उपराष्ट्रपति का राहुल गांधी पर तंज, कुछ लोग विदेशों में देश विरोधी नैरेटिव फैलाते हैं
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ऐसे समय में जब देश अभूतपूर्व प्रगति कर रहा था और निवेश और अवसर के वैश्विक गंतव्य के रूप में उभर रहा था, उस समय हानिकारक, भयावह और राष्ट्र-विरोधी चरित्र वाले बयानों की जरूरत नहीं है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भारत के बारे में समय-समय पर फैलाई जाने वाली ‘‘कुटिल और राष्ट्र-विरोधी विमर्श’’ का मुकाबला करने के लिए सबसे आगे रहना होगा। यूरोप के दौरे पर गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर स्पष्ट रूप से कटाक्ष करते हुए धनखड़ ने कहा कि अगर ऐसे ‘‘हानिकारक’’ एजेंडे वाले लोगों के लिए यहां चीजें काम नहीं करती हैं, तो वे ‘‘यूरोप जा सकते हैं… ब्रिटेन जा सकते हैं, वहां हमेशा उन्हें सुनने वाले कुछ लोग होंगे।’’
राष्ट्रीय राजधानी में विश्व मामलों की भारतीय परिषद की पुनर्निर्मित लाइब्रेरी के उद्घाटन पर बोलते हुए उपराष्ट्रपति ने सवाल किया कि यदि देश, जो मानवता के छठे हिस्से का घर है, एक राजनीतिक शक्ति के रूप में अशांति को हथियार बनाने का जोखिम उठा सकता है जब वह सभी क्षेत्रों में तेजी से प्रगति कर रहा हो। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कुछ लोग भारत का विकास देखते हैं तो उन्हें हजम नहीं होता है। उन्होंने कहा कि ऐसे आख्यान समय-समय पर प्रसारित होते रहते हैं जो हानिकारक, भयावह और राष्ट्र-विरोधी हैं। जब यहां दाल नहीं गलती, तो आप यूरोप जा सकते हैं, आप ब्रिटेन जा सकते हैं, वहां हमेशा कुछ लोग आपको सुनने वाले होंगे।
आपको बता दें कि राहुल गांधी ने पिछले शुक्रवार को ब्रसेल्स में कहा था कि भारत के लोकतांत्रिक संस्थानों पर बड़े पैमाने पर हमला हुआ है और देश की लोकतांत्रिक संरचनाओं को ‘‘दबाने’’ के इस प्रयास पर यूरोपीय संघ के हलकों में चिंताएं हैं। इसके अलावा, हाल के मानसून सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में बार-बार व्यवधान पर चिंता व्यक्त करते हुए, उपराष्ट्रपति, जो राज्यसभा में कार्यवाही की अध्यक्षता भी करते हैं, ने सांसदों को सीनेट, कांग्रेस, हाउस ऑफ कॉमन्स की कार्यवाही सीखने की सलाह दी। संयुक्त विपक्ष संसद के दोनों सदनों में उग्र था और संघर्षग्रस्त मणिपुर की स्थिति पर बहस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान की मांग कर रहा था।