अहमदाबाद हादसे से पहले ही ब्रिटेन की चेतावनी, बोइंग विमान में फ्यूल स्विच की खामी

अहमदाबाद में हुए विमान हादसे से ठीक 4 हफ्ते पहले ब्रिटेन ने बोइंग विमानों को लेकर बड़ा अलर्ट जारी किया था... चेतावनी में कहा गया था कि...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171……. एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर……. टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद मेघानी नगर में एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की इमारत से टकरा कर दुर्घटनाग्रस्त हो गई……. इस भयानक हादसे में 241 यात्रियों और 12 चालक दल के सदस्यों सहित कुल 270 लोगों की मौत हो गई……. जिसमें 29 स्थानीय लोग शामिल थे…… केवल एक यात्री जीवित बचा….. बता दें कि इस हादसे ने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में हवाई सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं……

बता दें कि हादसे की जांच में सामने आया कि इस दुर्घटना का कारण बोइंग विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच में संभावित खामी हो सकती है…… जिसके बारे में चार हफ्ते पहले ही ब्रिटेन की सिविल एविएशन अथॉरिटी (CAA) ने चेतावनी दी थी…… यह चेतावनी बोइंग 787-8, -9 और -10 सीरीज के विमानों के लिए थी……. जिसमें फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच…… और जरूरत पड़ने पर मरम्मत या बदलाव की सलाह दी गई थी……. इस खबर में हम इस हादसे के कारणों, चेतावनियों, जांच प्रक्रिया और जिम्मेदारी पर विस्तार से चर्चा करेंगे……

आपको बता दें कि एयर इंडिया विमान हादसे की जांच के लिए विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो…… और अमेरिका के राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड ने संयुक्त रूप से काम शुरू किया……. प्रारंभिक जांच में पाया गया कि हादसे का मुख्य कारण विमान के दोनों इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच का अचानक ‘रन’ से ‘कटऑफ’ मोड में चला जाना था…… फ्यूल कंट्रोल स्विच विमान के इंजनों में ईंधन के प्रवाह को नियंत्रित करता है…… ‘रन’ मोड में इंजन को ईंधन मिलता है…… जबकि ‘कटऑफ’ मोड में ईंधन की आपूर्ति बंद हो जाती है……

AAIB की 15 पेज की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार……. टेकऑफ के दौरान जब विमान अपनी अधिकतम गति पर था……. दोनों इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच एक-एक सेकंड के अंतराल पर ‘कटऑफ’ मोड में चले गए……. इसके बाद स्विच फिर से ‘रन’ मोड में आए……. लेकिन तब तक विमान बहुत नीचे आ चुका था…… और पायलट इसे नियंत्रित नहीं कर सके…… एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि तुमने फ्यूल क्यों बंद किया…… जिसका जवाब था…. मैंने नहीं किया…… यह बातचीत ब्लैक बॉक्स में रिकॉर्ड हुई…… जो हॉस्टल की छत पर मिला था…….

महत्वपूर्ण बात यह है कि इस हादसे से चार हफ्ते पहले…… ब्रिटेन की CAA ने बोइंग 787 सीरीज के विमानों के लिए एक चेतावनी जारी की थी……. इस चेतावनी में कहा गया था कि फ्यूल कंट्रोल स्विच में खामी हो सकती है…… जिसके कारण यह अपने आप ‘कटऑफ’ मोड में जा सकता है…… CAA ने सभी एयरलाइनों को सलाह दी थी कि वे अपने बोइंग विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच करें….. और जरूरत पड़ने पर उन्हें रिपेयर या बदल दें…….

इसके अलावा 2018 में अमेरिका की फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने भी एक विशेष एयरवर्थनेस इन्फॉर्मेशन बुलेटिन जारी किया था……. जिसमें फ्यूल कंट्रोल स्विच के लॉकिंग फीचर के डिसएंगेज होने की संभावना को लेकर चेतावनी दी गई थी…… हालांकि, इसे गंभीर खतरे के रूप में नहीं माना गया…… और कोई अनिवार्य निर्देश जारी नहीं किया गया……. एयर इंडिया ने बताया कि चूंकि यह केवल एक सलाह थी……… इसलिए उन्होंने सुझाए गए निरीक्षण नहीं किए…….

हादसे के बाद बोइंग और FAA ने संयुक्त रूप से बयान जारी किया…… जिसमें कहा गया कि बोइंग 787 विमानों में लगे फ्यूल कंट्रोल स्विच पूरी तरह सुरक्षित हैं……. और ये अपने आप ‘कटऑफ’ मोड में नहीं जा सकते……. बोइंग ने दावा किया कि विमान का रखरखाव रिकॉर्ड पूरी तरह ठीक था…… और हादसे से पहले इसकी पूरी जांच की गई थी…… FAA ने कहा कि इस निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले और जांच की जरूरत है…….

हालांकि, बोइंग और FAA के इस बयान से भारतीय पायलटों और एविएशन विशेषज्ञों में नाराजगी देखी गई…… एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सैम थॉमस ने कहा कि 2018 की चेतावनी में संभावित खामियों का जिक्र था……. अगर उस समय इसे गंभीरता से लिया गया होता……. तो शायद यह हादसा टाला जा सकता था……. पायलटों को अब कम से कम जांच प्रक्रिया में शामिल करना चाहिए…….

वहीं हादसे के बाद भारत के नागर विमानन महानिदेशालय ने शीघ्र कार्रवाई करते हुए सभी एयरलाइन ऑपरेटरों को 21 जुलाई 2025 तक अपने बोइंग 787 विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच पूरी करने का निर्देश दिया……. DGCA ने कहा कि इस समयसीमा का कड़ाई से पालन अनिवार्य है……. साथ ही एयर इंडिया के सभी 33 बोइंग 787 विमानों में से 9 की जांच पूरी हो चुकी है……. और बाकी की जांच चल रही है……

DGCA ने यह भी आदेश दिया कि सभी बोइंग और मैकडॉनेल डगलस मॉडल के विमानों में फ्यूल कंट्रोल सिस्टम की जांच की जाए……. यह निर्देश 2018 के FAA बुलेटिन के आधार पर दिया गया……. जिसमें फ्यूल कंट्रोल स्विच की संभावित समस्याओं की चेतावनी दी गई थी……

इस हादसे ने अहमदाबाद के मेघानी नगर इलाके को तबाही के मंजर में बदल दिया……. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की इमारत पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई……. और आसपास के क्षेत्र में काला धुआं फैल गया……. राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू किए गए……. गुजरात सरकार ने 591 लोगों की टीम और 192 एम्बुलेंस की व्यवस्था की……. केंद्र सरकार ने हाई-लेवल मल्टी-डिसिप्लिनरी पैनल का गठन किया……. जिसकी अगुआई यूनियन होम सेक्रेटरी ने की……

वहीं यह हादसा बोइंग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने वाला एक और अध्याय बन गया है……. बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर को अपनी फ्यूल एफिशिएंसी और आरामदायक सफर के लिए जाना जाता है…… लेकिन इसकी सुरक्षा को लेकर पहले भी कई बार सवाल उठ चुके हैं……. 2019 में यह विमान 7 महीने तक ग्राउंडेड रहा था…… लेकिन इसके कारण सार्वजनिक नहीं किए गए…….. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बोइंग ने आर्थिक दबाव के कारण गुणवत्ता पर ध्यान देना कम कर दिया है…….

हादसे के बाद सोशल मीडिया पर भी बोइंग की आलोचना हुई……. कई लोगों ने कंपनी की क्वालिटी कंट्रोल और रखरखाव प्रक्रियाओं पर सवाल उठाए…… हादसे में मारे गए पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल को 8,200 घंटे का उड़ान अनुभव था…… वह अपने काम में माहिर थे…….. लेकिन कुछ समय से नौकरी छोड़ने की सोच रहे थे……. दोनों पायलटों ने टेकऑफ से पहले ब्रेथलाइजर टेस्ट पास किया था…….. और उनकी मेडिकल फिटनेस रिपोर्ट में भी कोई कमी नहीं थी…….

चालक दल में शामिल एयर होस्टेस मैथिली पाटिल और अपर्णा महाडिक की कहानियां भी हृदयविदारक हैं……. मैथिली ने आर्थिक तंगी के बावजूद अपनी पढ़ाई पूरी की थी…… और हाल ही में एयर होस्टेस बनी थी……. अपर्णा 10 साल से एयर इंडिया में कार्यरत थीं….. और उनकी 10 साल की बेटी है…..

इस हादसे ने न केवल यात्रियों और उनके परिवारों को प्रभावित किया…… बल्कि स्थानीय समुदाय पर भी गहरा असर डाला……. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में पढ़ने वाले छात्रों की मौत ने चिकित्सा समुदाय को झकझोर दिया……. बीजे मेडिकल कॉलेज की डीन मीनाक्षी परीख भी इस हादसे में मारी गईं…….

बता दें कि आर्थिक रूप से इस हादसे का असर एविएशन इंश्योरेंस सेक्टर पर पड़ने की आशंका है……. अनुमान है कि कुल क्लेम 3,000 करोड़ रुपये तक हो सकता है……. जो भारत में अब तक का सबसे महंगा एविएशन क्लेम होगा……. एयर इंडिया ने हादसे से दो महीने पहले विमान का बीमा कवर 750 करोड़ से बढ़ाकर 850 करोड़ रुपये किया था…..

अगर 2018 और 2025 की चेतावनियों पर गंभीरता से अमल किया गया होता……. तो क्या यह हादसा टाला जा सकता था……. क्या एयर इंडिया ने रखरखाव और सुरक्षा जांच में लापरवाही बरती……. क्या बोइंग ने अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह निभाई…… और क्या DGCA और FAA जैसे नियामक संस्थानों को और सख्त कदम उठाने चाहिए थे……. जिसके बाद एयर इंडिया ने दावा किया कि उसने सभी जरूरी रखरखाव……. और जांच प्रक्रियाओं का पालन किया था……. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि 2018 की FAA चेतावनी को केवल सलाह के रूप में लेना एक बड़ी चूक थी……

अहमदाबाद विमान हादसा भारत के एविएशन इतिहास में सबसे दुखद घटनाओं में से एक है…… यह हादसा न केवल तकनीकी खामियों…… बल्कि सिस्टम की कमियों और लापरवाही का भी परिणाम हो सकता है……. फ्यूल कंट्रोल स्विच की खामी को लेकर पहले से दी गई चेतावनियों को नजरअंदाज करना एक गंभीर सवाल है…… इस हादसे ने हवाई सुरक्षा, रखरखाव प्रक्रियाओं……. और नियामक संस्थानों की भूमिका पर नए सिरे से बहस छेड़ दी है…….

फिलहाल जांच अभी जारी है…… और AAIB की अंतिम रिपोर्ट जल्द ही आने की उम्मीद है…… यह जरूरी है कि इस हादसे से सबक लिया जाए और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं……. यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है, और इसके लिए सभी हितधारकों….. एयरलाइनों, निर्माताओं और नियामक संस्थानों को अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह निभानी होगी…… इस खबर में फिलहाल इतना ही…… ऐसी ही तमाम बड़ी और राजनीतिक खबरों के लिए बने रहिए और देखते रहिए…… 4पीएम न्यूज नेटवर्क……. धन्यवाद…..

 

Related Articles

Back to top button