मथुरा-वृंदावन में इन तीर्थ स्थलों की करें सैर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
उत्तर प्रदेश के कई तीर्थ स्थलों में मथुरा-वृंदावन का नाम शामिल है। यह स्थल भगवान विष्णु के अवतार प्रभु श्रीकृष्ण की जन्मभूमि है। साथ ही कृष्ण जी के बाल जीवन से जुड़ा है। अगर आप श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो यहां आपको कई सारे दार्शनिक स्थल मिल जाएंगे। श्रीकृष्ण का जन्म भले ही उनके मामा कंस के महल में बनी जेल में हुआ था लेकिन उनका बचपन गोकुल वृंदावन की गलियों में बिता। इसलिए मथुरा भ्रमण के दौरान श्रीकृष्ण से जुड़ी सभी खास जगहों के दर्शन करने को यहां मिलेंगे। कम पैसों में आप मथुरा वृंदावन को घूम सकते हैं। वैसे तो गोकुल मथुरा की गली गली में खूबसूरत मंदिर बसे हैं लेकिन अगर आपके पास घूमने के लिए समय कम है और वीकेंड पर मथुरा जा रहें हैं तो एक प्लानिंग के साथ आप मात्र दो दिन में भी मथुरा वृंदावन घूम सकते हैं।
मथुरा वृंदावन का दो दिन का ट्रिप
दिल्ली से मथुरा का सफर यमुना एक्सप्रेस वे से महज ढाई घंटे का है। दिल्ली से आप खुद की गाड़ी या बस से मथुरा जा सकते हैं। यहां घूमने के लिए कई सारे मंदिर हैं। लेकिन दो दिनों की छुट्टी में मथुरा जा रहें हैं तो कुछ प्रसिद्ध और चुनिंदा जगहों को ही घूमने जाएं।
कृष्णजन्म भूमि
पहले दिन आप मथुरा की जेल जहां श्री कृष्ण का जन्म हुआ था, वहां घूम सकते हैं। इसे कृष्ण जन्मभूमि कहा जाता है। यहां आपको मंदिर में दर्शन के साथ ही आकर्षक गुफा में घूमने को मिलेगा, जिसके लिए अलग से टिकट लेना पड़ता है। 10 रुपये का टिकट लेकर आप गुफा के अंदर जा सकते हैं, जिसमें श्री कृष्ण की झांकियां साउंड इफेक्ट के साथ दिखाई जाती हैं।
बांके बिहारी मंदिर
यहां से वृंदावन जाएं जहां भगवान कृष्ण को समर्पित श्री बांके बिहारी मंदिर है। इस मंदिर की इमारत राजस्थानी शैली में बनी है। मंदिर में भगवान कृष्ण की छवि बच्चे के रूप में है। इस मंदिर में एक भी घंटी या शंख नहीं है, क्योंकि मान्यता है कि भगवान को यहां इन वाद्ययंत्रों की आवाज पसंद नहीं थी।
प्रेम मंदिर
मथुरा के वृंदावन में स्थित प्रेम मंदिर का नाम सभी ने सुना होगा। जिस तरह आगरा का ताजमहल प्रेम के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। वैसे ही वृंदावन का प्रेम मंदिर भी राधा-कृष्ण के प्रेम की कहानी कहता है। इस मंदिर की खूबसूरती इतनी मंत्र मुग्ध करने वाली है कि वहां दर्शन करने वाले भक घंटों के लिए उसकी भव्यता में खो जाते हैं। साल 2001 में जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज ने प्रेम मंदिर बनवाया था। इस मंदिर की खूबसूरती भक्तों को आकर्षित करती है। मंदिर परिसर के चारों ओर बगीचे हैं, जहां बड़ी बड़ी झांकियां देखने को मिलती हैं। इस मंदिर में शाम के समय जाना ज्यादा बेहतर रहेगा। इसके अलावा इस्कॉन मंदिर, द्वारिकाधीश मंदिर, निधिवन, गोवर्धन पर्वत, कुसुम सरोवर और यमुना घाट पर भी आप घूमने जा सकते हैं। इन सभी को घूमने के लिए दो दिन पर्याप्त हैं।
रंगनाथ मंदिर
वृंदावन-मथुरा मार्ग पर श्री रंगनाथ मंदिर स्थित है, इसे रंगजी मंदिर भी कहते हैं। यह मंदिर भगवान कृष्ण के अवतार रंगनाथ जी को समर्पित है, जो दक्षिण भारतीय शैली में बना है। यहां भगवान कृष्ण की प्रतिमा दूल्हे के रूप में रखी है। वहं दुल्हन गोदा हैं। यह उत्तर भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है।