2027 में AAP रचेगी नया इतिहास? भीड़ देखकर विपक्ष में मची खलबली!
तापी जिले के गुनसदा गांव में आयोजित AAP की किसान महापंचायत में जबरदस्त भीड़ उमड़ी... किसानों की कर्ज माफी से लेकर अधिकार...
4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों गुजरात के तापी जिले के गुनसदा गांव में रविवार को आम आदमी पार्टी ने एक बड़ी किसान महापंचायत का आयोजन किया.. इस कार्यक्रम में किसानों की कर्ज माफी.. लोगों के अधिकार और न्याय समेत 10 प्रमुख मांगों पर चर्चा हुई.. महापंचायत में बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के किसान.. युवा और महिलाएं शामिल हुईं.. वहीं कार्यक्रम में पार्टी के कई प्रमुख नेता मौजूद थे.. जिन्होंने भाजपा सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की.. इस आयोजन से साफ है कि AAP गुजरात में किसानों और आदिवासियों के बीच अपनी पैठ मजबूत कर रही है.. और आगामी स्थानीय निकाय चुनावों तथा 2027 के विधानसभा चुनावों में बड़ा बदलाव ला सकती है..
बता दें कि यह महापंचायत AAP की गुजरात में चल रही किसान-केंद्रित अभियान की एक कड़ी है.. पार्टी पिछले कुछ महीनों से राज्य के विभिन्न जिलों में ऐसे आयोजन कर रही है.. जहां किसानों की समस्याओं को उठाया जा रहा है.. तापी जिला मुख्य रूप से आदिवासी बहुल इलाका है.. वहां यह कार्यक्रम विशेष महत्व रखता है.. क्योंकि यहां के लोग लंबे समय से सरकारी नीतियों से प्रभावित हैं.. AAP के नेताओं का कहना है कि भाजपा की 30 साल की सत्ता में आदिवासियों.. और किसानों के अधिकारों की अनदेखी हुई है.. महापंचायत में उपस्थित लोगों की भीड़ से लगता है कि जनता अब बदलाव की ओर बढ़ रही है..
आम आदमी पार्टी गुजरात में 2022 के विधानसभा चुनावों से ही सक्रिय है.. उस चुनाव में पार्टी ने पांच सीटें जीतीं.. जिनमें से एक तापी जिले के निकटवर्ती इलाके से जुड़ी हुई है.. AAP के विधायक चैतर वसावा, जो देडियापाडा विधानसभा से चुने गए हैं.. और आदिवासी समुदाय के प्रमुख नेता हैं.. वे पिछले कुछ समय से गांव-गांव घूमकर लोगों से मिल रहे हैं… और AAP में शामिल करा रहे हैं… इस महापंचायत का आयोजन भी मुख्य रूप से उनके नेतृत्व में हुआ…
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों की 10 प्रमुख मांगों को सामने लाना था.. ये मांगें किसानों की आर्थिक स्थिति, अधिकारों और न्याय से जुड़ी हुई हैं.. AAP का दावा है कि भाजपा सरकार ने किसानों को धोखा दिया है.. जैसे कपास किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया.. पहले भी AAP ने बॉटाड जैसे जिलों में किसान महापंचायतें आयोजित की थीं.. जहां न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी, कर्ज माफी.. और सरकारी दमन को खत्म करने की मांग की गई थी.. तापी की इस महापंचायत में भी इन्हीं मुद्दों पर फोकस रहा.. लेकिन आदिवासी अधिकारों को विशेष जोर दिया गया..
बता दें कि चैतर वसावा ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सभी छोटे और मध्यम किसानों के बैंक कर्ज पूरी तरह माफ किए जाएं.. ताकि वे आर्थिक बोझ से मुक्त हो सकें.. सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी दी जाए.. संविधान की अनुसूची 5 को अम्बाजी से उमरगाम तक पूरी तरह लागू किया जाए.. जिसमें आदिवासियों की जमीन और संसाधनों पर अधिकार शामिल हैं.. किसानों और आदिवासियों के खिलाफ पुलिस दमन बंद हो.. और उनके मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित किया जाए.. किसानों को मुफ्त बिजली और सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराया जाए.. जैसा AAP दिल्ली और पंजाब में कर रही है.. प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित फसलों के लिए तत्काल मुआवजा.. ग्रामीण इलाकों में किसान परिवारों के युवाओं के लिए सरकारी नौकरियां और कौशल विकास कार्यक्रम.. किसान महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं.. जंगलों और आदिवासी क्षेत्रों में खनन और औद्योगिक गतिविधियों पर रोक, ताकि पर्यावरण सुरक्षित रहे..सभी सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था, और किसानों को सीधा लाभ मिले…
वहीं ये मांगें AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की नीतियों से प्रेरित हैं.. जो दिल्ली और पंजाब में किसानों के लिए काम कर रही हैं.. महापंचायत में इन मांगों को एक प्रस्ताव के रूप में पारित किया गया.. और सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की गई.. महापंचायत में AAP गुजरात के कई प्रमुख नेता शामिल हुए.. प्रदेश संगठन महासचिव मनोज सोरठिया, प्रदेश महासचिव इसागर रबारी, दक्षिण जोन प्रभारी राम धडुक, युवा मोर्चा अध्यक्ष ब्रिजराज सोलंकी, सूरत नगर निगम की विपक्षी नेता पायल पटेल, जिला प्रमुख रुस्तम गामित, महेंद्र गामित.. और जिम्मी पटेल जैसे नेता मंच पर थे.. चैतर वसावा ने मुख्य वक्ता के रूप में भाषण दिया..
चैतर वसावा ने अपने भाषण में भाजपा पर जमकर हमला बोला.. और उन्होंने कहा कि अब लड़ेंगे-जीतेंगे का समय नहीं है.. अब इन लोगों को सत्ता से उखाड़ फेंकने का समय है.. उन्होंने डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा बनाए संविधान पर देश चलाने की बात की.. लेकिन भाजपा के 30 साल के शासन में आदिवासियों के अधिकारों को लागू नहीं किया गया.. वसावा ने चेतावनी दी कि अगर आने वाले दिनों में अनुसूची 5 को लागू नहीं किया गया.. तो 2027 के चुनावों में इसका जवाब दिया जाएगा.. उनका भाषण आदिवासी गौरव और संघर्ष पर केंद्रित था.. जिसने भीड़ को जोश से भर दिया..
वहीं अन्य नेताओं ने भी अपने विचार रखे.. मनोज सोरठिया ने कहा कि AAP किसानों की असली आवाज है.. और पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरह गुजरात में भी बदलाव लाएंगे.. राम धडुक ने दक्षिण गुजरात के किसानों की समस्याओं पर बात की.. पायल पटेल ने महिलाओं की भूमिका पर जोर दिया.. और कहा कि AAP महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.. युवा मोर्चा के ब्रिजराज सोलंकी ने युवाओं को AAP से जुड़ने का आह्वान किया.. महापंचायत में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए.. अनुमान है कि हजारों किसान, युवा और महिलाएं आईं.. जिनमें अधिकतर आदिवासी समुदाय के थे.. गुनसदा गांव और आसपास के इलाकों से लोग ट्रैक्टरों और बसों में आए.. महिलाओं की अच्छी भागीदारी देखी गई.. जो किसान परिवारों की समस्याओं से जुड़ी हुई थीं..
आपको बता दें कि माहौल जोशीला था.. लोग AAP के झंडे लहरा रहे थे.. और किसान एकता जिंदाबाद जैसे नारे गूंज रहे थे.. चैतर वसावा का स्वागत ग्रैंड तरीके से हुआ.. और रास्ते में लोग उन्हें मिलते रहे.. यह आयोजन बरडीपाडा जैसे निकटवर्ती क्षेत्रों से जुड़ा हुआ लगता है.. जहां AAP की मजबूत पकड़ है.. स्थानीय निवासियों का कहना है कि ऐसी सभाएं पहले कम होती थीं.. लेकिन अब जनता जागरूक हो रही है.. वहीं यह महापंचायत AAP के लिए एक बड़ा कदम है.. गुजरात में भाजपा का दबदबा है.. लेकिन AAP ग्रामीण इलाकों में घुसपैठ कर रही है.. सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात में पार्टी ने पहले भी किसान सभाएं की हैं.. जहां अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान जैसे राष्ट्रीय नेता शामिल हुए थे.. तापी की यह सभा दिखाती है कि आदिवासी वोट बैंक में AAP की लोकप्रियता बढ़ रही है…



