चुनावी दंगल में उतरीं महिलाओं ने तोड़े सभी रिकार्ड

विधान सभा चुनाव में 13 प्रतिशत आजमा रहीं भाग्य, 48 प्रतिशत महिलाओं को लुभाने में जुटे रहे दल

गीताश्री
लखनऊ। यूपी विधान सभा के चुनावी दंगल में उतरी महिला प्रत्याशियों ने पिछले सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं। इस बार रिकार्ड 13 फीसदी महिलाएं चुनाव लड़ रही हैं। अब 10 मार्च को मतगणना के बाद पता चलेगा कि इनमें से कितनी महिलाओं को मतदाताओं ने अपना विधायक चुना हैं।
24 करोड़ की आबादी वाले यूपी में 48 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं। हालांकि सियासी दलों ने 33 प्रतिशत महिलाओं को टिकट देने में दरियादिली नहीं दिखायी है। लिहाजा 403 सीटों वाली विधान सभा में कभी भी महिला सदस्यों की संख्या 11 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकी है। 17वीं विधान सभा के पांच वर्ष पहले हुए चुनाव में अधिकतम 42 महिला विधायक चुनी गई थीं। वहीं 18वीं विधान सभा के लिए एक बार फिर आम चुनाव हो रहे हैं। इस बार दलों ने वोट बटोरने के लिए न केवल उनके लिए लुभावनी घोषणाएं की हैं बल्कि पिछले चुनाव से कहीं ज्यादा महिलाओं को टिकट दिया है। कांग्रेस ने रिकार्ड 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट दिया है। भाजपा गठबंधन ने भी महिलाओं को टिकट दिया है वहीं सपा-बसपा ने भी पिछली बार से कहीं ज्यादा महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारा है। गौरतलब है कि पिछले तीन चुनाव में जिस दल की सर्वाधिक महिला विधायक जीतीं उसी की सरकार बनी है। मसलन 17वीं विधान सभा के चुनाव में भाजपा की सर्वाधिक 36 महिला विधायक जीतीं और उसने ही सरकार बनाई। इससे पहले वर्ष 2012 में सरकार बनाने वाली सपा की सबसे ज्यादा 20 महिला विधायक जीती थीं जबकि भाजपा की सात, बसपा और कांग्रेस की तीन-तीन और एक-एक अपना दल और निर्दलीय महिला विधायक चुनी गई थी। 15वीं विधान सभा के लिए वर्ष 2007 में हुए चुनाव में कुल जीती 23 महिला विधायकों में बसपा की 10, सपा-भाजपा की पांच-पांच, एक कांग्रेस और दो रालोद की थीं। तब बसपा ने सरकार बनाई थी।

आधी आबादी से किए गए तमाम वादे

कांग्रेस ने इंटरमीडिएट उत्तीर्ण छात्राओं को स्मार्टफोन व स्नातक उत्तीर्ण को स्कूटी, नए सरकारी पदों पर आरक्षण प्रावधानों के अनुसार 40 प्रतिशत महिलाओं की नियुक्ति देने, महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा, रसोई गैस के तीन मुफ्त सिलिंडर, 1000 रुपये प्रतिमाह विधवा-वृद्धावस्था पेंशन, आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को 10,000 प्रतिमाह मानदेय देने जैसे वादे हैं। जहां तक भाजपा की बात है तो पार्टी की मौजूदा सरकार द्वारा एक करोड़ युवाओं में छात्राओं को भी स्मार्टफोन-टैबलेट दिए जा रहे हैं। सपा ने सरकार बनने पर सभी छात्राओं को भी मुफ्त में लैपटाप देने की बात कही है। पहली बार मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी 18 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को प्रति माह एक हजार रुपये भत्ता देने के साथ ही बेरोजगार बालिकाओं को भी हर महीने पांच हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता और नौकरियां देने की बात कर रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button