हंगामे के बीच नए संसद भवन में महिला आरक्षण बिल पेश
- नारी शक्ति वंदन अधिनियम के नाम से जाना जाएगा बिल
- लोस, विस में मिलेगा 33 प्रतिशत आरक्षण
- कानून मंत्री ने सदन में रखा प्रस्ताव, कांग्रेस व बसपा का भी समर्थन
- शिवसेना यूबीटी, आप भी पक्ष में, जदयू, राजद विरोध में
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। भारत के लिए 19 सितंबर एक ऐतिहासिक दिन रहा। मंगलवार को संसद के विशेष सत्र की बैठक नए भवन में शुरू हो गई। सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाषण देकर संसद के इतिहास के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने पूरे सदन से महिला बिल आरक्षण पर समर्थन मांगा। पीएम के भाषण के बाद नेता विपक्ष व कांग्रेस के नेता अधीर रंजन ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कांग्रेस द्वारा किए गए कार्यों के बारे में संसद को जानकारी दी हालांकि इस बीच भाजपा के सांसदों ने शोर भी मचाया।
भाजपा ने आरोप लगाया कि नेता विपक्ष ने बिल लंबित होने की गलत जानकारी दी है उसे रिकॉर्ड से हटाया जाए। वहीं महिला आरक्षण बिल लोकसभा में कानून मंत्री ने पेश कर दिया है। विधेयक को सदन में पारित कराने के लिए कल 20 सितंबर को सदन में चर्चा होगी। 21 सितंबर को राज्यसभा में यह बिल पेश होगा। बिल को नारी शक्ति वंदन अधिनियम के नाम से लोकसभा में पेश किया गया। इसके अनुसार लोक सभा व विधान सभाओं में महिला आरक्षण 33 प्रतिशत दिया जाएगा इससे लगभग 181 सीटें निर्धारित हो जाएंगी।
संविधान सदन के नाम से जाना जाए पुराना संसद भवन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दोनों सदनों के नए भवन में स्थानांतरित होने के बाद पुराने संसद भवन का नाम संविधान सदन रखने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि जिस भवन में पिछले 75 वर्षों से संसद सत्र आयोजित होते रहे हैं, उसे केवल पुरानी इमारत कहकर इसकी गरिमा कम नहीं होनी चाहिए। प्रधान मंत्री ने कहा, इमारत को संविधान सदन के रूप में संदर्भित करना उन नेताओं को श्रद्धांजलि होगी जिन्होंने संसद में इतिहास बनाया। उन्होंने कहा, हमें भविष्य की पीढय़िों को यह उपहार देने का अवसर नहीं छोडऩा चाहिए। पीएम मोदी संसद के सेंट्रल हॉल में नई बिल्डिंग में शिफ्ट होने से पहले आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। यह बदलाव मंगलवार को गणेश चतुर्थी के मौके पर पांच दिवसीय विशेष संसद सत्र के दूसरे दिन हुआ। पुराने संसद को लेकर मोदी ने कहा कि यह भवन और उसमें भी यह सेंट्रल हॉल, एक प्रकार से हमारी भवानाओं से भरा हुआ है। हमें भावुक भी करता है और हमें कर्तव्य के लिए प्रेरित भी करता है। आजादी के पूर्व यह खंड एक तरह से लाइब्रेरी के रूप में इस्तेमाल होता था। आजादी के बाद में संविधान सभा की बैठकें यहां हुईं और संविधान सभा की बैठकों के द्वारा गहन चर्चा के बाद हमारे संविधान ने यहां आकार लिया।
सोनिया, माया, केजरीवाल व उद्धव भी पक्ष में, राजद, जदयू व झामुमो ने की कोटे की मांग
कांग्रेस और भाजपा महिला आरक्षण बिल को लेकर एक साथ है। उद्धव ठाकरे की शिव सेना गुट, बसपा सुप्रीमो मायावती और आप के राष्टï्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल भी इस बिल का समर्थन किया है। हालांकि, लालू यादव की पार्टी राष्टï्रीय जनता दल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा इस बिल में सब-कोटा लाने में अड़ी हुई है।
किसी को भी दुख पहुंचा तो क्षमा याचना : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई संसद में अपने पहले संबोधन में जैन धर्म से संबंधित भाव मिच्छामि दक्कड़म का जिक्र किया। उन्होंने कहा, आज संवत्सरी का भी पर्व है। ये अपने आप में एक अद्भुत परंपरा है। इस दिन को एक प्रकार से क्षमा वाणी का भी पर्व कहते हैं। ये पर्व मन से, कर्म से, वचन से अगर जाने-अनजाने किसी को भी दुख पहुंचाया है तो उसकी क्षमा याचना का अवसर है। मेरी तरफ से भी पूरी विनम्रता के साथ, पूरे हृदय से आप सभी को, सभी संसद सदस्यों को और देशवासियों को मिच्छामी दुक्कड़म। हमें अतीत की हर कड़वाहट को भुलाकर आगे बढऩा है।
सदन के सभी सांसदों ने फोटो सेशन कराया
लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों ने सुबह सेंट्रल हॉल के पास एक साथ फोटो सेशन कराया। इस दौरान पीएम मोदी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत सत्ता और विपक्ष के सभी सांसद मौजूद रहे। पहले राज्यसभा और लोकसभा के सांसदों ने फोटो खिंचवाई। इसके बाद दोनों सदनों के सभी सांसदों का ग्रुप फोटो सेशन भी हुआ। इस बीच गुजरात से बीजेपी सांसद नरहरि अमीन की तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद सेंट्रल हॉल में मोदी देश के सभी सांसदों के पास जाकर मिले। यहां राष्ट्रगान हुआ।
कनाडा के आरोप पर भडक़ा भारत, कांग्रेस का मिला साथ
- दिया करारा जवाब- राजनयिक को 5 दिन में देश छोडक़र जाने का आदेश
- खालिस्तानी निज्जर की हत्या के बाद बढ़ा विवाद
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय एजेंसियों पर बड़े आरोप लगाए हैं कि उनका खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में हाथ है, ये आरोप लगाते हुए कनाडा ने भारतीय भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया है, इसके बाद भारत ने कनाडाई उच्चायुक्त कैमरून मैके को नई दिल्ली के साउथ ब्लॉक स्थित विदेश मंत्रालय मुख्यालय में बुलाया और उन्हें 5 दिन के भीतर देश छोडक़र जाने के लिए कहा है, इससे पहले भारत सरकार ने कनाडाई पीएम के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया और कहा कि उनकी राजनीतिक हस्तियों का खुले तौर पर ऐसे तत्वों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करना गहरी चिंता का विषय बना हुआ है। वहीं कांग्रेस ने भी इस मामले में भारत सरकार का साथ दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा, कनाडा के राजनयिक को निष्कासित करने का फैसला हमारे आंतरिक मामलों में कनाडा के राजनयिकों के हस्तक्षेप को लेकर भारत की बढ़ती चिंताओं को दर्शाता है।प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख और भारत के सर्वाधिक वांछित आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर (45) की पश्चिमी कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे में 18 जून को एक गुरुद्वारे के बाहर दो अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। ट्रूडो ने सोमवार को संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमंस में अपने संबोधन में कहा, कनाडा के नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट की संलिप्तता के पुख्ता आरोपों की कनाडा की सुरक्षा एजेंसियां पूरी सक्रियता से जांच कर रही हैं।
ट्रूडो का आरोप बेतुका, देश हित सबसे ऊपर : जयराम
नई दिल्ली। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, कांग्रेस का हमेशा से मानना रहा है कि आतंकवाद के खिलाफ हमारे देश की लड़ाई में किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं होना चाहिए। कांग्रेस ने कनाडा में एक अलगाववादी सिख नेता की हत्या पर वहां के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान की पृष्ठभूमि में मंगलवार को कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किसी तरह का समझौता नहीं होना चाहिए और देशहित को हमेशा सबसे ऊपर रखा जाना चाहिए। विशेष रूप से तब, जब आतंकवाद से भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरा हो। उन्होंने कहा कि हमारे देश के हितों और चिंताओं को हमेशा सर्वोपरि रखा जाना चाहिए। भारत ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इन आरोपों को ‘‘बेतुका’’ और ‘‘बेबुनियाद’’ बताकर खारिज कर दिया है कि कनाडा में एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या संबंधी घटना में भारत सरकार के एजेंट का हाथ था।