मोदी पाकिस्तान पर पीछे क्यों हटे… संजय राउत ने चीन-US को लेकर पीएम पर लगाए आरोप

भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर होने के बाद से शिवसेना-यूबीटी के नेता संजय राउत लगातार पीएम मोदी पर निशाना साध रहे हैं. उन्होंने मोदी सरकार की विदेश नीति पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी हमेशा चीन, फ्रांस, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बारे में चुप रहेंगे. चुप रहना उनकी फितरत है. ट्रंप ने एक बार नहीं है बल्कि बार-बार कहा है कि मेरी मध्यस्थता की वजह से यह सीजफायर हुआ है. कल उन्होंने एक शब्द की अदला-बदली की है. उन्होंने कहा कि मैंने मदद करने की कोशिश की है, उसमें अंतर क्या है?
संजय राउत ने कहा, ‘ट्रंप की मदद किसने मांगी है, यह बताएं. आपके यहां मदद मांगने कौन आया था, क्या मोदी जी आए थे, जयशंकर आए थे या डिफेंस मिनिस्टर आए थे?’ उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एप्पल को आदेश दिया है कि वह हिंदुस्तान में अपनी कंपनी मत लगाइए. इस बात का देश खुलासा करे कि ट्रंप ने ऐसा क्यों बोला है. पीएम मोदी हमेशा दबाव में ही काम करते हैं, वे कोई शूरवीर आत्मा नहीं हैं. पाकिस्तान के अंदर क्यों नहीं घुसे, पीछे क्यों हट गए?’
वहीं, उन्होंने अपनी आने वाली किताब के बारे में बात करते हुए कहा, ‘मेरी जो किताब है वह मराठी में है. अंग्रेजी भाषा में भी जुलाई के महीने में वह प्रकाशित होने वाली है, जिसका विमोचन राहुल गांधी करेंगे. कल किताब का विमोचन मराठी में किया जाएगा. इस दौरान जावेद अख्तर और शरद पवार उपस्थित रहेंगे. किताब में बहुत कुछ लिखा है. सिर्फ अमित शाह और मोदी को मत देखिए, मेरी आंखों के सामने भूतकाल में बहुत सी घटनाएं हुई हैं.’
राउत ने कहा, ‘बालासाहेब ठाकरे जी के साथ मैंने जीवन भर काम किया है, जो मैंने देखा है उसमें से कुछ बातें मैंने लिखी हैं. अगर पूरी बातें मैं लिखता तो देश में और सरकार में हाहाकार मच जाता, लेकिन जो एथिक्स है, मैं उसका पालन करता हूं. मैं इसके लिए यह सारी बातें ज्यादा नहीं लिखना चाहता हूं. मैंने सच लिखा है और मैं सच बोलता हूं, पूरी कहानी सच है. मैंने मर्यादा का पालन करके कुछ चीज नहीं लिखी हैं. संजय राउत को पब्लिसिटी की जरूरत नहीं है. देश पहचानता है, जो मैं लिखता हूं वही हमारी पब्लिसिटी होती है. मेरी बात पूरा देश सुनता है.’
उन्होंने कहा, ‘अभी के नेताओं को क्या मालूम 25 साल पहले क्या हुआ? 2014 में मातोश्री पर अमित शाह एक बार आए थे और कहा था कि हम वापस एक बार काम करेंगे. 20 साल पहले जब आए थे, तब वह कोई बड़ी हस्ती नहीं थे. वह एक विधायक थे. उनको कोई पहचानता नहीं था. बालासाहेब ठाकरे जी ने भी उनको नहीं पहचाना था. उन्होंने मुझसे कहा था कि अरे संजय यह तो वह है जिसकी हमने मदद की थी, क्या यह वही है?’

Related Articles

Back to top button