राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का आग्रह, कहा- जाति-धर्म से ऊपर उठकर केवल बिहारी बनें
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि बिहार के लोगों को जाति, धर्म और समुदाय के बंधन से ऊपर उठकर सिर्फ बिहारी बनना चाहिए.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य के नागरिकों से जाति, धर्म और समुदाय के बंधनों से ऊपर उठकर केवल ‘बिहारी’ बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि राज्यवासियों को राज्य के हितों को सर्वोपरि रखते हुए एकता और समर्पण के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि बिहार के लोगों को जाति, धर्म और समुदाय के बंधन से ऊपर उठकर सिर्फ बिहारी बनना चाहिए. उन्हें राज्य के हितों को हर चीज से ऊपर रखना चाहिए. बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मंगलवार को राज्य के लोगों से जाति, धर्म और समुदाय के बंधन से ऊपर उठकर केवल ‘बिहारी’ बनने का आग्रह किया. नालंदा खुला विश्वविद्यालय के 17वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि बिहार के लोग राज्य के बाहर भी अच्छा प्रदर्शन करते हैं.
‘बिहार में सच्चा बिहारी मिलना मुश्किल’
उन्होंने कहा, “वे (बिहार के लोग) राज्य के बाहर खुद को बिहारी बताते हैं, लेकिन जब वे अपने राज्य में आते हैं तो खुद को जाति, धर्म और समुदाय से जोड़ने लगते हैं.” खान ने कहा कि बिहार में सच्चा बिहारी मिलना मुश्किल है. उन्होंने कहा, “बिहार के लोगों को जाति, धर्म और समुदाय के बंधन से ऊपर उठकर सिर्फ बिहारी बनना चाहिए. उन्हें राज्य के हितों को हर चीज से ऊपर रखना चाहिए. मुझे यकीन है तब बिहार हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाएगा और राज्य के लोग देश में नेतृत्व की भूमिका में आएंगे, जैसा कि वे पहले भी कर चुके हैं.” राज्यपाल ने कहा कि मुंबई, कोलकाता और दिल्ली जैसे शहरों में हर क्षेत्र में बिहार के लोगों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि बिहारियों के बिना इन शहरों के विकास की कल्पना करना कठिन है.
सिर्फ बिहारी बनकर रहना चाहिए- राज्यपाल
खान ने कहा, “ऐसा क्यों है, क्योंकि वे वहां बिहारियों की तरह रहते हैं. वे खुद को बिहारी बताते हैं. यही बात बिहार में भी लागू होनी चाहिए. बिहार के लोगों को अपने राज्य में सिर्फ बिहारी बनकर रहना चाहिए.” बता दें कि नालंदा खुला विश्वविद्यालय का 17वां दीक्षांत समारोह मंगलवार को पटना बापू सभागार में आयोजित हुआ था. इस अवसर पर राज्यपाल सह कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्य अतिथि के रूप में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें यह समझने की जरूरत है कि हमारे जीवन का उद्देश्य क्या है? उन्होंने कहा कि जीवन का उद्देश्य सुख नहीं बल्कि ज्ञान की प्राप्ति है. ज्ञान प्राप्त करने और कॉलेज या विश्वविद्यालय छोड़ने के बाद छात्र का दोबारा जन्म होता है, जो ज्ञान को अभिव्यक्त करने की शक्ति देता है.