अबू धाबी प्राधिकरण के नए शीतकालीन सुरक्षा अभियान में क्या है लोगों के लिए खास?

जैसा की आप जानते हैं UAE हमेशा दूर की सोचता है और लोगों के हित के लिए फैसले लेता है। यही वजह है कि आज दुनिया बुलंदियों को छू रहा है। इसी कड़ी में बात करते हैं अबू धाबी प्राधिकरण द्वारा शुरू किये गए नए अभियान की।

4पीएम न्यूज नेटवर्क:  जैसा की आप जानते हैं UAE हमेशा दूर की सोचता है और लोगों के हित के लिए फैसले लेता है। यही वजह है कि आज दुनिया बुलंदियों को छू रहा है। इसी कड़ी में बात करते हैं अबू धाबी प्राधिकरण द्वारा शुरू किये गए नए अभियान की।

अबू धाबी प्राधिकरण ने नया शीतकालीन सुरक्षा अभियान शुरू किया है। यह अभियान अबू धाबी सिविल डिफेंस अथॉरिटी द्वारा चलाया जा रहा है, जिसका नाम ‘विंटर सेफ्टी’ है। यह अभियान सर्दियों के मौसम में होने वाले हादसों से लोगों को बचाने के लिए बनाया गया है। सर्दियों में लोग घरों में गर्मी के लिए हीटर या कोयला जलाते हैं, बाहर घूमने जाते हैं, और बच्चे खेलते हैं। इन सबमें खतरा हो सकता है। इसलिए यह अभियान लोगों को जागरूक करने के लिए है। अभियान हाल ही में शुरू किया गया है। यह सभी लोगों तक पहुंचेगा, जैसे घरों, कैंपों, स्कूलों, शॉपिंग सेंटर्स और पार्कों में। सरल शब्दों में कहें तो यह अभियान कहता है कि सर्दी का मजा लो, लेकिन सावधानी से। प्राधिकरण चाहता है कि हर कोई सुरक्षित रहे।

बात करें इस अभियान के उद्देश्य की तो इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सर्दियों के खतरे बताना है। सर्दियों में सबसे बड़ा खतरा गर्मी के साधनों से आता है। लोग कोयला या लकड़ी जलाकर कमरे गर्म करते हैं। इससे कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती है, जो अदृश्य हत्यारा है। यह गैस सांस से अंदर जाती है और बेहोशी या मौत का कारण बन सकती है। प्राधिकरण कहता है कि ऐसे साधनों को बंद जगहों में न जलाएं। हमेशा खुली हवा वाली जगह पर इस्तेमाल करें। अगर हीटर लगाना हो तो इलेक्ट्रिक हीटर चुनें। ये सुरक्षित होते हैं। हीटर को पर्दों, फर्नीचर या बच्चों से दूर रखें। तारों को चेक करें कि वे टूटे न हों। कालीन के नीचे तार न डालें। बच्चे हीटर के पास न खेलें, वरना जलने का खतरा है। अभियान में ये सारी बातें आसान तरीके से बताई जाती हैं।

घरों में सुरक्षा के लिए अभियान कई सलाह देता है। सर्दियों में लोग घर पर ज्यादा समय बिताते हैं। बच्चे बालकनी या खिड़कियों पर चढ़ सकते हैं। इससे गिरने का डर रहता है। प्राधिकरण कहता है कि बालकनी पर ग्रिल लगाएं। दरवाजों पर चाइल्ड लॉक डालें। फर्नीचर को खिड़की के पास न रखें। बच्चे इन पर चढ़कर बाहर झांक सकते हैं। रसोई में गैस चूल्हा इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतें। गैस लीक न हो, इसका चेक करें। अगर धुआं या बदबू आए तो तुरंत गैस बंद करें। घर में फायर एक्सटिंग्विशर रखें। सभी परिवार वाले जानें कि आग लगने पर क्या करें। अभियान कहता है कि रोकथाम ही सबसे अच्छी दवा है। अगर सब सावधान रहें तो हादसे कम होंगे।

इतना ही नहीं बच्चों की सुरक्षा पर खास ध्यान है। सर्दियों में स्कूल की छुट्टियां होती हैं। बच्चे बाहर खेलते हैं। अभियान में माता-पिता को सिखाया जाता है कि बच्चों को अकेला न छोड़ें। पार्क या कैंप में नजर रखें। बच्चों को बताएं कि आग से कैसे बचें। खेल-खेल में उन्हें सिखाएं कि आग कैसे फैलती है। धुआं सांस में न लें। अगर आग लगे तो नीचे झुककर बाहर निकलें। अभियान में मजेदार गेम्स और वीडियो हैं, जो बच्चों को पसंद आते हैं। प्राधिकरण चाहता है कि बच्चे सुरक्षित रहें। साइबर सुरक्षा भी सिखाई जाती है। बच्चे मोबाइल पर गेम खेलते हैं। वहां से ब्लैकमेल या बुरे लोग आ सकते हैं। माता-पिता बच्चों के फोन चेक करें। उन्हें बताएं कि अजनबियों से बात न करें।

इसके साथ ही बाहर की गतिविधियों में भी खतरे हैं। सर्दियों में लोग पिकनिक जाते हैं। बारबेक्यू करते हैं। प्राधिकरण कहता है कि बारबेक्यू के लिए खास जगहें हैं, वहां ही करें। आग को बुझाकर ही छोड़ें। जंगल या रेगिस्तान में आग न लगने दें। ड्राइविंग के समय सावधान रहें। सर्दी में कोहरा पड़ सकता है। लाइट जलाकर चलें। स्पीड कम रखें। बाइक या साइकिल चलाते समय हेलमेट पहनें। रिफ्लेक्टर लगाएं। रात में लाइट जलाएं। अभियान में ड्राइवरों को याद दिलाया जाता है कि इमरजेंसी वाहनों को रास्ता दें। अगर सायरन सुनें तो साइड हो जाएं। इससे जान बच सकती है। प्राधिकरण का नंबर 999 है। कोई खतरा हो तो तुरंत कॉल करें।

यह अभियान अकेला नहीं है। यह अबू धाबी पुलिस के ‘अवर विंटर इज सेफ एंड एंजॉयेबल’ अभियान से जुड़ा है। यह आठवां संस्करण है। यह दो महीने चलेगा। पुलिस और सिविल डिफेंस मिलकर चलाते हैं। उद्देश्य वही है – सर्दी सुरक्षित बनाना। पुलिस का अभियान चोरी, साइबर क्राइम और ट्रैफिक पर फोकस करता है। घरों में ताले लगाएं। कैमरे लगवाएं। बच्चों को इंटरनेट के खतरे बताएं। बाहर घूमते समय भीड़भाड़ वाली जगहों पर सावधान रहें। अभियान सोशल मीडिया, टीवी, रेडियो और ब्रोशर से फैलाया जाता है। स्कूलों में वर्कशॉप होते हैं। मॉल्स में स्टॉल लगते हैं। लोग सीधे सवाल पूछ सकते हैं।

अभियान के तरीके बहुत आसान हैं। सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर होते हैं। छोटे-छोटे टिप्स दिए जाते हैं। जैसे, ‘हीटर को कभी अकेला न छोड़ें।’ या ‘बच्चों को आग के खेल न खेलने दें।’ टीवी पर इंटरव्यू होते हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि कैसे बचें। रेडियो पर गाने के साथ मैसेज आते हैं। ब्रोशर बांटे जाते हैं। इनमें चित्र हैं, शब्द कम। कैंपों और मजलिस में मीटिंग होती हैं। वहां लोग बात करते हैं। प्राधिकरण कहता है कि जागरूकता सबकी जिम्मेदारी है। आप सुरक्षित रहेंगे तो पूरा समाज सुरक्षित होगा।सर्दियों के खतरे क्यों बढ़ जाते हैं? सर्दी में तापमान कम होता है। लोग गर्मी के लिए जोर देते हैं। लेकिन गलत तरीके से। कोयला जलाने से 80% हादसे होते हैं। कार्बन मोनोऑक्साइड से हर साल कई लोग मरते हैं। आग लगने के केस बढ़ जाते हैं। बाहर ठंड से लोग तेज गाड़ी चलाते हैं। दुर्घटनाएं होती हैं। बच्चे ठंड में ज्यादा बाहर रहते हैं। गिरते-पड़ते हैं।

प्राधिकरण के आंकड़े कहते हैं कि पिछले साल सर्दी में 200 से ज्यादा आग के हादसे हुए। अभियान से ये कम हो सकते हैं। रोकथाम से पैसे और जान बचती है।घरेलू सुरक्षा के टिप्स विस्तार से जानें। रसोई में काम करते समय बच्चों को दूर रखें। गैस सिलेंडर को चेक करें। लीक हो तो वेंटिलेशन करें। बेडरूम में हीटर लगाएं तो दरवाजा खुला रखें। नींद में खतरा ज्यादा है। स्मोक डिटेक्टर लगवाएं। ये सस्ते होते हैं और जान बचा लेते हैं। अगर धुआं हो तो अलार्म बजता है। परिवार को बताएं कि अलार्म सुनते ही बाहर निकलें। लिफ्ट में फंसने का डर न हो, सीढ़ियां इस्तेमाल करें। अभियान में ये सब सिखाया जाता है। लोग घर जाकर लागू करें।

बच्चों के लिए खास प्रोग्राम हैं। स्कूलों में विजिट होते हैं। टीचरों को ट्रेनिंग दी जाती है। बच्चे ड्रॉइंग बनाते हैं – ‘मेरा सुरक्षित सर्दी का दिन।’ इससे वे सीखते हैं। कैंप्स में गेम्स खेलते हैं। जैसे, ‘आग से बचो रेस।’ इसमें बच्चे दौड़ते हैं और सीखते हैं। माता-पिता के लिए वेबिनार होते हैं। वे जानते हैं कि बच्चे को कैसे संभालें। साइबर टिप्स: पासवर्ड शेयर न करें। अजनबी फ्रेंड न बनाएं। अगर कोई बुरा मैसेज आए तो माता-पिता को बताएं। पुलिस हेल्पलाइन है।बाहर की सुरक्षा पर फोकस। पार्कों में साइकिल चलाते समय ट्रैक पर रहें। कारों से दूर। हेलमेट अनिवार्य। बाइकर्स को स्पीड न करने की सलाह। रात में रिफ्लेक्टिव क्लोथ्स पहनें। पिकनिक पर कचरा न फैलाएं। आग बुझाकर जाएं। पर्यावरण भी सुरक्षित रहे। ट्रैफिक में: बेल्ट बांधें। फोन न छुएं। इमरजेंसी में 999 डायल करें। भीड़ न लगाएं। रेस्क्यू टीम को जगह दें।

अभियान कहता है कि छोटी सावधानी बड़ी जान बचाती है। पुलिस का अभियान इससे जुड़ा है। ‘अवर विंटर इज सेफ एंड एंजॉयेबल’ में चोरी रोकने के टिप्स। घर खाली छोड़ें तो पड़ोसी को बताएं। लाइट ऑन रखें। कैमरा लगाएं। साइबर, बच्चों को गेम्स के खतरे बताएं। ब्लैकमेल हो तो रिपोर्ट करें। ट्रैफिक के लिए ओवरटेकिंग कम करें। सर्दी में रोड स्लिपरी हो सकती है। टायर्स चेक करें। अभियान दो महीने चलेगा। जनवरी तक। बात करें अभियान के प्रभाव क्या होंगे? तो इसे लेकर प्राधिकरण कहता है कि पहले अभियानों से हादसे 30% कम हुए। लोग ज्यादा जागरूक हुए। कॉल्स बढ़े, लेकिन हादसे कम।

समाज मजबूत होता है। 2025 यूएई का कम्युनिटी ईयर है। यह अभियान उसका हिस्सा है। सभी मिलकर काम करें। प्राधिकरण के प्लेटफॉर्म फॉलो करें। तो दोस्तों अबू धाबी एक सुरक्षित शहर है। दुनिया में टॉप पर। यह अभियान इसे और बेहतर बनाएगा। सर्दी का मौसम खुशहाल हो। कोई हादसा न हो।

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