नहीं है, जिनके दवा-देखभाल के खर्चे तो बढ़ रहे हैं, लेकिन पेंशन नहीं। अब क्या सरकार ये चाहती है कि वरिष्ठ नागरिक ‘पेंशन के लिए अनशन’ करें। रेलवे की छूट बंद करके वैसे भी भाजपा ने वरिष्ठ नागरिकों का अपमान-सा किया है।
वित्त राज्य मंत्री ने संसद में दी थी जानकारी
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इस संबंध में लोकसभा में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांग का ज्ञापन केंद्र सरकार को मिल गया है। लेकिन अभी उनकी मांग पूर कर पाना संभव नहीं है। सरकार के इस फैसले से एक करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मियों और पेंशनरों को झटका लगा है।