क्या यादव कोटे से रामचंद्र बनेंगे मंत्री!

  • अयोध्या की रुदौली विधानसभा सीट से तीसरी बार विधायक बने हैं रामचंद्र यादव
  • यादव कोटा से मंत्री बना भाजपा चल सकती है बड़ा दांव

लखनऊ। यूपी में नई सरकार के गठन की कवायद चल रही है। दिल्ली से लेकर लखनऊ तक भाजपा संगठन लगातार शीर्ष पदाधिकारियों के साथ मंथन कर रहा है कि नई कैबिनेट में किस तरह जातिगत समीकरण साधा जाए। ताकि 2024 में भी इसका फायदा पार्टी को मिल सके। फिलहाल यूपी की जिम्मेदारी अमित शाह के कंधों पर है। विधायक दल का नेता चुनना औपचारिकता भर है, योगी आदित्यनाथ का मुख्यमंत्री बनना तय है। नई कैबिनेट में बेबीरानी मौर्य, स्वतंत्र देव सिंह, ब्रजेश पाठक, पंकज सिंह, एके शर्मा, जितिन प्रसाद, केशव मौर्य सहित कई पुराने चेहरों को भी जगह मिलनी सकती हैं। वहीं भाजपा यादव वोट बैंक में सेंध लगाने की भी तैयारी कर रही है। माना जा रहा है कि रूदौली विधानसभा सीट से जीते रामचंद्र यादव को मंत्री बनाकर वह बड़ा दांव खेल सकती है। रामचंद्र के मंत्री बनने से यादव समाज भी खुश होगा तो वहीं दूसरी तरफ संदेश जाएगा कि भाजपा सबका साथ सबका विकास के मंत्र पर चल रही है। रामचंद्र यादव तीसरी बार विधायक बने हैं।

वर्ष 2012 से लेकर अब तक यह तीसरा अवसर है, जब से रुदौली की जनता ने बीजेपी के रामचंद्र यादव को सर आंखों पर न सिर्फ बिठा रखा है, बल्कि हर बार उनके साथ जनता का जनादेश बढ़ता ही गया है। मिल्कीपुर सीट सुरक्षित होने के बाद पहली वर्ष 2012 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप रामचंद्र यादव रुदौली चुनाव लड़ने आए। तब वे सपा के दो बार के विधायक रहे अब्बास अली जैदी रुश्दी को महज 800 के करीब मतों से पराजित कर पाने में कामयाब हुए। लेकिन पांच वर्ष के अपने कार्यकाल में ही वे जनता के दिलों व दिमाग में इस कदर घर बना चुके थे कि अगले वर्ष 2017 में ही 90 हजार के करीब मत पाकर रूश्दी को दूसरी बार 33 हजार के लंबे फासले से हराने में सफल हुए। इस बार भी जनता ने किसी और पर नहीं बल्कि भाजपा की नीतियों व उनके प्रत्याशी रामचंद्र यादव पर भरोसा जताकर पिछले सारे रिकार्ड धराशाई कर दिए। इस बार वर्ष 2017 के मुकाबले तीन हजार अधिक 94 हजार मत पाकर जीत के अंतर को 40 हजार बढ़ाकर उन्हें रुदौली से ही तीसरी बार विधानसभा भेजने का ऐतिहासिक काम किया।

एमएलसी चुनाव : 19 तक होगा नामांकन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद अब विधान परिषद के चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है। उत्तर प्रदेश विधानमंडल में उच्च सदन के लिए 36 सदस्यों के चुनाव के लिए आज से नामांकन शुरू हो गया है। विधान परिषद चुनाव के लिए मतदान नौ अप्रैल को होगा और इसका परिणाम 12 को आएगा। 36 सीटों के लिए होने वाले चुनाव के लिए नामांकन दो चरण में होगा। विधान परिषद में अभी भी संख्या बल के मामले में समाजवादी पार्टी भारतीय जनता पार्टी से आगे है। प्रदेश में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने जा रही भाजपा इस संख्या बल को पीछे छोड़ने के प्रयास में है। नामांकन प्रक्रिया 19 तक चलेगी, जबकि छह अन्य सीटों के लिए आज से शुरू होकर नामांकन 22 तक दाखिल होंगे। प्रदेश में 29 निर्वाचन क्षेत्रों की 30 सीटों के लिए अधिसूचना चार फरवरी को जारी हो चुकी थी। साथ ही नामांकन पत्र भी भरने शुरू हो गए थे, किंतु बाद में सात फरवरी को इन चुनाव को स्थगित कर दिया गया था।

संघर्ष में डटे रहना ही कांशीराम को सच्ची श्रद्धांजलि : मायावती

लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती ने कांशीराम के जन्मदिन पर कहा कि यह चमचा युग है। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बामसेफ, डीएस-4 और बसपा के संस्थापक कांशीराम को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कहा कि अपने खून-पसीने से अर्जित धन के बल पर डटे रहना कोई मामूली बात नहीं है। मायावती ने कहा कि देश में करोड़ों दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अन्य अपेक्षितों को लाचारी और मजलूमी की जिंदगी से निकालकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने के बीएसपी के संघर्ष में दृढ़ संकल्प के साथ लगातार डटे रहना ही मान्यवर कांशीराम को सच्ची श्रद्धांजलि है।मायावती ने कहा कि उन्होंने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के आत्मसम्मान और स्वभिमान के मानवतावादी मूवमेंट को जीवंत बनाने के लिए आजीवन कड़ा संघर्ष किया और अनंत कुर्बानियां दीं। इसके बल पर काफी सफलता भी अर्जित की और देश की राजनीति को नया आयाम दिया। मायावती ने कांशीराम की याद में किए गए कामों का जिक्र करते हुए कहा ऐसे महापुरुष की यादों को चिर स्थाई बनाने के लिए बीएसपी की यूपी में रही सरकारों के दौरान उनके नाम पर अनेक भव्य स्थलत, पार्क, शिक्षण संस्थान, अस्पताल और आवासीय कॉलोनी आदि बनाए गए और जनकल्याणकारी योजनाएं चलाईं गईं। राजधानी लखनऊ में स्थापित कांशीराम स्मारक इनमें सर्वप्रमुख है।

रितेश पांडेय को लोकसभा में पार्टी नेता के पद से हटाया, मुख्य सचेतक भी बदला
यूपी चुनाव में करारी हार के बाद बसपा ने संगठन में बदलाव करना शुरू कर दिया है। मायावती ने लोकसभा में रितेश पांडेय को पार्टी नेता के पद से हटा दिया है। उनकी जगह गिरीश चंद्र जाटव को पार्टी का नेता बनाया गया है। पांडेय अंबेडकर नगर से सांसद हैं। इसी तरह गिरीश चंद्र जाटव को हटाते हुए संगीता आजाद को मुख्य सचेतक बनाया गया है। जबकि राम शिरोमणि वर्मा लोकसभा में उप नेता के पद पर बने रहेंगे। इस संबंध में बसपा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र भेज दिया है।

Related Articles

Back to top button