बृजभूषण के दांव में फंसे पहलवानों के पांव!
कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ दूसरी बार धरने पर रेसलर
- यौन उत्पीडऩ का लगा आरोप
- अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर एफआईआर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। पहलवानों द्वारा छह दिन से किए जा रहे प्रदर्शन का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने के बाद उम्मीद जगी अब इंसाफ होगा। सॉलिसिटर जनरल ने बताया कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ दिल्ली पुलिस एफआईआर दर्ज करेगी। ज्ञात हो कि भारत के पदकधारी पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगया है। उनके खिलाफ वह जनवरी में भी प्रदर्सन कर चुके थे पर सरकार द्वारा कमेटी बनाने के आश्वासन के बाद पहलवान पीछे हट गए थे। परंतु चार महीने बाद भी जब कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वे सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए और अंतत: अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर करने का फैसला आ गया है। हालांकि इसके बाद भी पहलवान पीछे नहीं हट रहे है। उन्होंने आरोप लगाया खेल मंत्री उनका फोन नही उठाते साथ ही खिलाडिया़ें ने कहा कि जब उनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक धरना देते रहेंगे। उन्होंने कहा उन्हे सरकार की किसी एजेंसी पर विश्वास नही कि वह निष्पक्ष जांच करेगा।
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस एफआईआर दर्ज करेगी। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में भारत के सॉलिसिटर जनरल ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि बृजभूषण सिंह पर सेक्सुअल हैरासमेंट का केस दर्ज होगा। पिछली सुनवाई में उन्होंने कहा था कि मामले में प्रारंभिक जांच जरूरी है। अब प्रारंभिक जांच के बाद अब एफआईआर दर्ज होगी। सुनवाई के दौरान रेसलर्स के वकील कपिल सिब्बल ने पीडि़ता महिलाओं की सेफ्टी का भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आरोपी पर केस की लंबी फेहरिस्त है। विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक जैसे पहलवान बृजभूषण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर 6 दिनों से प्रदर्शन पर बैठे हैं। रेसलर्स ने बृजभूषण शरण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस से मसले पर ताजा रुख के बारे में जानकारी मांगी थी। भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि मामले में दिल्ली पुलिस बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली पुलिस के फैससे के मद्देनजर याचिका में कुछ नहीं बचा है। रेसलर्स की ओर से मामले में दलील दे रहे वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट के सामने कहा कि हम दो आधारों पर चिंतित हैं, जिसमें पहला नंबर सुरक्षा का है। उन्होंने सिंह के खिलाफ यौन उत्पीडऩ का केस दर्ज कराने वाली नाबालिग पीड़िता को सुरक्षा दिलाने की कोर्ट से अपील की। इस पर कोर्ट ने पुलिस को नाबालिग पीड़िता को सुरक्षा देने का निर्देश दिया। बता दें कि मामले की पिछली सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल ने साफतौर पर कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश होगा तो दिल्ली पुलिस को मामले में एफआईर दर्ज करने में कोई समस्या नहीं है।
फिर धरने पर बैठे खिलाड़ी
अब हरियाणा से आने वाले तमाम पहलवानों ने आरोप लगाया कि जांच सही तरीके से नहीं हुई। उन्होंने कहा कि बृजभूषण को उनके पद से हटाया जाना चाहिए। इसे लेकर वो फिर से जंतर-मंतर पहुंचे और धरना शुरू कर दिया। खिलाडिय़ों ने आरोप लगाया कि जांच को लेकर जब मंत्रालय से जवाब मांगा तो उन्हें वक्त तक नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि बृजभूषण को बचाने की कोशिश की जा रही है. पहलवानों की मांग है कि आरोपी सांसद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए. इस बार इन पहलवानों को गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा और अभिनव बिंद्रा का भी समर्थन मिला है। इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस भी सवालों के घेरे में है। दिल्ली पुलिस को कई महिला पहलवानों की तरफ से बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीडऩ की शिकायत दी गई, लेकिन अब तक एफआईआर दर्ज नहीं हो पाइ। वहीं दिल्ली पुलिस का कहना है कि शिकायतों की जांच की जा रही है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होने जा रही है, जिसके बाद कोर्ट पुलिस को इसका आदेश दे सकता ह। अब तक की पूरी कहानी पढक़र आप ये समझ चुके होंगे कि खिलाडिय़ों की लाख कोशिशों के बावजूद बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ अब तक कुछ भी नहीं हो पाया है। बीजेपी ने अब तक उन्हें न तो सस्पेंड किया है और न ही उन्हें रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष पद से हटाया गया है। इसके पीछे की वजह जानने के लिए बृजभूषण की राजनीतिक ताकत को जानना होगा।
बीजेपी के बड़े नेताओं का साथ
बृजभूषण सिंह की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब दाऊद से लिंक के आरोपों के चलते वो जेल की सजा काट रहे थे, तब बीजेपी के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी में वाजपेयी ने उन्हें बहादुर बताया था। इससे बृजभूषण का कद बीजेपी में और ज्यादा बढ़ गया. बृजभूषण को दिवंगत विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष अशोक सिंघल का काफी करीबी माना जाता थ। इसके बाद एक किस्सा गोंडा का नाम बदले को लेकर भी चर्चित है, जब मायावती के खिलाफ इसे लेकर बृजभूषण ने आंदोलन छेड़ दिया. वाजपेयी से नजदीकी के चलते इस फैसले को रोक दिया गया, लेकिन संघ के बड़े नेताओं से अनबन के चलते बृजभूषण का टिकट कट गया. उनकी जगह जिस उम्मीदवार को टिकट दिया, उसकी वोटिंग वाले दिन ही एक्सीडेंट से मौत हो गई. जिसका आरोप बृजभूषण सिंह पर लगा। बाद में सीबीआई को जांच सौंपी गई। बाद में बृजभूषण की बीजेपी नेताओं से अनबन शुरू हुई और उन्होंने पार्टी छोड़ दी। साल 2009 में उन्होंने कैसरगंज सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की हालांकि 2014 में मोदी लहर के दौरान वो फिर से बीजेपी में चले गए और उसके बाद से ही लगातार सांसद हैं. उन्हें 2011 में कुश्ती महासंघ का अध्यक्ष बनाया गया था, जिसके बाद से वो इस पद पर बने हुए हैं। उन्हें 2019 में तीसरी बार इस पर पर बिठाया गया। जिसके बाद उन पर अब कई तरह के गंभीर आरोप लगे हैं।
यौन शोषण का गंभीर आरोप
सबसे पहले खिलाडियों के धरना-प्रदर्शन की बात कर लेते हैं, करीब चार महीने पहले जनवरी में बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट जैसे तमाम बड़े पहलवानों ने रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए, उन्होंने कहा कि बृजभूषण की तरफ से महिला खिलाडिय़ों का यौन उत्पीडऩ किया जाता है और वित्तीय गड़बड़ी के भी आरोप लगाए गए। करीब तीन दिन तक चले इस धरना-प्रदर्शन के बाद केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने खिलाडिय़ों के साथ दो राउंड की बैठक की। कई घंटो तक चली बैठक के बाद पहलवानों के आरोपों की जांच के लिए कमेटी गठित करने का फैसला लिया गया और धरना खत्म हुआ ।
बाहूबलि हैं बृजभूषण सिंह
बृजभूषण सिंह की शुरुआती पढ़ाई उत्तर प्रदेश के गोंडा में हुई। बचपन से ही राजनीति उनके करीब रही, क्योंकि उनके परिवार से चंद्रभान शरण सिंह विधायक थे। बृजभूषण बड़े हुए तो उन्होंने कानून की पढ़ाई करने का फैसला किया। उन्होंने अवध यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री ली। इस दौरान वो छात्र राजनीति से जुड़ गए और छात्रसंघ के अध्यक्ष भी चुने गए. इस दौरान उन पर कई आरोप भी लगे, जिनके चलते उनका नाम ऊपर आने लगा और वो राजनीति में सक्रिय हो गए। इसके बाद बृजभूषण सिंह की आरएसएस के बड़े नेताओं से करीबी बढ़ती गई। अयोध्या में बाबरी विध्वंस मामले में भी उनकी सक्रिय भूमिका थी। अपने कुछ इंटरव्यू में उन्होंने खुद इस बात का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि उस रात वो वहीं मौजूद थे और कारसेवकों को उन्होंने मदद पहुंचाने का काम किया था।
कई गंभीर मामले दर्ज
अब आरोपों की बात आई है तो बृजभूषण शरण सिंह के आपराधिक इतिहास की भी बात कर लेते हैं। बृजभूषण के खिलाफ पिछले कुछ सालों में कई गंभीर मामले दर्ज हुए. उनके खिलाफ हत्या से लेकर अंडरवर्ल्ड लिंक, गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट जैसी धाराओं में मामले दर्ज किए गए. इनमें से कुछ मामलों में उन्हें बरी कर दिया गया है। प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने भी उनके इस आपराधिक रिकॉर्ड का पोस्टर जारी किया है, जिसमें उनके खिलाफ 38 धाराओं में दर्ज मामलों का जिक्र किया गया है. बृजभूषण शरण सिंह ने अपनी छवि एक बाहुबली और दबंग नेता के तौर पर बनाई, जिसके चलते वो हर बार चर्चा में बने रहे. अपने विवादित बयानों के अलावा उन्होंने कैमरों के सामने मंच पर एक पहलवान को थप्पड़ जड़ दिया था, जिसका वीडियो खूब वायरल हुआ। इसके अलावा अब बीजेपी के दबंग नेता बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कुश्ती के दिग्गज पहलवानों ने मोर्चा खोल दिया है। हालांकि पिछले चार महीने में लाख कोशिशों के बावजूद बृजभूषण शरण सिंह के रसूख पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा। अब देखना होगा कि हत्या, अंडरवर्ल्ड के साथ संबंध जैसे बड़े मामलों से बच निकलने वाले बृजभूषण शरण सिंह को पहलवान धोबी पछाड़ दे पाएंगे या फिर नहीं।
शिक्षा और भू-माफिया होने के आरोप
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शिक्षा माफिया होने के आरोप भी लगते आए हैं। इसकी वजह है कि उनके करीब 50 से ज्यादा शैक्षणिक संस्थान चल रहे हैं। जो अयोध्या से लेकर श्रावस्ती तक फैले हुए हैं। उनके विरोधियों का कहना है कि इस बिजनेस में उनके कई रिश्तेदार भी शामिल हैं। इसके अलावा अपने स्कूलों और संस्थानों का जाल फैलाने के लिए उन पर भू- माफिया और जमीन कब्जाने के भी आरोप लगते आए हैं। बृजभूषण शरण सिंह के पास 10 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है।