पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार ने बंद किया वीसी का वेतन व भत्ता

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जीऔर राज्यपाल सीवी आनंद बोस के बीच संघर्ष व्यावहारिक रूप से अपने चरम पर पहुंच गया है। उच्च शिक्षा विभाग ने हाल ही में राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा नियुक्त कुलपतियों को कुलपति के रूप में पारिश्रमिक और भत्ते नहीं लेने का निर्देश दिया है। शिक्षा विभाग ने इस शिकायत पर कड़ी कार्रवाई की कि कुलपतियों की नियुक्ति राज्य से परामर्श किए बिना की गई थी। सूत्रों के मुताबिक कानूनी सलाह लेने के बाद यह कदम उठाया गया है। राज्य द्वारा विश्वविद्यालय के कुलसचिव को वेतन एवं भत्तों पर रोक लगाने का निर्देश जारी कर दिया गया है। हाल ही में, राज्य के कई विश्वविद्यालयों ने कुलपतियों के साथ-साथ आचार्यों को भी नियुक्त किया था। उसके बाद राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने राज्यपाल द्वारा नियुक्त किये गये कुलपतियों पर आपत्ति जताई थी और उन्हें अपनी नाराजगी जताते हुए कहा था कि ये नियुक्तियां अवैध हैं।
उन्होंने कहा कि यह नियुक्ति स्वीकार नहीं की जाएगी। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि संबंधित प्राध्यापकों को कुलपति का पद स्वीकार नहीं करना चाहिए, जहां कुछ ने राज्यपाल की नियुक्ति को खारिज कर दिया, वहीं अधिकांश ने इसे स्वीकार कर लिया।
राज्य ने उन कुलपतियों के संबंध में भत्ता और पारिश्रमिक नहीं लेने की बात कही है। सोमवार को संबंधित विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को पत्र भेजा गया। उसके बाद कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार से विवाद पूरे चरम पर पहुंच गया है।पत्र में यह भी कहा गया है कि इन कुलपतियों की नियुक्ति वैध नहीं है। इसलिए वे वेतन और भत्ता जमा नहीं कर सकते। नहीं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शुरू से ही इस नियुक्ति को लेकर टकराव की तस्वीर सामने आई है।
राज्यपाल ने जिन विश्वविद्यालयों में कुलपतियों का कार्यकाल समाप्त हो गया था, वहां कुछ प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए पिछले महीने एक बैठक बुलाई थी। उस बैठक के तुरंत बाद कुलपतियों की नियुक्ति की गई। फिर राज्य-राज्यपाल संघर्ष ने एक नया आयाम लिया है।बता दें कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस के राज्य के राज्यपाल बनने के बाद ममता बनर्जी से रिश्ते अच्छे थे, लेकिन बाद में चाहे कुलपतियों की नियुक्ति का मसला हो या फिर राज्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति का मामला हो। राज्यपाल और ममता बनर्जी की सरकार के बीच टकराव सामने आये थे।

Related Articles

Back to top button