महिलाओं को इस उम्र से हो सकती है हार्ट-अटैक संबंधित बीमारियां, जानें हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह
4PM न्यूज नेटवर्क:
आजकल महिलाओं में हार्ट-अटैक की समस्याएं बढ़ती जा रहीं हैं। काफी कम उम्र में ही लोग हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर और कार्डियक अरेस्ट के शिकार हो रहे हैं। इसलिए हार्ट की सेहत का ख्याल रखने के लिए नियमित जांच बेहद जरूरी है। यही कारण है कि हार्ट एक्सपर्ट्स एक निश्चित उम्र के बाद महिलाओं को अपने हार्ट की नियमित जांच कराने की सलाह देते हैं क्योंकि एक उम्र के बाद महिलाओं में हार्ट से जुड़ी बीमारियों का रिस्क बढ़ जाता है।
हार्ट एक्सपर्ट्स के मुताबिक हार्ट संबंधी जांच कराने से इसके खतरे को समय रहते भांपना और इसका इलाज कराना आसान हो जाता है। ऐसे में हर महिला को अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए, यही वजह है कि हार्ट स्पेशलिस्ट एक निश्चित उम्र के बाद हर महिला को रेगुलर हार्ट चेकअप की सलाह देते हैं ताकि महिला दिल की बीमारियों से बची रहे।
रेगुलर चेकअप जरूर करवाएं
- इसके अलावा अगल महिला मोटापे, मेटाबॉलिक सिंड्रोम से ग्रस्त है तो भी उसे नियमित तौर पर हार्ट चेकअप करवाना चाहिए।
- महिलाओं को 40 वर्ष की आयु के बाद हर साल अपना रेगुलर चेकअप जरूर करवाना चाहिए।
महिलाओं में हार्ट अटैक के जोखिम कारक
ऐसे कई कारक हैं जो हृदय रोग विकसित होने की संभावना को बढ़ाते हैं। लगभग 50% अमेरिकियों में इस स्थिति के लिए कम से कम तीन प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है।
1-उच्च रक्तचाप
गर्भनिरोधक गोलियों के साइड इफेक्ट के रूप में या गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को उच्च रक्तचाप हो सकता है। 65 वर्ष से अधिक उम्र की सभी महिलाओं में पुरुषों की तुलना में उच्च रक्तचाप होने की संभावना अधिक होती है।
2-उच्च कोलेस्ट्रॉल
एस्ट्रोजन महिलाओं को कोलेस्ट्रॉल के अस्वस्थ स्तर से बचाता है। लेकिन रजोनिवृत्ति के बाद, एस्ट्रोजन का स्तर गिर जाता है और उच्च कोलेस्ट्रॉल की संभावना बढ़ जाती है।
महत्वपूर्ण बिंदु
- हार्ट की सेहत दुरूस्त रखने के लिए हेल्दी खाना खाएं, बाहर का जंक फूड का सेवन कम से कम करें।
- रोजाना आधे घंटे एक्सरसाइज करें, या ब्रिस्क वॉक भी की जा सकती है।
- स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए योगा, मेडिटेशन का सहारा लें।
- पर्याप्त नींद लें, रोजाना 7-8 घंटे की नींद लें।
- वजन को नियंत्रित रखें।
- स्मोकिंग से बचें।