14 साल पुराने गैंगस्टर मामले में मुख्तार अंसारी पर फैसला टला

गाजीपुर। गैंगस्टर से नेता बने माफिया मुख्तार अंसारी की किस्मत का फैसला मंगलवार को नहीं हो सका। गाजीपुर जिले की एमपी-एमएलए कोर्ट में माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ करंडा थाना में दर्ज गैंगस्टर के मामले में फैसला टल गया। अधिवक्ताओं के हड़ताल और जज के अवकाश पर रहने के कारण कोर्ट की कार्यवाही नहीं हुई। फैसले के लिए अब 15 जुलाई की तिथि तय की गई है। गैंगस्टर का यह मामला कपिलदेव सिंह की हत्या को लेकर दर्ज कराया गया था। इस मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है। फैसले के लिए पत्रावली सुरक्षित रख ली गई थी।
गाजीपुर जिले की एमपी-एमएलए कोर्ट में मुख्तार के खिलाफ दो मामले विचारधीन हैं। हालांकि पिछले नौ महीने में मुख्तार अंसारी के तीन मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने फैसला सुनाया है। जिसमें से गैंगस्टर के दो मामले में मुख्तार को 10-10 साल की सजा और जुर्माना हुआ है। साथ ही मुहम्मदाबाद के बहुचर्चित मीर हसन के हत्या के प्रयास के मामले में मुख्तार को दोषमुक्त किया गया।
वहीं, 13 जून को करंडा थाना में कपिल देव सिंह हत्या को लेकर मुख्तार के खिलाफ दर्ज गैंगस्टर के मामले में आज फैसला आना है। हाल ही में वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
वर्ष 2009 में करंडा के सबुआ निवासी कपिलदेव सिंह हत्याकांड और मुहम्मदाबाद के मीर हसन हत्या के प्रयास की साजिश के मामले को गैंगचार्ट में शामिल कर मुहम्मदाबाद पुलिस ने मुख्तार के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत किया था।
कपिलदेव सिंह हत्याकांड में मुख्तार पहले ही बरी हो चुका है। वहीं मीर हसन हत्या के प्रयास के मामले में भी बीते 17 मई को बरी हो चुका है। आज इसी मामले में कोर्ट अपना फैसला सुनाना था।

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