कमर दर्द में राहत देंगे ये योगासन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
30 की उम्र के बाद अक्सर लोगों को कमर दर्द की समस्या होने लगती है। लंबे समय तक बैठकर काम करना, गलत बॉडी पॉश्चर, व्यायाम की कमी और तनाव इसके प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा हर दिन की भागदौड़, तनाव, काम का दबाव और अनियमित जीवनशैली का सीधा असर हमारे शरीर और दिमाग पर पड़ता है। अक्सर लोग खुद पर ध्यान देना भूल जाते हैं, जिसकी वजह से थकान, चिड़चिड़ापन, नींद न आना और पाचन जैसी दिक्कतें आम हो जाती हैं। कम उम्र में ही पीठ व कमर दर्द की समस्या अब गलत जीवनशैली के कारण आम हो गई है। ऐसे में दिनचर्या के कामकाज में तो समस्या आती ही है, साथ ही सही समय पर अगर इसका इलाज न किया जाए तो दर्द व शिकायत बढ़ जाती है। अगर आप भी लोअर बैक पेन या कमर दर्द से परेशान हैं, तो दवाइयों से ज्यादा असरकारी योगासन हो सकते हैं। ये न केवल दर्द से राहत देते हैं, बल्कि रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाते हैं और मांसपेशियों को मजबूत करते हैं। यह आसन खासकर ऑफिस वालों के लिए बेहद फायदेमंद है, जो पूरे दिन कंप्यूटर या लैपटॉप के सामने बैठकर काम करते हैं।
मार्जरी आसन
मार्जरी आसन को कैट-काऊ पोज के नाम से भी जानते हैं। योग विशेषज्ञों का मानना है कि जिन लोगों को अक्सर पीठ में दर्द या फिर रीढ़ से हड्डियों में दर्द रहता है उन्हें मार्जरी आसन का अभ्यास करना चाहिए। इससे सेहत को विशेष लाभ मिलता है। इसके साथ ही पाचन अंगों की कार्यक्षमता को बढ़ाने और शरीर की बेहतर तरीके से स्ट्रेचिंग करने में भी ये योग लाभदायक है। वैसे तो मार्जरी आसन का अभ्यास सभी उम्र के लोग कर सकते हैं, क्योंकि ये काफी सरल है। इस योग के अभ्यास के लिए सबसे पहले जमीन पर दोनों घुटनों और दोनों हाथों को टेक कर बिल्ली जैसी मुद्रा में बैठ जाएं। फिर जांघों को ऊपर की ओर सीधा करके पैर के घुटनों पर 90 डिग्री का कोण बनाएं। अब लंबी सांस लें और सिर को पीछे की ओर झुकाते हुए टेलबोन को ऊपर उठाएं। फिर सांस छोड़ते हुए सिर को नीचे की ओर झुकाएं और ठुड्डी को छाती से लगाने का प्रयास करें। इस प्रक्रिया को 15 से 20 बार दोहराएं।
बालासन
बालासन योग या चाइल्ड पोज के अभ्यास को सामान्यतौर पर मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने और पीठ के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। इस योग के अभ्यास की आदत मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग करने से लेकर दर्द का कारण बनने वाली समस्याओं को दूर करने में आपके लिए लाभदायक हो सकता है। जिन लोगों को अक्सर पीठ या कमर में दर्द की समस्या बनी रहती है उन्हें दिनचर्या में बालासन योग को शामिल करने से विशेष लाभ मिल सकता है। दिनभर की थकान के बाद सोने से पहले इस अभ्यास की आदत आपको अच्छी नींद पाने में भी मदद करती है।
भुजंगासन
यह आसन पीठ और कमर की मांसपेशियों को मजबूती देता है। रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है। लंबे समय तक बैठकर काम करने वालों के लिए फायदेमंद है। इसे करने के लिएसबसे पहले सीधे लेट जाएं। पैरों को सीधा रखें और हाथों को कंधों की सीध में लाएं। अब हाथों की सहायता से अपने शरीर के अगले हिस्से को ऊंचा उठाएं। ध्यान रहे कि शरीर का पिछला हिस्सा जमीन से टच रहे। इस अवस्था में 3 से 4 मिनट रहें, लेकिन यह भी ध्यान रहे कि इस दौरान मांसपेशियों में खिंचाव न आ जाए। अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं।
सेतु बंधासन
सेतुबंधानस कमर और रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है। पेल्विक और थाई मसल्स को भी सक्रिय करता है। साथ ही लोअर बैक पेन में बेहद कारगर है। इसके अलावा, यह आसन मानसिक तनाव को भी कम करता है। अगर आप खुद को अक्सर थका हुआ या बेचैनी सी महसूस करते हैं, तो इस आसन का अभ्यास करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। यह न सिर्फ दिमाग को शांत करता है, बल्कि हार्मोन का संतुलन भी बनाए रखता है, जिससे मूड अच्छा रहता है और नींद भी बेहतर आती है। सेतुबंधासन से पाचन क्रिया बेहतर होती है और सांस से जुड़ी दिक्कतों में राहत मिलती है। रोजाना इस आसन को करने से हार्मोन से जुड़ी समस्याएं भी धीरे-धीरे कम होने लगती हैं।


