आज फिर सत्य की जीत, केजरीवाल की जमानत पर आम आदमी पार्टी में खुशी की लहर, भाजपा ने की इस्तीफे की मांग

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। हरियाणा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के लिए ये बड़ी राहत की खबर है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही आम आदमी पार्टी में खुशी की लहर दौड़ गई। मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज और आतिशी सहित आप नेताओं ने सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा ज़मानत दिए जाने पर जश्न मनाया और मिठाई बांटी।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि झूंठ और साजिशों के खिलाफ लड़ाई में आज पुन: सत्य की जीत हुई है। सिसोदिया ने आगे कहा, एक बार पुन: नमन करता हूं बाबा साहेब अंबेडकर जी की सोच और दूरदर्शिता को, जिन्होंने 75 साल पहले ही आम आदमी को किसी भावी तानाशाह के मुकाबले मजबूत कर दिया था। सिसोदिया ने कहा कि ये एक बार फिर साबित हो गया है कि अरविंद केजरीवाल जैसा सच्चा, ईमानदार, देशभक्त नेता इस देश में नहीं है। जिनको गिरफ्तार करने के लिए भाजपा ने हज़ारों तरह की साजिश रची। उन्हें जेल में डाला। आज सुप्रीम कोर्ट का हम धन्यवाद करते हैं जिनके कारण आज सच्चाई की जीत हुई है और झूठ का पर्दाफाश हुआ है।
दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, करीब 40 लोगों को आरोपी बनाया गया था और सिर्फ दो लोग आज जेल में बचे थे, इसलिए जमानत तय थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की जांच एजेंसियों के बारे में जो कहा वो केंद्र सरकार के लिए बड़ी फटकार है। सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया कि अरविंद केजरीवाल को जेल में रखने के लिए केंद्र सरकार की एजेंसी ये षड्यंत्र कर रही थी। केंद्र सरकार के गृह मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी गिरफ्तारी वैध है, उन पर आरोप वैध हैं। केजरीवाल को सशर्त जमानत मिलना कोई विशेष उपलब्धि नही है। मुकदमा चलेगा और उन्हे शीघ्र लंबी सजा होगी। केजरीवाल याद रखें वह अब जयललिता, लालू यादव, मधु कोड़ा जैसे मुख्यमंत्रियों की सूची में जुड़ गए हैं और उन्हे भी जमानत मिली थी और वह शीघ्र सजा पा कर फिर जेल जाएंगे। जिन शर्तों पर अरविंद केजरीवाल को जमानत मिली है उनके चलते, केजरीवाल को जमानत बेशक मिली हो पर उन्हे अब मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। जब वह मुख्यमंत्री का काम नहीं कर सकेंगे तो वो मुख्यमंत्री क्यों। अगर वो सच्चे हैं तो यह शर्त क्यों, इस्तीफा दें केजरीवाल।

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