जब्त की गई 1800 करोड़ की ड्रग्स मामले के मंदसौर से जुड़े तार, आरोपी की डिप्टी सीएम के साथ तस्वीर भी वायरल

नई दिल्ली। 1800 करोड़ की ड्रग्स मामले को लेकर जो बात सामने आई है वो ये कि गुजरात एटीएस और एनसीबी की संयुक्त टीम द्वारा कटारा हिल्स क्षेत्र के प्लॉट नंबर 63 बगरौदा पठार थाना कटारा हिल्स भोपाल में बन्द फैक्टरी में छापा मारा था। यहां टीन शेड में संचालित फैक्ट्री में 60 किलो एमडी सालिड पाऊडर और 907 किलो लिक्विड मिला था। इसकी अंतरराष्ट्रीय कीमत 1800 करोड़ रूपए आंकी गई है। मौके से आरोपी प्रकाश सान्याल एवं अमित को गिरफ्तार किया था।
अधिकारिक जानकारी के अनुसार एमडी ड्रग फैक्टरी मामले में तार मंदसौर से भी जुड़े है। सूत्रों की मानें तो नाहरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम माल्या में दबिश देकर हरिश को पूछताछ के लिए उठाया है। बताया जाता है कि हरिश सान्याल के संपर्क में था। मंदसौर एसपी अभिषेक आनंद और उनकी टीम भी माल्या पहुंची थी।
फैक्टरी को अमित चतुर्वेदी पिता पीसी चतुर्वेदी उम्र 58 साल निवासी द्वारकापुरी कॉलोनी कोटरा सुल्तानबाद पीएनटी के द्वारा लगभग 6 से 7 माह पहले किराए पर ली थी। यहां मुम्बई से मशीनरी लाकर स्थापित की थी। साथ ही सान्याल पिता प्रकाश नारायण निवासी नासिक महाराष्ट्र के साथ मिलकर वह केमिकल लेकर सिंथेटिक ड्रग एमडी बना रहा था।
सान्याल एनडीपीएस एक्ट के मामले में मुम्बई के आर्थर रोड जेल में 5 वर्ष बन्द रहा है। फैक्टरी में कुल तीन मजदूर काम कर रहे थे। बताया जाता है कि ये अंदर ही रहते है। फैक्टरी के बाहर गेट पर हमेशा ताला लगा रहता था। अमित चतुर्वेदी और सान्याल प्रकाश बाहर चले जाते थे। इसके बाद फैक्टरी में मजदूर एमडी ड्रग बनाते थे। सूत्रों की मानें तो अफजलपुर थाना के माल्या गांव का हरीश आंजना सान्याल के संपर्क में था। वहीं माल सप्लाई का काम भी करता था। मंदसौर में एटीएस की आमद के बाद मंदसौर पुलिस भी हरकत में आई।
जिले में मादक पदार्थ तस्करों पर अंकुश लगाने के नाम पर मंदसौर पुलिस की भूमिका कटघरे में है। पहले सीतामऊ थाना क्षेत्र में सेन्ट्रल नारकोटिक्स ब्यूरों की टीम ने छापा मारकर 30 क्विंटल से अधिक डोडाचूरा जब्त किया। अब भोपाल में पकड़ाई एमडी ड्रग फैक्टरी के तार भी मंदसौर से जुड़ें है। साथ ही तीन दिन पहले रतलाम जिले की ताल थाना पुलिस ने भी 3 किलो एमडी ड्रग जब्त की थी, उस मामले में भी मंदसौर से तार जुड़े होने की बात सामने आई थी। इसलिए मंदसौर पुलिस कटघरे में है।

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