ट्रांसफर-पोस्टिंग के खेल में बड़ी मछलियों को बचाने का प्रयास
- बसपा प्रमुख मायावती ने यूपी सरकार पर लगाया आरोप
लखनऊ। पांच राज्यों में पार्टी संगठन की समीक्षा करते हुए बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश सरकार पर पैने तीर चलाए। मायावती ने कहा कि यूपी में हर स्तर पर जारी भारी भ्रष्टाचार से त्रस्त जनता ने अब यह भी देख लिया कि सरकारी ट्रांसफर-पोस्टिंग में किस प्रकार भ्रष्टाचार का खेल हुआ है। यह एक धंधा बन गया है, जिसका खुलासा अंतत: सरकार को मजबूर होकर खुद ही करना पड़ा है। हालांकि इस खेल में बड़ी मछलियों को बचाने का प्रयास अभी भी लगातार जारी है। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार काफी पहले से भारी अंतर्कलह व जातिवादी आंतरिक बिगाड़ का शिकार है, जिससे शासन व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। इससे आमजन काफी प्रभावित है। अतिखर्चीले सरकारी विज्ञापनों और झूठे प्रचार के साथ निरंतर सांप्रदायिक एवं धार्मिक विवादों के माध्यम से इन पर पर्दा डालने का प्रयास होता रहता है। मायावती ने कहा कि भाजपा सरकार में जातिवाद, सांप्रदायिकता, भ्रष्टाचार और नेताओं के आपसी घमासान से जनहित व विकास न जाने कब तक और कितना लंबा प्रभावित होता रहेगा? इसके अलावा बसपा प्रमुख ने गुजरात, महाराष्टï्र, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ वहां के राजनीतिक हालात, कानून-व्यवस्था, चुनावी तैयारियों, संगठन के कार्यकलापों, जनाधार को बढ़ाने के लिए सक्रियता आदि के बारे में चर्चा और समीक्षा की। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि ने कहा कि खासकर गुजरात, महाराष्टï्र व कर्नाटक में आगामी विधानसभा आम चुनाव में मिशनरी सोच वालों पर ज्यादा भरोसा करना होगा, ताकि घोर स्वार्थी, विश्वासघाती व बिकाऊ सोच रखने वाले लोगों से पार्टी व मूवमेंट को थोड़ी मुक्ति मिल सके। वैसे यह समस्या हर पार्टी में पैदा हो गई है, जिसकी वजह से देश के विभिन्न राज्यों में सत्ता पलट व राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है। धनबल का गंदा खेल जारी है। मायावती ने कहा कि महाराष्टï्र बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की खास कर्मस्थली रहा है। वहां के लोगों की उनके मानवतावादी मूवमेंट के प्रति विशेष जिम्मेदारी बनती है, जिसको समझकर आगे बढ़ने की जरूरत है।
एक्सप्रेस-वे से प्रदेश को मिली नई पहचान : नंदी
प्रयागराज। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को लेकर समाजवादी पार्टी लगातार हमलावर है। इस पर उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने भी करारा जवाब दिया है। सपा मीडिया सेल ने नया ट्वीट करते हुए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस को बेहतर बताया है। इस पर मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने करारा जवाब दिया है। यूपी के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने ट्वीट में लिखा है कि जिन्होंने सत्ता के लिए पिता व चाचा का अपमान किया उनसे क्या बात करें। मंत्री नंदी ने रीट्वीट कर समाजवादी पार्टी मीडिया सेल का कुछ इस तरह से जवाब दिया है। मिस्टर मिडिया सेल! ये जानकर खुशी हुई कि आपकी पार्टी में कोई ऐसा नेता नहीं बचा जो जवाब दे सके। हमें मानक और मर्यादा का पाठ उनसे सीखने की कतई आवश्यकता नहीं है जिन्होंने सत्ता के लिए अपने बुजुर्ग पिता और चाचा का अपमान करने में गुरेज नहीं किया। वहीं पिता जिन्होंने कभी मुख्यमंत्री की कुर्सी गिफ्ट की थी। उनकी बनाई पार्टी पर कब्जा करके छीनकर जबरदस्ती स्वयंभू राष्टï्रीय अध्यक्ष बन गए। ट्वीट में मंत्री नंदी ने लिखा कि हमने पांच सालों में विश्वस्तरीय पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे तैयार कर प्रदेश की जनता को लोकार्पित कर दिया और गंगा एक्सप्रेस-वे का काम शुरू कर दिया। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में देश-दुनिया में उत्तर प्रदेश को एक्सप्रेस प्रदेश की नई पहचान मिली है। नंदी ने कहा प्रदेश के विकास को योगी सरकार ही आगे बढ़ा सकते हैं। जब से योगीजी ने सत्ता संभाली है, तब से प्रदेश लगातार विकास के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा आज प्रदेश को योगी जैसे नेता की जरूरत है।
अब आसानी से जिलों में क्लस्टर बना सकेंगे प्रदेश के किसान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के किसान अब आसानी से जिलों में क्लस्टर बना सकेंगे। योगी सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों का कृषि उत्पाद तय कर दिया है। जिले के लिए चिन्हित उत्पाद का क्लस्टर बनाने पर सरकार किसानों को अनुदान भी देगी। बशर्ते उन्हें कुल कृषि उत्पाद का 30 प्रतिशत हिस्सा निर्यात करना होगा। इसमें फल, सब्जी, खाद्यान्न, औषधीय पौधों से उत्पादन, अन्य फसलों, जैविक उत्पादों आदि को रखा गया है। उत्तर प्रदेश में कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने व नए ढांचे की व्यवस्था के लिए उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति 2019 जारी की गई। इसका उद्देश्य कृषि फसलों व उत्पादों के निर्यात की क्षमता का सदुपयोग करना व किसानों की आय को बढ़ाना है। नीति में किसानों के हित को देखते हुए 2021 में पहला संशोधन करके 20-20 हेक्टेयर की आपस में मिली हुई कृषि भूमि की अनिवार्यता खत्म की जा चुकी है। अब अपर मुख्य सचिव कृषि डा. देवेश चतुर्वेदी की ओर से हर जिले का कृषि उत्पाद तय कर दिया गया है। इनमें फल, सब्जी, खाद्यान्न, औषधीय पौधों से उत्पादन, भौगोलिक संकेत वाली फसलें, जैविक उत्पाद, डेयरी उत्पाद भी शामिल हैं। संबंधित जिलों में इन फसलों का किसान आसानी से क्लस्टर बना सकते हैं। इसके लिए सरकार उन्हें अनुदान भी देगी। कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार निदेशालय के निदेशक डॉ. सुग्रीव शुक्ला ने बताया कि एक क्लस्टर 50 से 100 हेक्टेयर का हो सकता है। क्लस्टर में किसान कितने होंगे इसकी संख्या तय नहीं है। इन्हें 10 लाख रुपए सरकार अनुदान देगी। पहले वर्ष 40 प्रतिशत और शेष चार वर्षों में 15-15 प्रतिशत अनुदान का धन वर्षवार मिलेगा। बशर्ते उन्हें फसल उत्पाद का 30 प्रतिशत निर्यात करना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि कृषि भूमि का क्षेत्रफल बढ़ने पर छह लाख रुपये अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा। जैसे 150 हेक्टेयर पर 16 लाख, 200 हेक्टेयर पर 22 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा।