ट्रंप की टैरिफ से बढ़ा भारत में सियासी बवाल

विपक्षी सांसदों का विरोध प्रदर्शन, विपक्ष बोला- यह भारतीय अर्थव्यवस्था पर बहुत बड़ा हमला, कांग्रेस ने संसद में मामले को उठाया

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। भारत पर अमेरिकी टैरिफ के मुद्दे पर पूरे देश में सियासी बवाल मचा है। विपक्षी सांसदों ने संसद के मकर द्वार के सामने विरोध प्रदर्शन किया। शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि देखिए, अब क्या हुआ है।
अमेरिका ने हम पर टैरिफ लगा दिया है। (भारत और अमेरिका के बीच) दोस्ती थी, लेकिन देखिए अब क्या हुआ है। कांग्रेस सांसद अमरिंदर सिंह राजा वडिंंग ने कहा, प्रधानमंत्री को सदन में आना चाहिए और टैरिफ के मुद्दे पर जवाब देना चाहिए।

सरकार संसद बंद करके भाग रही : वेणुगोपाल

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कल भी हमने सदन में इस मुद्दे को उठाया था। विपक्ष के नेता ने भी इसे उठाया था। यह भारतीय अर्थव्यवस्था पर बहुत बड़ा हमला होगा। हम इस पर सरकार से जवाब मांग रहे हैं, लेकिन सरकार संसद बंद करके भाग रही है। वित्त मंत्री जवाब नहीं दे रहे हैं। इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 26 प्रतिशत जवाबी शुल्क (टैरिफ) लगाये जाने का मुद्दा बृहस्पतिवार को लोकसभा में उठाया और सरकार से सवाल किया कि इसे लेकर वह क्या करने जा रही है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने सदन में शून्यकाल के दौरान, चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र पर अतिक्रमण करने का दावा करते हुए यह भी कहा कि इस पड़ोसी देश के साथ संबंध सामान्य होने चाहिए, लेकिन उससे पहले सीमा पर पूर्व की स्थिति बहाल होनी चाहिए और भारत की भूमि लौटाई जानी चाहिए।

सरकार बताए क्या करने जा रही है: राहुल गांधी

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘‘हमारे साझेदार देश (अमेरिका) ने 26 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है जो हमारी अर्थव्यवस्था को तबाह कर देगा, हमारा ऑटो उद्योग, दवा उद्योग और कृषि सभी कतार में हैं।’’ उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि वह क्या करने जा रही है। अमेरिका के राष्टï्रपति ट्रंप ने भारत पर 26 प्रतिशत का ‘रियायती जवाबी शुल्क’ लगाने की घोषणा की है। ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस के रोज गार्डन से विभिन्न देशों पर शुल्क लगाने की घोषणा करते हुए कहा था, ‘‘भारत हमसे 52 प्रतिशत शुल्क लेता है, इसलिए हम उनसे इसका आधा, 26 प्रतिशत शुल्क लेंगे।

तमिलनाडु को नीट से छूट देने से केंद्र का इनकार

स्टालिन ने सभी विधायकों को मीटिंग के लिए बुलाया
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 9 अप्रैल की शाम को सचिवालय में सभी विधायकों की एक परामर्श बैठक बुलाई है। केंद्र सरकार द्वारा छात्रों को राष्टï्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) से छूट देने की राज्य की याचिका को खारिज किए जाने के बाद यह बैठक बुलाई गई है।
एक विस्तृत बयान में स्टालिन ने दोहराया कि राज्य की दशकों पुरानी मेडिकल प्रवेश प्रणाली ने देश के कुछ बेहतरीन डॉक्टरों को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्टालिन ने कहा कि नीट परीक्षा की शुरूआत के साथ, ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों के लिए चिकित्सा की पढ़ाई करने का सपना अप्राप्य हो गया है, क्योंकि उनके पास कोचिंग सुविधाओं तक पहुंच नहीं है। उन्होंने कहा कि एनईईटी शहरी छात्रों को असंगत रूप से लाभ पहुंचाता है, जो महंगे कोचिंग सेंटरों का खर्च उठा सकते हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस परीक्षा ने विशेषाधिकार प्राप्त और वंचित उम्मीदवारों के बीच की खाई को चौड़ा कर दिया है। स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु के लोगों की सामूहिक आवाज को दर्शाते हुए, राज्य सरकार ने एनईईटी के प्रभाव की गहन जांच करने के लिए न्यायमूर्ति ए.के. राजन के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया।

तमिलनाडु विधानसभा में प्रस्ताव पारित करके की थी मांग

समिति के निष्कर्षों के कारण तमिलनाडु विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसके बाद एक सर्वदलीय बैठक हुई जिसमें राज्य की एनईईटी से छूट की मांग की पुष्टि की गई। स्टालिन ने कहा कि छूट की मांग करने वाला विधेयक राज्यपाल के माध्यम से केंद्र को भेजा गया और उसके बाद केंद्रीय मंत्रालयों को विस्तृत स्पष्टीकरण दिया गया। मुख्यमंत्री ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा, हमारे सभी प्रयासों और सही तर्कों के बावजूद, केंद्र सरकार ने तमिलनाडु के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है।

अपनी हद में रहें नितेश राणे: संजय राउत

पाकिस्तान को हिंदू राष्ट्र बनाने का दिया था बयान

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता नितेश राणे ने कहा है कि उनकी पार्टी पाकिस्तान को ‘हिंदू राष्ट्र’ बनाना चाहती है। मत्स्य और बंदरगाह विकास मंत्री राणे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर यह बयान दिया।
उन्होंने अपने पोस्ट में शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत के उस आरोप का जवाब दिया जिसमें राउत ने कहा था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भारत को ‘हिंदू पाकिस्तान’ बनाना चाहते हैं। राणे ने लिखा, लेकिन हम पाकिस्तान को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं। इसे ध्यान में रखें और अपनी हद में रहें। मंत्री का यह बयान शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित राउत के हालिया साप्ताहिक लेख के संदर्भ में माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने भाजपा पर सांप्रदायिक नफरत फैलाने और भारत को ‘हिंदू पाकिस्तान’ बनाने की दिशा में ले जाने का आरोप लगाया था। इससे पहले, राणे ने छत्रपति संभाजीनगर जिले के खुल्ताबाद में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की थी। साथ ही, उन्होंने केरल को ‘मिनी पाकिस्तान’ भी कहा था।

मुँह से निकला रिपीट, मन में था डिलीट: अखिलेश यादव

सीएम योगी को लेकर गृह मंत्री के रिपीट वाले बयान पर सपा प्रमुख का वार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। लोकसभा में बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के तंज पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संदर्भ में एक प्रतिक्रिया दी थी।अब उस पर सपा चीफ ने फिर से टिप्पणी की है। दरअसल, गृह मंत्री शाह ने अखिलेश के तंज पर लोकसभा में कहा था- वो (योगी आदित्यनाथ) भी रिपीट होंगे।
अब अखिलेश ने गृह मंत्री के बयान के संदर्भ में कहा- मुँह से निकला रिपीट, मन में था डिलीट! बता दें गृहमंत्री अमित शाह जब वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान अपनी बात रख रहे थे तभी कन्नौज सांसद अखिलेश यादव ने पूछा कि हमारे योगी आदित्यनाथ के बारे में कुछ नहीं बोलेंगे क्या. इस पर शाह ने कहा वह भी रिपीट होने वाले हैं। शाह का बयान ऐसे वक्त में आया था जब भारतीय जनता पार्टी के विधायक श्याम प्रकाश के बयान की चहुंओर चर्चा थी। अपने बयान में श्याम प्रकाश ने कहा था कि बाबा दिल्ली जाएं और केशव प्रसाद मौर्य सीएम बनें। इसके अलावा सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी अपने राजनीतिक भविष्य से जुड़े सवालों पर भी बीते एक साक्षात्कार में कहा था कि वह योगी हैं, राजनीति उनके लिए फुल टाइम जॉब नहीं है, वह कब तक सीएम रहेंगे इसकी भी समय सीमा है।
अखिलेश यादव ने उसी दिन बीजेपी पर भी तंज कसा था. उन्होंने कहा था कि ये जो बिल लाया जा रहा है, भाजपा के अंदर एक मुकाबला चल रहा है। खराब हिंदू कौन बड़ा है, जो पार्टी खुद को कहती है कि वो दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है, वो अभी तक अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं कर सकी है, ये भाजपा क्या है.इस पर अमित शाह ने भी उसी अंदाज में सपा सांसद अखिलेश यादव को जवाब दिया था। उन्होंने कहा था कि अखिलेश यादव ने हंसते-हंसते अपनी बात रखी और मैं भी हंसते हुए जवाब देना चाहूंगा। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा था कि मेरे सामने जितनी भी पार्टियां हैं, उनमें परिवार के पांच लोगों को ही राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनना है. हमें 12-13 करोड़ सदस्यों में से प्रक्रिया के बाद चुनना है। इसलिए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव में थोड़ा समय लग रहा है, आपकी पार्टी में अध्यक्ष के चुनाव में बिल्कुल भी समय नहीं लगेगा. लेकिन, मैं ये बात गारंटी से कह सकता हूं कि आप 25 साल अध्यक्ष बने रहेंग। अमित शाह की टिप्पणी पर अखिलेश यादव भी मुस्कुराते हुए नजर आए।

बुलडोजर एक्शन के बीच किताब लेकर भागने वाली बच्ची को अखिलेश पढ़ाएंगे

उत्तर प्रदेश स्थित अंबेडकर नगर में एक घर पर बुलडोजर एक्शन का वीडियो वायरल हुआ था। इसमें देखा जा सकता था कि एक बच्ची अपनी किताबें लेकर घर से बाहर निकल रही थी। अब अखिलेश ने इस बच्ची को लेकर बड़ा ऐलान किया है। सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि- जो बच्चों का भविष्य उजाड़ते हैं, दरअसल वो बेघर होते हैं. हम इस बच्ची की पढ़ाई का संकल्प उठाते है। सपा चीफ ने लिखा- पढ़ाई का मोल पढऩेवाले ही जानते हैं. बुलडोजऱ विध्वंसक शक्ति का प्रतीक है, ज्ञान, बोध या विवेक का नहीं. बुलडोजऱ अहंकार के ईंधन से, दंभ के पहियों पर सवार होकर चलता है, इसमें इंसाफ़ की लगाम नहीं होती है। एक साक्षात्कार में अनन्या यादव ने कहा कि हमारी मम्मी हमको रोक रहीं थीं कि मत जाओ लेकिन हम गए. हमको लगा किताब जल जाएगी। हम पढ़ लिखकर आईएएस बनना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि हमारे पापा दिल्ली जाएं और वो पैसा कमाकर घर बनवाएं।

कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर रार

डीके शिवकुमार की होगी छुट्टी? मंत्रियों के एक ग्रुप ने डाला दिल्ली में डेरा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बेंगलुरू। कर्नाटक की सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर रस्साकशी शुरू हो गई है। केएन राजन्ना, सतीश जारकीहोली और एमबी पाटिल जैसे मंत्रियों के एक ग्रुप दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और पार्टी हाईकमान से उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष के रूप में बदलने का आग्रह कर रहे हैं। उनका तर्क सीधा है।
शिवकुमार, जो पहले से ही उपमुख्यमंत्री के महत्वपूर्ण पद को संभाल रहे हैं, पार्टी के आगामी स्थानीय निकाय और बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) चुनावों पर अपेक्षित ध्यान नहीं दे पाएंगे। हालांकि, दिल्ली में कांग्रेस नेतृत्व कोई जोखिम लेने के मूड में नहीं है। पार्टी के पास सिर्फ़ तीन राज्यों में सत्ता है, इसलिए हाई कमान कर्नाटक को सिर्फ़ एक गढ़ के तौर पर नहीं बल्कि गारंटी योजनाओं की बदौलत शासन की सफलता के प्रतीक के तौर पर भी देखता है।
वरिष्ठ नेताओं को डर है कि इस समय कोई भी बदलाव गलत संकेत दे सकता है और पार्टी ने दूसरे राज्यों में जो गति पकड़ी है, उसे बिगाड़ सकता है। संगठन के भीतर शिवकुमार की बढ़ती मौजूदगी का सवाल भी है। उन्होंने न केवल कर्नाटक में 2019 के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पार्टी को पुनर्जीवित करने में मदद की है, बल्कि तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में नाजुक बदलावों को संभालने के लिए नेतृत्व द्वारा उन पर भरोसा भी किया गया है। उन्हें बदलने से न केवल कर्नाटक में आंतरिक कलह शुरू हो सकती है – बल्कि इसका असर पार्टी के राष्ट्रीय ढांचे पर भी पड़ सकता है।

पार्टी चाहेगी तो वे बदलाव का विरोध नहीं करेंगे : शिवकुमार

शिवकुमार ने खुद कहा है कि अगर पार्टी चाहेगी तो वे बदलाव का विरोध नहीं करेंगे, लेकिन उनके समर्थकों ने इस बात पर संदेह जताया है कि उनकी जगह कौन प्रभावी रूप से ले सकता है। सिद्धारमैया खेमे के पसंदीदा पूर्व राज्य कांग्रेस प्रमुख दिनेश गुंडू राव का नाम सामने आया है, लेकिन कई लोगों को याद है कि 2019 में उनके नेतृत्व में पार्टी लोकसभा चुनाव में सिर्फ़ एक सीट ही जीत पाई थी। शिवकुमार के कार्यभार संभालने के बाद ही राज्य इकाई ने फिर से अपनी स्थिति मजबूत की। फिलहाल, कांग्रेस सुरक्षित खेल खेलती दिख रही है। सभी संकेत इस ओर इशारा करते हैं कि शिवकुमार केपीसीसी अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे – न केवल कर्नाटक में उनके प्रदर्शन की वजह से, बल्कि इसलिए भी क्योंकि पार्टी आंतरिक अस्थिरता बर्दाश्त नहीं कर सकती, क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण चुनावी मौसम में प्रवेश कर रहा है।

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