इस बार विधानसभा चुनावों में तो उपचुनावों से भी बुरा हाल होगा! देखिए सर्वे

दिल्ली के सीएम और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को सीबीआई केस में सुप्रीप कोर्ट ने जमानत दे दी है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दिल्ली के सीएम और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को सीबीआई केस में सुप्रीप कोर्ट ने जमानत दे दी है… और केजरीवाल जेल से बाहर आ गए हैं… बीते इक्कीस मार्च को ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार किया था… वहीं दस दिनों की पूछताछ के बाद सीएम केजरीवाल को तिहाड़ जेल भेज दिया गया था… ईडी मामले में सीएम केजरीवाल को पहले ही जमानत मिल गई थी…. उसके बाद सीबीआई ने सीएम केजरीवाल को जेल ही गिरफ्तार कर लिया था… और वे जेल से बाहर नहीं आ पाए थे… जिसके बाद सीबीआई की गिरफ्तारी को सीएम केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी… और कल सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को जमानत दे दी… वहीं जेल से बाहर आते ही सीएम केजरीवाल ने मोदी पर जमकर निशाना साधा… और कहा कि किसी को झूठे केस में ज्यादा दिन तक कैद करके नहीं रखा जा सकता है… आपको बता दें कि सीएम केजरीवाल की जमानत इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है… कि आने वादे दिनों में दो राज्य़ों में चुनाव है… हरियाणा चुनाव में आम आदमी पार्टी भी ताल ठोक रही है… आम आदमी पार्टी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है… और हरियाणा चुनाव में ताल ठोंक रही है… जिसको देखते हुए यह कहना जल्दवाजी होगा कि सीएम केजरीवाल के आने से पार्टी की ताकत बहुत बढ़ गई है… वहीं उनकी रिहाई का असर हरियाणा विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा…

आपको बता दें कि मोदी जब से देश के प्रधानमंत्री बने हैं… तभी से सरकारी तंत्रों का गलत इस्तेमाल कर रहें हैं… बता दें कि अपनी नाकामी को छिपाने के लिए मोदी और शाह आए दिन एक के बाद विपक्ष के खिलाफ साजिश रचने का काम करते हैं… पहले वे नेताओं को डराते है… धमकाते हैं और जब इनसे बात नहीं बनती तो सरकारी मशीनरी का गलत तरह से इस्तामाल करके नेताओं को झूठे केसों में फंसाकर जेल भेजने का काम करते हैं… जिसकी एक के बाद एक पोल खुलती जा रही है… और सारी सच्चाई एक-एक करके जनता के सामने आ रही है… और मोदी के तुष्टीकरण की राजनीति जनता के सामने आ रही है… बता दें कि आप विपक्ष के इंडिया गठबंधन का हिस्सा है…. ऐसे में माना जा रहा है कि वह कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ेगी… हालांकि, सीटों पर फिलहाल दोनों दलों में समझौता नहीं हुआ है…. सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि दिल्ली सीएम हरियाणा में जब प्रचार करने जाएंगे…. तब किसे नफा और किसे नुकसान होगा… क्या उससे कांग्रेस को हानि और बीजेपी को लाभ मिलेगा…. यह तो फिलहाल समय ही बताएगा… हालांकि, एक बात गौर करने वाली है कि दिल्ली और पंजाब में आप कांग्रेस को पीछे करके सत्ता में आ चुकी है…. और बहुत हद तक इसका श्रेय अरविंद केजरीवाल को जाता है….

बता दें कि केजरीवाल की रिहाई ऐसे समय में हुई है… जब हरियाणा में आने वाले दिनों में चुनाव होने वाले है.,.. केजरीवाल की रिहाई से आप पार्टी और समर्थकों में भारी खुशी का माहौल व्याप्त है… सब एक दूसरे को बधाई दे रहें है…. बता दें कि अरविंद केजरीवाल के अलावा संजय सिंह, मनीष सिसोदिया भी जेल से बाहर आ चुके हैं…. चुनाव के पहले इस त्रिमूर्ति का बाहर होना आप के लिए किसी इलेक्शन बूस्टर से कम नहीं है…. वहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि हरियाणा में आप अब सफलता हासिल कर सकती है…. इस बीच, आप की ताकत को समझने के लिए अगर थोड़ा सा उसके ट्रैक रिकॉर्ड को देखें तो हम पाते हैं… कि साल दो हजार चौदह से दो हजार चौबीस तक हरियाणा के आम चुनाव और विधानसभा चुनावों में उसका वोट शेयर कुछ खास नहीं कर पाया…. ऊपर से वह वहां न तो सांसदी का चुनाव जीत पाई… और न ही विधायकी के इलेक्शन में चमकी…. उल्टा, बीते विधानसभा चुनावों में सारे उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई थी….

वहीं तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद अरविंद केजरीवाल ने साफ कर दिया कि ये राष्ट्र विरोधी ताकतें जो देश को कमजोर करने, इसे बांटने की कोशिश कर रही हैं… मैंने हमेशा उनके खिलाफ लड़ाई लड़ी है…. और आगे भी उनके खिलाफ लड़ाई जारी रखूंगा…. देश एक नाजुक दौर से गुजर रहा है…. देश महत्वपूर्ण है, केजरीवाल नहीं…. कुछ राष्ट्र विरोधी ताकतें देश को कमजोर करने और बांटने की कोशिश कर रही हैं…. निर्वाचन आयोग को कमजोर करने और प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई को अपनी मुट्ठी में करने की कोशिश की जा रही है….. हमें इन राष्ट्र विरोधी ताकतों के खिलाफ लड़ना होगा….. दिल्ली सीएम के मुताबिक मैंने जीवन में बहुत संघर्ष किया है और बड़ी-बड़ी मुश्किलों का सामना किया है…. लेकिन भगवान ने हर कदम पर मेरा साथ दिया है…. भगवान ने मेरा साथ दिया क्योंकि मैं सच्चा था…. और उन्होंने मुझे जेल में डाल दिया….. उन्हें लगा कि मुझे जेल में डालकर वे मेरा हौसला तोड़ देंगे…. मेरा हौसला सौ गुणा मजबूत हो गया है… और मेरी ताकत सौ गुना बढ़ गई है…. जेल की मोटी दीवारें और सलाखें मुझे नहीं तोड़ सकतीं….

आपको बता दें कि सियासत के गलियारों में इन दिनों हरियाणा विधानसभा चुनाव दो हजार चौबीस को लेकर चर्चा जोरों पर है… वैसे तो मुक़ाबला सूबे के मुख्य विपक्षी दल यानी कांग्रेस और सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के बीच है…. लेकिन जननायक जनता पार्टी यानी जेजेपी, इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी यानी इनेलो और आम आदमी पार्टी यानी आप के अलावा निर्दलीय उम्मीदवारों को लेकर भी चर्चाओं का बाज़ार गर्म है…. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर कांग्रेस और बीजेपी में से किसी दल को बहुमत नहीं मिलता है….. तो उस स्थिति में इन दलों की भूमिका इस चुनाव में महत्वपूर्ण हो जाएगी…. बता दें कि दो हजार उन्नीस के हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी छियालीस सीटों पर लड़ी थी…. लेकिन पार्टी का प्रदर्शन काफ़ी निराशाजनक रहा था… और वो एक भी सीट नहीं जीत सकी थी…. हालिया लोकसभा चुनाव में पार्टी को तीन दशमलव नौ चार फीसदी वोट मिले थे…. इस बार अरविंद केजरीवाल की पत्नी राज्य में प्रचार करती नज़र आईं…. और वो केजरीवाल के हरियाणा से आने की पहचान का बार-बार ज़िक्र करती नज़र आई हैं…. वहीं पार्टी को इन चुनावों में ख़ुद के दम पर अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है….

बता दें कि आम आदमी पार्टी की हरियाणा में स्ट्रैंथ बहुत ज़्यादा नहीं है…. आम आदमी पार्टी ख़ुद भी जानती है कि हरियाणा में उनकी स्ट्रैंथ कितनी है….. पिछली बार जब चुनाव हुआ था तो उनको एक फ़ीसदी से भी कम वोट मिले थे….. और इस बार जब कांग्रेस के साथ गठबंधन के नेगोसिएशन को लेकर बात चल रही थी….. तो आम आदमी पार्टी ने खुद दस सीटें मांगी थीं…. और कांग्रेस ने उनको केवल पांच सीटों का ऑफर दिया था…. वहीं पार्टी ने भले ही नब्बे सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं…. लेकिन उनके लिए उतने अवसर नहीं हैं….. दरअसल, हरियाणा में बीजेपी की दस साल से सरकार है…. कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है…. वहीं अब तक दोनों ही पार्टियां चुनावी अभियान में दमखम दिखाती आ रही हैं…. इंडियन नेशनल लोकदल, जननायक जनता पार्टी भी मैदान में है… अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप ने भी सभी नब्बे सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं… आप को चुनाव में सबसे ज्यादा कांग्रेस और

बीजेपी के बागी नेताओं से उम्मीदें हैं…. दो हजार उन्नीस से इतर इस बार आप ने अपने संगठन का विस्तार भी कर लिया… और कई इलाकों में मजबूत पकड़ भी बनाई है…. हालांकि, ये तो चुनाव नतीजे के बाद ही स्पष्ट होगा कि आप का विधानसभा चुनाव में कितना जादू चलता है…. लेकिन, अरविंद केजरीवाल की रिहाई ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के चेहरे पर चमक बिखेर दी है….

फिलहाल, हरियाणा विधानसभा चुनाव में अब तक केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल मोर्चा संभाले देखी गई हैं…. और केजरीवाल की गैरमौजूदगी में धुआंधार प्रचार कर रहीं थीं… और उन्होंने केजरीवाल को हरियाणा के लाल और हरियाणा के शेर के तौर पर पेश किया है…. हरियाणा में बारह सितंबर को नामांकन की प्रक्रिया समाप्त हो गई है…. और अब प्रचार अभियान ने गति पकड़ ली है…. बड़े नेताओं की रैलियों के कार्यक्रम तय हो गए हैं…. ऐसे में केजरीवाल की रिहाई टाइमिंग के हिसाब से परफेक्ट मानी जा रही है…. चूंकि, हरियाणा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने अकेले दम पर लड़ने का फैसला किया है… हरियाणा में आम आदमी पार्टी का संगठन दिल्ली और पंजाब की तुलना में काफी कमजोर है… और ऐसे में केजरीवाल की कैंपेनिंग से ही उम्मीदवारों को सबसे ज्यादा उम्मीद है…. कांग्रेस से गठबंधन की बातचीत टूटने के बाद विपक्षी गठबंधन में भी फूट दिखाई दे रही है…. जानकार कहते हैं कि केजरीवाल के बाहर आने से अब ना सिर्फ संगठन में एकजुटता देखने को मिल सकती है…. बल्कि नाराज नेताओं को भी मनाकर चुनावी अभियान में जुटाने में मदद मिल सकती है….

आपको बता दें कि केजरीवाल के लिए दिल्ली राजनीतिक कर्मभूमि है तो हरियाणा उनका अपना गृह राज्य है….. केजरीवाल का हरियाणा में हिसार के खेड़ा में पुश्तैनी गांव है…. अक्सर राजनीतिक कार्यक्रमों में भी केजरीवाल खुद को हरियाणा से जोड़ते आए हैं…. केजरीवाल को दिल्ली वालों की नब्ज पहचानने में माहिर माना जाता है…. और उन्होंने हरियाणा के पड़ोसी राज्य पंजाब में भी अपनी पार्टी की सरकार बनवाकर इतिहास बनाया है…. अब दिल्ली और पंजाब के पड़ोसी राज्य हरियाणा की बारी है…. आप नेता अपने चुनावी प्रचार में इस बात का भी जिक्र कर रहे हैं…. केजरीवाल भी अपने चुनावी अभियान में इसे मुद्दा बना सकते हैं… और आम जनता में भी इसका असर देखने को मिल सकता है…. जानकारों का कहना है कि केजरीवाल की रिहाई से आप को बूस्टर मिलेगा और पार्टी मजबूत होगी…. संगठन एकजुट होगा और अपने सबसे बड़े चेहरे के जरिए बीजेपी…. और कांग्रेस को घेरने में मदद मिल सकेगी…. केजरीवाल की रिहाई को कांग्रेस के लिए भी टेंशन माना जा रहा है…. क्योंकि आप बड़े स्तर पर कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा सकती है… और नुकसान पहुंचा सकती है….

 

 

 

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