धर्मांतरण को लेकर VHP ने जताई चिंता, केंद्र सरकार से की कड़े कानून बनाने की मांग

VHP ने आरोप लगाया है कि धर्मांतरण से जुड़े कई तत्व आतंकवादी संगठनों से जुड़े हुए हैं और उन्हें विदेशी फंडिंग का सहारा मिल रहा है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: विश्व हिंदू परिषद ने देश में बढ़ते धर्मांतरण के मामलों पर गहरी चिंता व्यक्त की है और केंद्र सरकार ने इस पर सख्त, राष्ट्रव्यापी कानून बनाने की मांग की है।

संगठन का कहना है कि कई राज्यों में पहले से मौजूद कानून इस समस्या से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं है। VHP ने आरोप लगाया है कि धर्मांतरण से जुड़े कई तत्व आतंकवादी संगठनों से जुड़े हुए हैं और उन्हें विदेशी फंडिंग का सहारा मिल रहा है। परिषद ने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक संतुलन के लिए खतरा बनता जा रहा है। VHP ने सरकार से आग्रह किया है कि वह इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करे और एक प्रभावी केंद्रीय कानून लाए, जिससे देश भर में एक समान व्यवस्था लागू की जा सके।

धर्मांतरण को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने चिंता जताई है और मांग की कि धर्मांतरण को रोकने के लिए कड़े कानून बनाए जाएं. विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र जैन ने कहा कि छांगुर के बाद अब आगरा के अब्दुल रहमान को पकड़ा गया है. इससे इसका पुख्ता सबूत मिला है कि किस तरह से धर्मांतरण की प्रक्रिया चल रही है और धर्मांतरण का जाल पूरी मजबूती के साथ देश के हर कोने में बिछाया गया है. उन्होंने चिंता जताई कि कई राज्यों में धर्मांतरण को लेकर कानून बन गए हैं. इस बावजूद उन राज्यों में भी धर्मांतरण का काम चल रहा है. धर्मांतरण विरोधी कानून के बावजूद वे उन राज्यों में पूरी मजबूती से काम कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि आगरा से पकड़ा गया अब्दुल रहमान के पास जो लड़की बरामद हुई है. वह हरियाणा के रोहतक की निवासी थी. हरियाणा में पहले से ही धर्मांतरण विरोधी कानून लागू हैं. लेकिन यह दुख की बात है कि वहां इस कानून का पालन नहीं किया जा रहा है. प्रशासन में भी इसे लेकर सतर्कता नहीं है. जिस प्रकार से मिशनरी और मौलवी द्वारा लोगों को धर्मांतरण किया जा रहा है. यह पूरी शासन व्यवस्था के लिए एक गंभीर चुनौती है.

धर्मांतरण को लेकर विहिप का बड़ा हमला
डॉ जैन ने कहा कि अभी तक देश के 10- 12 राज्यों को लेकर जानकारी सामने आई है. लेकिन उन्हें आश्चर्य होता है कि उनमें से चार और पांच राज्य ऐसे हैं, जहां धर्मांतरण विरोधी कानून पहले से ही क्रियान्वित की जा चुकी है.

उन्होंने कहा कि हरियाणा, ओडिशा, उत्तराखंड, गुजरात सहित कई राज्यों में धर्मांतरण विरोधी कानून हैं. उसके बावजूद उन राज्यों में धर्मांतरण किया जा रहा है. और जिन राज्यों में धर्मांतरण विरोधी कानून नहीं है, वहां तो इ लोगों को खुला मैदान ही मिल गया है.

केंद्र सरकार से कड़ा कानून बनाने की मांग
उन्होंने अपील है कि केंद्र सरकार तुरंत ही एक ऐसा कड़ा कानून बनाए, जो केवल कुछ राज्यों में नहीं, बल्कि पूरे देश में लागू हो. उन्होंने कहा कि धर्मांतरण का कुचक्र केवल हिंदू समाज पर ही हमला नहीं कर रहा है, बल्कि धर्मांतरण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर खतरा बन गया है.

उन्होंने आरोप लगाया कि इन धर्मांतरणकारियों का सीधा संबंध एसडीपीआइ और पीफआई जैसे आतंकवादी संगठनों के साथ है. यह बात किसी से नहीं छुपी हुई है. उन्होंने कहा कि ये बात कौन नहीं जानता कि पूरी दुनिया के जिहादी तत्वों की ओर से इनको फंडिंग की जा रही है. किसी एक राज्य सरकार में यह ताकत नहीं है कि इनको रोक पाए. जिन राज्यों में इसके कानून नहीं है उनकी तो इसे लेकर कोई इच्छा शक्ति ही नहीं दिखती है. इसलिए यह जरूरी है कि धर्मांतरण रोकने के लिए केंद्र सरकार का कड़ा कानून बनाए और धर्मांतरण पर पूरी तरह से रोक लाए.

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