सदन में योगी सरकार पेश करती रही बजट, सपा का बाहर जारी रहा धरना

विपक्ष के हंगामे के नाम रहा शीतकालीन सत्र का पहला दिन

विधानसभा में रखा गया 33700 करोड़ का अनुपूरक बजट

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को जहां सरकार ने सदन में अनुपूरक बजट पेश किया, वहीं मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने सदन से वाकआउट कर चौधरी चरण प्रतिमा पर धरना दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आज 2022-23 के लिए 33 हजार 700 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया। बजट में नई योजनाओं के लिए 14000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। विधान परिषद में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया।
बजट में शहरों के समुचित व समग्र विकास के लिए 4000 करोड़, निजी औद्योगिक पार्कों में अवस्थापना सुविधाएं विकसित करने को 300 करोड़ रुपए आवंटित किए गए।
स्टार्ट अप व इन्क्यूबेटर के लिए 100 करोड़, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन के लिए 296 करोड़ रुपए दिए गए। सबसे ज्यादा 8000 करोड़ रुपए की राशि का आवंटन औद्योगिक विकास प्राधिकरणों को निजी इंडस्ट्रियल पार्क व हब विकसित करने के लिए दिए गए हैं।

नाहिद हसन को दिलाई शपथ

लखनऊ। सोमवार को सत्र के शुरू होने से पहले कैराना से समाजवादी पार्टी के विधायक चौधरी नाहिद हसन ने विधानसभा सदस्य के रूप में निर्वाचन के आठ माह बाद शपथ ग्रहण की। उन्हें विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने अपने कार्यालय में शपथ दिलाई।

पीडब्ल्यूडी ने सड़कों के लिए मांगे दो हजार करोड़

पीडब्ल्यूडी ने सड़कों के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण के लिए करीब 2000 करोड़ रुपये मांगे हैं। वहीं सिंचाई विभाग के कंप्यूटराइजेशन के लिए भी राशि मिलने की उम्मीद है। सरकार की घोषणा के तहत युवाओं के लिए निशुल्क टैबलेट व स्मार्ट फोन के लिए भी बजट प्रस्तावित होगा। इसके अलावा अयोध्या में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट व अन्य सुविधाओं के लिए भी अनुपूरक बजट के माध्यम से धन की व्यवस्था की जाएगी।

71 जिलों में जीएसटी की 248 टीमों की ताबड़तोड़ छापेमारी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के 71 जिलों में जीएसटी की 248 टीमों ने सोमवार को ताबड़तोड़ छापेमारी की है। जीएसटीकी टीमों ने अलग-अलग प्रतिष्ठानों में ये छापेमारी की है। हालांकि ये पता नहीं चला है कि ये रेड किन किन शहरों में हुई है। कर चोरों के खिलाफ यूपी में जीएसटी की पहली भी बड़ी कार्रवाई होती रही है। हालांकि 71 जिलों के 248 स्थानों पर ये कार्रवाई बड़े पैमाने पर अब तक की गई सबसे बड़ी छापेमारी में से एक है। इसमें पुलिस बल के साथ वित्त विभाग, राजस्व खुफिया महानिदेशालय और अन्य विभागीय अधिकारियों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।
सितंबर में इससे पहले सितंबर माह में फर्रूखाबाद में 7 जिलों के 70 अधिकारियों ने कर चोरी के खिलाफ व्यापक छापेमारी की थी। इसमें बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी का खुलासा हुआ था। जीएसटी अधिकारियों के साथ इसमें एसटीएफ की टीमों को भी शामिल किया गया था। ये छापेमापी तंबाकू कारोबारियों के खिलाफ की गई थी। जीएसटी लखनऊ मुख्यालय की स्पेशल टास्क फोर्स टीम ने एडिशनल कमिश्नर अरविंद कुमार की अगुवाई में वेस्ट यूपी के अलीगढ़, मथुरा, आगरा, कासगंज, एटा और हाथरस जिलों के जीएसटी विभाग के अफसरों ने छापेमारी की कार्रवाई की थी।

 

शिक्षक भर्ती घोटाला: दस दिसंबर तक माणिक भट्टाचार्य के खिलाफ आरोप पत्र देगी ईडी

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) तृणमूल कांग्रेस विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के खिलाफ अगले 10 दिनों के भीतर और यदि संभव हो तो 10 दिसंबर तक अपना पहला आरोप पत्र पेश कर सकता है।
ईडी के सूत्रों ने कहा कि इस साल 10 अक्टूबर को हुई गिरफ्तारी की तारीख से 40 दिनों के भीतर जासूसों का लक्ष्य चार्जशीट पेश करना है। चार्जशीट कोलकाता में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत में पेश की जाएगी।
हालांकि ईडी के अधिकारी चार्जशीट की विस्तृत सामग्री पर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन सूत्रों ने कहा कि इसका एक बड़ा हिस्सा राज्य के विभिन्न निजी शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेजों से भट्टाचार्य और उनके परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में जाने वाली आय के गठजोड़ से संबंधित होगा।
ऑल बंगाल टीचर्स ट्रेनिंग अचीवर्स एसोसिएशन (एबीटीटीएए) के अध्यक्ष तापस मंडल द्वारा दिए गए बयान और दस्तावेज, ऐसे निजी शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेजों का एक छत्र संगठन, और शिक्षक भर्ती घोटाले में एक प्रमुख गवाह के साथ-साथ बयान, ऐसे निजी संस्थानों के कुछ प्रतिनिधियों द्वारा दिया गया समर्थन, सहायक और पूरक साक्ष्य होगा।
ईडी चार्जशीट में एक और बिंदु जो उजागर किया जा सकता है, वह केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों द्वारा जमा किए गए साक्ष्य होंगे कि कैसे माणिक भट्टाचार्य ने अपनी पत्नी सतरूपा भट्टाचार्य और एक व्यक्ति मृत्युंजय चक्रवर्ती के निधन के वर्षों के बाद भी एक विशेष संयुक्त खाता रखा था। केवाईसी के रूप में अपने पहचान प्रमाण का उपयोग करके।

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