इन राज्यों ने दाम करने से किया इंकार ये बताई वजह

नई दिल्ली। दिवाली के मौके पर केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी कम करने की घोषणा कर लोगों को महंगाई से निजात दिलाने का एक प्रयास किया है. इस कटौती के बाद पर पेट्रोल की कीमतों में 5 रुपए और डीजल पर 10 रुपये की कटौती की गई है. सरकार के इस फैसले के बाद 16 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों ने भी वैट में कटौती करने का ऐलान किया है. लेकिन वहीं दूसरी ओर 12 राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश इस वैट में कटौती के लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं.
इस वर्ष जुलाई माह के बाद पहली बार, 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बृहस्पतिवार से पेट्रोल 100 रुपये से नीचे पर बिकने लगा है. जुलाई के दूसरे सप्ताह के शुरुआत में ही तकरीबन पूरे देश में पेट्रोल के दाम 100 रुपए तक पहुंच गए थे.
पेट्रोल के लगातार बढ़ते दामों पर लगाम कसने की गरज से भाजपा और उसके सहयोगी दलों की सरकार वाले 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पेट्रोल के दाम को 100 रुपए के नीचे आ गए हैं. लेकिन इनमें कर्नाटक, बिहार और मध्य प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख शामिल नहीं हैं.इन राज्यों में केंद्र और राज्य द्वारा कर में कटौती के बावजूद पेट्रोल की कीमत 100 रुपये से अधिक है.
दीपोत्सव पर पेट्रोल की कीमत में 5 और डीजल पर 10 रुपए की कमी करने के केंद्र के फैसले ने महंगाई से जूझ रही जनता को काफी राहत दी है. पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती के ऐलान के साथ राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं. देश भर के 16 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों ने वैट में कमी करने का फैसला किया है, वहीं 12 राज्य और 1 केंद्र शासित प्रदेश फिलहाल यह कटौती करने के लिए तैयार नहीं हैं, क्योंकि इनका ऐसा मानना है कि इससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है.
जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पेट्रोल और डीजल में वैट में कोई कमी नहीं की है, वे ये हैं: शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस शासित महाराष्ट्र, आप शासित दिल्ली, टीएमसी शासित पश्चिम बंगाल, डीएमके शासित तमिलनाडु, टीआरएस शासित तेलंगाना,आंध्र प्रदेश, केरल, एनपीपी सत्तारुढ़ मेघालय, झामुमो शासित झारखंड, कांग्रेस शासन वाली छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान और अंडमान और निकोबार. अपवाद स्वरूप ओडिशा एकमात्र ऐसा राज्य है जहां विपक्ष की सरकार है और जहां पेट्रोल और डीजल दोनों पर वैट में 3 रुपये प्रति लीटर की कमी का ऐलान किया गया है.
इन राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, हरियाणा, असम, चंडीगढ़, गोवा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और पुडुचेरी में पेट्रोल 100 रुपए से कम कीमत पर बेचा जा रहा है.
दरअसल पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में कटौती करने केंद्र के फैसले के बाद ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इसका फायदा चुनावों में भाजपा और उसके सहयोगी दलों को मिल सकता है. सनद रहे कि अप्रैल 2020 में पेट्रोल 69 प्रति लीटर से थोड़ा ज़्यादा था और इस साल मार्च के आखिर में 90 के स्तर को टच किया था.
केंद्र और राज्यों की सरकारों द्वारा कीमतों में कटौती के बावजूद, उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों को छोडक़र लगभग सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर से ऊंची कीमत पर बिक रहा है.
पेट्रोल के दामों में सबसे अधिक कटौती केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में हुई है. जहां पेट्रोल की कीमत में 13.43 रुपए की कमी आई है. तो वहीं अब पेट्रोल 102.99 रुपए पर बिक रहा है.
राज्यों में इस मामले में कर्नाटक, पुडुचेरी और मिजोरम में आगे है, जहां पेट्रोल की कीमत में 12.62 रुपये से 13.35 रुपये तक की कमी आई है.
कुछ इसी तरह लद्दाख में 19.61 रुपये के साथ डीजल में सबसे ज्यादा कटौती की गई है. राज्यों की बात करें तो डीजल की कीमत में सबसे ज़्यादा कटौती कर्नाटक में हुई यहां डीज़ल की कीमत पर 19.49 रुपये घटाए गए हैं. इसके बाद हैं पुडुचेरी और मिजोरम का नंबर आता है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button