स्वतंत्र देव ने निरीक्षण से पहले गेट बंद कराया तो 75 फीसदी कर्मचारी मिले गैरहाजिर
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पद से कार्यमुक्त जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह अब अपने विभाग यानी जलशक्ति विभाग के कायाकल्प में लगे हैं। प्रदेश में बीते दिनों बाढ़ ग्रस्त इलाकों का सर्वेक्षण करने के बाद स्वतंत्र देव सिंह ने लखनऊ में अपने विभाग के अधीन एक कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह गुरुवार को योजना भवन के पास में सिंचाई विभाग के कार्यालय पहुंचे। मंत्री ने इस दौरान अंदर जाते ही कार्यालय का मुख्य द्वार के साथ ही अन्य सभी गेट को बंद करा दिया। स्वतंत्र देव सिंह को गुरुवार को ललितपुर दौरे पर जाना था। इससे पहले ही उन्होंने लखनऊ में सिंचाई विभाग के कार्यालय का आज औचक निरीक्षण किया। स्वतंत्र देव सिंह अपने वाहन के साथ अचानक ही सिंचाई विभाग कार्यालय पहुंचे। औचक निरीक्षण के दौरान जलशक्ति मंत्री ने कार्यालय के सभी गेटों को बंद कराया। उन्होंने सभी कर्मचारियों के अटेंडेंस रजिस्टर को मंगाया तो पता चला कि 9:30 बजे तक सिंचाई विभाग के 75 प्रतिशत कर्मचारी कार्यालय नही पहुंचे थे। उनके इस निरीक्षण से सिंचाई विभाग के कर्मचारियों अफरातफरी का माहौल बन गया। मंत्री ने शीर्ष अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाने के बाद सभी के आने-जाने का विस्तृत ब्यौरा भी तलब किया है।
डिप्टी सीएम ने दिया संकेत, नवंबर माह में हो सकते हैं निकाय चुनाव
लखनऊ। बरेली में उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि नवंबर में निकाय चुनाव हो सकते हैं। कार्यकर्ता क्षेत्र में डटकर मेहनत करें। स्वास्थ्य सेवाओं पर कहा कि अधिकारी सच छिपा जाते हैं, इसलिए निरीक्षण के लिए अकेले ही पहुंच जाता हूं। सभी अस्पतालों की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए ऐसे कदम उठाए जा रहे। उन्होंने डाक्टरों की कमी पर कहा कि संविदा पर भर्ती की जाएगी। अस्पतालों में मरीजों की बढ़ती संख्या देखते हुए ओपीडी के काउंटर बढ़वाए जा रहे हैं। बुधवार रात को वह सर्किट हाउस पहुंचे थे। पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद सर्किट हाउस में विभागीय अधिकारियों को बुला लिया। उन्होंने कहा कि हर मरीज को सरकारी सेवा का लाभ मिले, इसके लिए अपनी जिम्मेदारी निभाते रहें। बाद में मीडिया से कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं। पूरे प्रदेश में डाक्टरों की कमी हैं। पूरे प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों से हर दिन ओपीडी का डाटा वह मांगते हैं। एक दिन में करीब डेढ़ लाख मरीजों की ओपीडी होती है। इसमें करीब 12 हजार मरीज हर दिन सिर्फ हादसों का शिकार होने वाले ही पहुंचते हैं। कोरोना काल में जब बीमारी फैली तो प्रधानमंत्री ने सभी लोगों के खातों में सिर्फ एक क्लिक में ही धनराशि ट्रांसफर की थी। जन धन खातों की मदद से हर गरीब व्यक्ति के खाते में धनराशि पहुंचाई गई। सरकार की ओर से निश्शुल्क राशन भी दिया गया ताकि हर गरीब का पेट भर सके।
रोजगार देने में यूपी ने पछाड़ा 17 राज्यों को
लखनऊ। उत्तर प्रदेश ने रोजगार देने के मामले में 17 राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। सेंटर फॉर मानिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की ताजा रिपोर्ट में यह बताया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में 3.9 फीसदी बेरोजगारी है, तो राजस्थान में 31.4 फीसदी बेरोजगारी है। यानी राष्टï्रीय औसत 7.7 से प्रदेश में आधे से भी कम बेरोजगारी है। सीएमआईई ने एक मई से 31 अगस्त तक किए गए सर्वे के आंकड़ों के आधार पर यह रिपोर्ट जारी की है। संस्था की ओर से देश के 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सर्वे किया गया है। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2016-17 में बेरोजगारी दर 17.5 प्रतिशत थी। इस पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मिशन रोजगार की शुरुआत की। अब तक सवा पांच लाख युवाओं को सरकारी नौकरी, तीन लाख युवाओं को सरकारी विभागों में संविदा पर सेवा और एमएसएमई में दो करोड़ लोगों को रोजगार दिलाया गया है। इसके अलावा मनरेगा और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से करीब ढाई करोड़ लोगों और ओडीओपी में 25 लाख लोगों को रोजगार दिलाया गया है। प्रदेश सरकार हर परिवार के एक सदस्य को रोजगार दिलाने वाले हैं। परिवार कल्याण योजना के तहत हर परिवार की आईडी बनाने के लिए आवेदन पोर्टल का ट्रायल को जल्द लांच किया जाएगा। प्रदेश में 15 करोड़ आधार वैलिडेटेड राशन कार्डधारक हैं, जिन्हें तुरंत परिवार आईडी कार्ड जारी की जा सकती है। इसके तहत हर परिवार को एक आईडी दी जाएगी। फिलहाल यह योजना स्वैच्छिक है और सरकारी योजना का लाभ लेने के इच्छुक लोगों को आवेदन की आवश्यकता होगी। परिवार कल्याण योजना हर परिवार के लिए रोजगार का आधार बनेगा। पोर्टल पर फीड डाटा के अनुसार लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर सरकार को नई योजनाएं बनाने में भी मदद मिलेगी।
राजधानी में माननीयों की बिजली होगी और वीआईपी!
लखनऊ। कालीदास मार्ग, विक्रमादित्य मार्ग, गौतमपल्ली सहित आसपास के इलाकों में रहने वाले मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, सांसद एवं नौकरशाहों को बिजली सप्लाई की व्यवस्था और ‘वीआईपीÓ होने जा रही है। इसके लिए विक्रमादित्य मार्ग पर 10.50 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे 33/11 केवी उपकेंद्र के दिवाली तक चालू होने की उम्मीद है। कालीदास मार्ग, गौतमपल्ली, विक्रमादित्य मार्ग, माल एवेन्यू, राजभवन कॉलोनी एवं महात्मा गांधी मार्ग आदि इलाकों में रहने वाले इन माननीयों को राजभवन एवं कूपर रोड उपकेंद्र से बिजली मिलती है। हालांकि यहां हर साल विद्युत भार की मांग बढ़ रही है। ऐसे में भविष्य में इनकी सप्लाई में बाधा न आए, इसके लिए विक्रमादित्य मार्ग पर नए उपकेंद्र का काम तेजी से चल रहा है, जो इस महीने तक पूरा हो जाएगा। हालांकि ट्रांसमिशन से आने वाली 33 केवी सप्लाई की वेब तैयार होने में अक्टूबर तक समय लग सकता है। अधिशासी अभियंता निर्माण खंड अंकित वर्मा का कहना है कि नए उपकेंद्र का लगभग 75 फीसदी काम पूरा हो चुका है। 20 सितंबर तक स्विच गियर आदि लग जाएंगे। हालांकि बिल्डिंग का काम पूरा होने में 15 दिन और लग सकते हैं।