रेल ट्रैक पर थे लकड़ी के टुकड़े, चालक की सूझबूझ से मेमू पलटने से बची, कार्यदायी संस्था पर रिपोर्ट

लखनऊ। हमीरपुर जिले में भरुआ सुमेरपुर रेलवे की दोहरीकरण की कार्यदायी संस्था केपीटीएल की लापरवाही के चलते मेमू ट्रेन पलटने से बच गई। रेलवे प्लेटफार्म पर लगाए गए लकड़ी के टुकड़े को देखकर लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को पहले ही रोक दिया। इससे एक बड़ा हादसा टल गया। स्टेशन प्रंबधक ने इसकी सूचना आरपीएफ सहित उच्चाधिकारियों को दी।
अधिकारी मौके पर पहुंच कर मामले की जांच करने में जुट गए है। वहीं रेलवे के अवर अभियंता ने कार्यदायी संस्था के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है। कानपुर से मानिकपुर जाने वाली मेमू ट्रेन सुबह करीब 8:30 बजे कस्बे के रेलवे स्टेशन में प्लेटफार्म नंबर तीन पर पहुंचने वाली थी। दोहरीकरण का कार्य कर रही कंपनी केपीटीएल ने इस प्लेटफार्म में कार्य के लिए पटरियों व प्लेटफार्म की दीवार के बीच लकड़ी के टुकड़े लगा रखे थे।
हालांक, कार्य करने के बाद इनको हटाया नहीं गया। इसमें कहीं-कहीं स्टेशन में कार्य करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की भी लापरवाही नजर आ रही है और मेमू ट्रेन को बिना प्लेटफार्म को देखे ट्रैक पर ले लिया गया। लोको पायलट ने जब पटरियों पर लकड़ी के गुटकों को देखा, तो सन्न रह गए और इमरजेंसी ब्रेक लगा कर ट्रेन को लकड़ी के टुकड़ों के पहले रोक दिया।
पायलट ने वॉकी-टॉकी के माध्यम से स्टेशन प्रबंधक को इसकी जानकारी दी। इस पर स्टेशन कर्मी प्लेटफॉर्म तीन को दौड़ पड़े और पटरियों में लगाये गए टुकड़ों को आनन फानन हटाया। लोको पायलट की सतर्कता के चलते ट्रेन डिरेल होने से बच गई और एक बड़ा हादसा टल गया।
स्टेशन प्रबंधक ने इस मामले की सूचना आरपीएफ सहित उच्चाधिकारियों की दी है। आरपीएफ व अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है। रेलवे के अवर अभियंता उपेंद्र कुमार ने बताया कि यह कार्यदायी संस्था के कर्मियों की बड़ी लापरवाही है। उन्होंने बताया कि कार्यदायी संस्था केपीटीएल के खिलाफ इस लापरवाही का मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।

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