एमवीए में मुख्यमंत्री पद को लेकर मची मच-मच
संजय राउत बोले- कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद पर दावा नहीं करना चाहिए, हमारी वजह से बढ़ीं कांग्रेस की सीटें
कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने सीएम की कुर्सी को लेकर किया था दावा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर घमासान जारी है। इस बीच सीएम चेहरे के तौर पर दावेदार माने जा रहे उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) ने कांग्रेस को करारा जवाब दिया है। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को सीधे मुख्यमंत्री पद का दावा नहीं करना चाहिए, सीटों का बंटवारा अभी बाकी है।
संजय राउत ने कहा कि हमारी वजह से कांग्रेस की सीटें बढ़ी हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ऐसा कोई निर्णय नहीं लेंगे। साथ ही राउत ने कहा कि सभी छोटे सहयोगी दलों को एमवीए में शामिल करने का प्रयास करना होगा।
हम हर सीट पर करते हैं चर्चा
शिवसेना यूबीटी सांसद राउत ने आगे कहा कि आज भी महाविकास अघाड़ी की सीट शेयरिंग को लेकर बैठक है, हम हर सीट पर चर्चा करते हैं, जो सीट जीतेगा हम उस पर विचार करते हैं। जाहिर है कि महाराष्ट्र में नवंबर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। यहां एमवीए का मुकाबला बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एमसीपी गठबंधन से है।
शरद पवार की पार्टी पहले ही स्थिति कर चुकी है साफ
एमवीए में शामिल शरद पवार की पार्टी एनसीपी (एसपी) पहले ही साफ कर चुकी है कि मुख्यमंत्री पर फैसला विधानसभा चुनाव के बाद होगा। वहीं शिवसेना (यूबीटी) महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चुनाव में चेहरा के तौर पर आगे कर चुनाव लडऩे के पक्ष में है। हालांकि, सार्वजनिक तौर पर शिवसेना (यूबीटी) यह कहती रही है कि विधानसभा चुनाव जीतना मकसद है सीएम कौन होगा ये फैसला जीत के आधार पर कर लिया जाएगा।
थोराट ने किया था ये दावा
इससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने सीएम की कुर्सी को लेकर दावा किया था। महाराष्ट्र के भायंदर में कोंकण क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए थोराट ने कहा कि उन्हें महाविकास अघाड़ी की जीत के लिए एकजुट होकर काम करने की जरूरत है। मुझे 100 प्रतिशत भरोसा है कि राज्य का अगला सीएम एमवीए और कांग्रेस से होगा। वे स्थानीय निकाय चुनाव और नगरनिगम चुनाव के लिए भी तैयार रहें।
पुलिस कस्टडी में महिला से यौन उत्पीडऩ मामले में हो न्यायिक जांच: पटनायक
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भुवनेश्वर। ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री व बिजू जनता दल के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने पुलिस कस्टडी में एक महिला से यौन उत्पीडऩ मामले में न्यायिक जांच की मांग की। विधानसभा में विपक्ष के नेता पटनायक ने इस घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह घटना राज्य में भाजपा सरकार की अक्षमता को दर्शाती है।
बता दें कि ओडिशा पुलिस ने भुवनेश्वर के भरतपुर पुलिस स्टेशन में सैन्य अधिकारी से दुव्र्यवहार और उनकी महिला मित्र से यौन उत्पीडऩ के मामले पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।
ओडिशा के पूर्व सीएम नवीन पटनायक ने कहा कि सभी ने सुना कि हाल ही में एक सैन्य अधिकारी और उनकी मंगेतर के साथ पुलिस स्टेशन में क्या हुआ। यह बहुत ही चौंकाने वाली खबर है। हम इस मामले में न्यायिक जांच की मांग करते हैं और जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए।
’केजरीवाल को चुनें वर्ना यूपी जैसी होगी दिल्ली की हालत‘
मनोनीत सीएम आतिशी ने कहा- केजरीवाल को सीएम बनाएंगे तभी मिलेगी सस्ती बिजली, भाजपा का बिजली का मॉडल है लंबे बिजली कट और महंगी बिजली
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली की मनोनीत मुख्यमंत्री आतिशी ने बिजली की कीमतों को लेकर भाजपा पर हमला बोला है। आतिशी ने कहा कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश में 1 किलोवाट कनेक्शन के दाम 250 प्रतिशत और 5 किलोवाट कनेक्शन के दाम 118 प्रतिशत बढ़ा दिए हैं। ये वही उत्तर प्रदेश सरकार है जिसने गर्मियों में 8 घंटे बिजली कटौती की थी।
आतिशी ने आगे कहा कि भाजपा का बिजली का मॉडल है- लंबे बिजली कट और महंगी बिजली, इसीलिए दिल्ली की जनता के लिए बहुत जरूरी है कि वो अरविंद केजरीवाल को दोबारा चुनकर दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाए, वरना जो स्थिति आज हम उत्तर प्रदेश में देख रहे हैं, वही स्थिति दिल्ली में भी होगी।
चुनाव में अरविंद केजरीवाल को ही दें वोट, तभी मिलेगी 24 घंटे बिजली
दिल्ली की मनोनीत मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मैं आज दिल्ली वालों से कहना चाहती हूं कि जब फरवरी में चुनाव होंगे तब आम आदमी पार्टी की सरकार बनाकर अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाएं तभी दिल्ली में 24 घंटे बिजली और सबसे सस्ती बिजली आएगी। आने वाले 4 महीने में जब तक मेरे पास मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है, मैं दिल्ली की जनता की सुरक्षा करने की पूरी कोशिश करूंगी।
यूपी के लोगों को मंहगी बिजली के बाद भी झेलनी पड़ती है कटौती
आतिशी ने कहा कि भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार ने बिजली कनेक्शन के दाम बढ़ा दिए हैं। पहले 1 किलोवाट के कनेक्शन के लिए जहां 1200 रुपए दिए जाते थे, अब उसके लिए 3000 रुपए देने होंगे। वहीं, 5 किलोवाट के कनेक्शन के लिए 7967 रुपए देने होते थे, अब इसी कनेक्शन के लिए 17365 रुपए देने होंगे। यूपी के लोगों को इतनी महंगी बिजली मिलती है, लेकिन इसके बावजूद इस साल गर्मियों में उन्हें 8-8 घंटे के पावर कट झेलने पड़े। इसलिए, दिल्ली के लोगों को एक बार फिर अरविंद केजरीवाल को चुनकर मुख्यमंत्री बनाना है, ताकि दिल्लीवाले 24 घंटे और सबसे सस्ती बिजली की सुविधा का लाभ ले सकें।
दिल्ली में मिलती है सबसे सस्ती बिजली
आतिशी ने कहा कि दिल्ली में 37 लाख परिवारों का बिजली बिल जीरो आता है। 15 लाख परिवारों को बिजली आधे दाम पर मिलती है। अगर इसे बीजेपी शासित अन्य राज्यों से तुलना करें, तो दिल्ली में सबसे सस्ती बिजली मिलती है। दिल्ली में 400 यूनिट बिजली का बिल 980 रुपए आता है। वहीं, गुजरात के अहमदाबाद में 2044 रुपए, हरियाणा के गुरुग्राम में 2300 रुपए, उत्तर प्रदेश में 2900 रुपए, मध्य प्रदेश में 3800 रुपए और महाराष्ट्र में 4460 रुपए बिजली का बिल आता है। अब जब दिल्ली में विधानसभा चुनाव हों, तो सभी दिल्लीवाले एक बार फिर से आम आदमी पार्टी की सरकार और अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाएं।
लंबित नियुक्तियों पर केंद्र को ’सुप्रीम‘ फटकार
अदालत ने पूछा- सिफारिश के बाद भी क्यों नहीं हुई जजों की नियुक्ति
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने लंबित न्यायिक नियुक्तियों पर केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र को निर्देश दिया है कि वह कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित लंबित न्यायिक नियुक्तियों की संख्या और स्थिति के साथ-साथ देरी के कारणों की जानकारी उपलब्ध कराए। यह निर्देश मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं।
इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ कर रही है। जिसमें न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे। पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम कोई सर्च कमेटी (न्यायाधीशों के लिए) नहीं है, जिसकी सिफारिशों को रोका जा सके।
नामों की सूची उपलब्ध कराएं: अटॉर्नी जनरल
पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल (एजी) आर. वेंकटरमणी से कहा कि वे कॉलेजियम द्वारा दिए गए नामों की सूची उपलब्ध कराएं और बताएं कि वे क्यों लंबित हैं और किस स्तर पर हैं? सीजेआई ने कहा कि अगर आप कृपया कॉलेजियम द्वारा दिए गए नामों की सूची बना सकते हैं और बता सकते हैं कि यह क्यों लंबित है और किस स्तर पर लंबित है। हमें बताएं कि यह क्यों लंबित है। पीठ ने कहा कि कुछ नियुक्तियां अभी प्रक्रिया में हैं और हमें उम्मीद है कि वह बहुत जल्दी हो जाएगी। इसके बाद अटॉर्नी जनरल द्वारा स्थगन के अनुरोध को ध्यान में रखते हुए, इस जनहित याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी।
एडवोकेट हर्ष विभोर सिंघल ने डाली है याचिका
सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका एडवोकेट हर्ष विभोर सिंघल की ओर से डाली गई थी। वकील हर्ष विभोर सिंघल ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ओर से सिफारिश किए जाने के बाद जजों की नियुक्ति को अधिसूचित करने के लिए एक निश्चित समय सीमा तय करने का निर्देश देने का आग्रह किया था। ताकि अगर नियुक्ति नहीं की जा रही है तो एक समय सीमा के भीतर ही सुप्रीम कोर्ट को तथ्यों के साथ इसके पीछे की वजह बताई जाए।