इस बार संसद में आक्रामक विपक्ष से होगा मोदी का सामना
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- राज्यसभा का सत्र 27 जून से होगा प्रारंभ
- संसद सत्र 24 जून से शुरू हो कर तीन जुलाई तक चलेगा
- इंडिया गठबंधन एनडीए सरकार को घेरने को तैयार
- नवनिर्वाचित संसद सदस्यों को दिलाई जाएगी शपथ
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। नई लोकसभा गठित हो चुकी है। इसबार किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला है। पर एनडीए की सरकार ने कामकाज संभाल लिया है। उसके प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी बने हैं। नई लोस का सत्र 24 जून को होगा। इसबार सरकार पर विपक्ष के हावी होने क ी प्रबल संभावना है। इंडिया गठबंधन को 234 से ज्यादा सीटें मिली है जबकि सत्ता पक्ष 292 रन पर सिमट गई है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान आक्रामक विपक्ष द्वारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की कोशिश की जा सकती है। वहीं संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने बुधवार को कहा कि 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होगा जिसमें नवनिर्वाचित संसद सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी। सत्र के पहले तीन दिन में नवनिर्वाचित सदस्य शपथ लेंगे तथा सदन के अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। सत्र तीन जुलाई को संपन्न होगा। प्रधानमंत्री संसद के दोनों सदनों में, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देंगे। राज्यसभा का सत्र 27 जून से प्रारंभ होगा।
चुनाव में 400 पार के नारे ने किया बंटाधार : एकनाथ
मुंबई। क्या महाराष्ट्र में महायुति सरकार में शामिल घटक दलों के बीच सब कुछ ठीक चल रहा है? यह सवाल इसलिए उठा है क्योंकि लोकसभा चुनाव परिणामों में सत्तारुढ़ गठबंधन को तगड़ा झटका लगने और फिर केंद्रीय मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री पद नहीं मिलने से शिवसेना और एनसीपी की नाराजगी बार-बार बाहर आ रही है। हालांकि जब नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन संसदीय दल का नेता चुना जा रहा था तब शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि यह फेविकोल का मजबूत जोड़ है जो टूटेगा नहीं लेकिन अब उन्होंने एक ऐसी बात कह दी है जिससे स्पष्ट हो रहा है कि महाराष्ट्र सरकार में अंदरूनी खींचतान चल रही है। हम आपको बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि हालिया लोकसभा चुनाव में 400 पार के नारे के बाद लोगों के मन में संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने जैसी आशंका उत्पन्न हो गई।
उम्मीद है राजग सरकार स्थिर रहेगी और अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी : पवार
राकांपा (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने उम्मीद जताई कि भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार स्थिर रहेगी और व्यापार एवं कारोबार को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक उपाय शुरू करेगी। बारामती में व्यापारियों को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई उनकी आलोचना को तवज्जो नहीं दी और उनका ध्यान उचित मदद के साथ क्षेत्र में व्यापार एवं अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर होगा। राजनीति में मतभेद होते हैं, लेकिन अर्थव्यवस्था ठोस होनी चाहिए। एक मजबूत अर्थव्यवस्था व्यापार और व्यवसाय को बढ़ावा देती है तथा आज हम सभी यही उम्मीद करते हैं। मुझे उम्मीद है कि सरकार स्थिर रहेगी और वह देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कदम उठाएगी।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने दी जानकारी
रिजिजू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून 2024 से तीन जुलाई 2024 तक नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ, अध्यक्ष के चुनाव, राष्ट्रपति के अभिभाषण और उस पर चर्चा के लिए बुलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा का 264वां सत्र 27 जून को शुरू होगा और तीन जुलाई को संपन्न होगा। समझा जाता है कि प्रधानमंत्री मोदी 27 जून को राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद संसद में अपनी मंत्रिपरिषद के सदस्यों का परिचय देंगे।
राष्ट्रपति 27 जून को संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 27 जून को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी और अगले पांच वर्ष के लिए नई सरकार के कामकाज की रूपरेखा पेश करेंगी।
जल संकट पर दिल्ली सरकार से सुप्रीम कोर्ट नाराज
- पूछा- पानी बर्बादी रोकने के लिए आपने क्या किया
- हिमाचल सरकार से भी सवाल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। भीषण गर्मी के बीच जल संकट बढ़ता जा रहा है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए दिल्ली सरकार से सवाल किया कि टैंकर माफिया को रोकने के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं, पानी की बर्बादी को रोकने के लिए आपने क्या काम किया? दिल्ली में पानी की किल्लत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह कोई नया मामला नहीं है।
पिछले कुछ सालों के दौरान यह मामला लगातार कोर्ट के सामने आता रहा है। ऐसे में अगर गर्मियों में हर साल इस तरह की दिक्कत होती है तो आपने उससे निपटने के लिए क्या कदम उठाए हैं? सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हम लगातार न्यूज़ चैनल पर देख रहे हैं कि किस तरह से दिल्ली में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। इसके अलावा अवैध तरीके से पानी को ले जाया जाता है। इसको लेकर क्या किया गया? कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार के वकील से सवाल किया कि हर दिन 137 क्यूसेक अतिरिक्त जल हरियाणा को दिया गया या नहीं, वहीं, सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि हमने कई कदम उठाए हैं।
अवैध तरीके से पानी ले जाने वालों परदिल्ली पुलिस कार्रवाई करे : आप
दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि अवैध तरीके से पानी को ले जाने वालों के खिलाफ दिल्ली पुलिस कार्रवाई करें। कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील से सवाल किया कि आप हमको बताओ कि आपने पानी की बर्बादी और पानी की अवैध तरीके से होने वाली खरीद को रोकने के लिए क्या किया है।
एडीएम व एसडीएम करेंगे पाइपलाइन की मॉनिटङ्क्षरग : आतिशी
दिल्ली में जल संकट के बीच केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। पानी की बर्बादी रोकने के लिए दिल्ली सरकार फैसला लिया है कि एडीएम-एसडीएम पानी की पाइपलाइन की मॉनिटरिंग करेंगे। सरकार का कहना है कि कहीं भी पानी की लीकेज बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हम एक बूंद पानी भी बर्बाद नहीं होने देंगे। मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
एलजी ने की हरियाणा के सीएम से बात
एलजी वीके सक्सेना ने हरियाणा के सीएम नायब सैनी से बातचीत की। वीके सक्सेना ने एक्स पर जानकारी देते हुए कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी से बीते सोमवार को बात हुई। उन्होंने दोहराया कि दिल्ली को आवंटित हिस्से के अनुसार पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। चल रही गर्मी की लहर के कारण राज्य की अपनी बाधाओं के बावजूद हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
भाजपा ने सीएम केजरीवाल से मांगा इस्तीफा
छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में पानी के भीषण संकट से क्षुब्ध हजारों नागरिकों के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं ने जल बोर्ड कार्यालय पर प्रचंड प्रदर्शन किया। नेता प्रतिपक्ष और दक्षिण दिल्ली से सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी और पूर्व विधायक चौ. ब्रह्म सिंह तंवर ने सम्बोधित किया। भाजपा नेताओं ने जल संकट के लिए सीएम केजरीवाल से त्यागपत्र की मांग की।