मुख्तार को दस साल की सजा

  • गाजीपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाया फैसला
  • अफजाल पर भी आरोप तय

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

गाजीपुर। बसपा सांसद अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी पर गैंगस्टर मामले में कोर्ट का फैसला आ गया। मुख्तार अंसारी को दस साल की सजा व 5 लाख रुपये के जुर्माने की सुनाई गई है। गाजीपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने यह फैसला दिया है। वहीं अफजाल क ा फैसला दो बजे के बाद सुनाया जाएगा। शनिवार सुबह से ही गाजीपुर के एसपी कार्यालय के बाहर न्यायालय जाने वाले मार्ग को बैरिकेडिंग कर आवागमन रोक दिया गया था। पीएसी और पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई थी। वहीं, न्यायालय में फैसला आने को लेकर गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी सुबह 10.45 बजे कोर्ट में पहुंच गए थे। मुख्तार अंसारी बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े।

गैंगस्टर में इन मुकदमों को बनाया था आधार

पुलिस ने अफजाल अंसारी व मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर में निरुद्ध करने में मुहम्मदाबाद से अफजाल को हराकर भाजपा से विधायक बने कृष्णानंद राय की हत्या और कोयला व्यवसायी रुंगटा कांड को आधार बनाया था। हालांकि दोनों मामले में अफजाल बरी हो चुके हैं। इसी को आधार बनाकर अफजाल ने गैंगस्टर के खिलाफ हाइकोर्ट गए थे। तर्क दिया था कि जब मेन केस में बड़ी हो गए तो इसको आधार बनाकर की गई गैंगस्टर की कार्रवाई निरस्त होनी चाहिए। हालांकि राहत नहीं मिली थी।

इस मामले में हुआ था मुकदमा

एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रहे इस मामले में बीते 15 अप्रैल को फैसला आना था। न्यायाधीश के अवकाश में होने के चलते फैसला नहीं आ पाया था। ऐसे फैसले के लिए 29 अप्रैल को तारीख नियत की गई थी। वर्ष 2007 के इस मामले में बीते एक अप्रैल को बहस और सुनवाई पूरी कर ली गयी थी और 15 अप्रैल को फैसला होना था। अफजाल अंसारी, मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रहे इस केस में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड केस गैंग चार्ट में शामिल है। जबकि नन्दकिशोर रूंगटा के अपहरण और हत्या का केस भी गैंग चार्ट में शामिल है। 29 नवंबर 2005 को गाजीपुर के भांवरकोल थाना अंतर्गत सियाड़ी गांव में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित सात लोगों पर एके-47 जैसे अत्याधुनिक असलहों से लगभग 400 राउंड से ज्यादा फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी गई थी। सातों लोगों का शव पोस्टमार्टम के लिए बीएचयू लाया जाने लगा तो भाजपा विधायक के समर्थक उग्र हो गए थे और जगह-जगह तोडफ़ोड़ व हिंसा की गई थी।

अफजाल गाजीपुर से हैं सांसद

गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी वैसे तो छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़े रहे,लेकिन उन्होंने सक्रिय राजनीति में भागीदारी वर्ष 1985 के विधान सभा चुनाव से की। पहली बार वह वर्ष 1985 में भाकपा के टिकट पर चुनाव लड़े और जीतकर विधायक बने। इसके बाद उनका जीत का सिलसिला 1989,91,93 व 96 तक चलता रहा। वर्ष 2002 के विधान सभा चुनाव में वह भाजपा के कृष्णानंद राय से चुनाव हार गये। वह वर्ष 1993,96 व 2002 का चुनाव सपा के टिकट पर लड़े। विधान सभा चुनाव हारने के बाद पार्टी ने उन्हे वर्ष 2004 में लोकसभा का टिकट दिया। इस चुनाव में वह भाजपा के मनोज सिन्हा को हराए। इस बीच 29 नवंबर 2005 को विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद जेल चले गए। जेल जाने के दौरान सपा से राजनीतिक मतभेद होने के बाद वह वर्ष 2009 का लोकसभा चुनाव गाजीपुर संसदीय सीट से बसपा के टिकट पर लड़े और चुनाव हार गये। इसके पश्चात उन्होंने अपना कौमी एकता दल बनाया। वर्ष 2014 में बलिया संसदीय सीट से चुनाव लड़े लेकिन कामयाबी नहीं मिली। इसके पश्चात वह 2019 में गाजीपुर संसदीय सीट से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर सप बसपा गठबंधन से चुनाव लड़े और तत्कालीन केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा को हराकर सांसद बने। फिलहाल वह गाजीपुर के सांसद है।

पहलवानों के समर्थन में आया देश

  • सियासत भी गरमाई, ममता, केजरीवाल व प्रियंका का समर्थन
  • खिलाडिय़ों का धरना सातवें दिन भी जारी
  • कुश्ती संघ के अध्यक्ष ने कहा-कोर्ट पर भरोसा
  • दिल्ली पुलिस ने दो प्राथमिकी दर्ज कीं

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। पहलवानों का धरना सातवें दिन भी जारी रहा है। इन खिलाडिय़ों को पूरे देश से समर्थन मिल रहा है। सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। उधर रिपोर्ट दर्ज होने के बाद बृजभूषण ने कहा कि उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा है जो भी फैसला होगा निष्पक्ष होगा। वहीं इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है। जहां कई विधायक बृजभूषण के समर्थन में आ गए है वहीं उन लोगों ने इन सबके पीछे कांग्रेस की साजिश बताया है। पहलवानों से नेताओं का समर्थन भ ख्ूाब मिल रहा है। जयंत चौधरी, आतिशी, दिपेंद्र हुड्डा  प्रियंका गांधी, अरविंद केजरीवाल के बाद ममता बनर्जी ने भी पहलवानों की आवाज में आवाज मिलाई है। महिला पहलवानों द्वारा बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीडऩ के आरोपों के संबंध में दिल्ल्ली पुलिस ने शुक्रवार को दो प्राथमिकी दर्ज कीं।

मेरे खिलाफ साजिश : बृजभूषण

यूपी के गोंडा में बृजभूषण ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कहा कि यह यह खिलाडिय़ों का धरना नहीं षडयंत्रकारियों का धरना है। मैं पूरी तरह निर्दोष हूं। हरियाणा के 90 प्रतिशत खिलाड़ी मेरे साथ हैं। अपराधी बनकर इस्तीफा नहीं दूंगा। हर रोज नई डिमांड आ रही है। इस पूरे मामले में कांग्रेस का हाथ है। 12 साल से शिकायत क्यों नहीं की। अगर धरना दे रहे पहलवान इस्तीफे से मानेंगे, तो मैं दे दूंगा। अगर ये खिलाड़ी धरने से उठकर वापस घर जाएं, अपनी प्रैक्टिस करें तो मैं इस्तीफा भिजवा दूंगा। कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख ने अपना बचाव करते हुए कहा कि मैं निर्दोष हूं और सभी आरोपों का सामना करूंगा, इस मामले की जांच पूरी हो, मुझे सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है। धरने पर बैठे पहलवानों की मांगें लगातार बदल रही हैं। उन्होंने सबसे पहले मेरा इस्तीफा मांगा, जिस पर मैंने कहा कि इसका मतलब आरोपों को स्वीकार करना होगा। 4 महीने के लिए वे लोगों को मेरे खिलाफ भडक़ाते हैं और नए लोगों को मेरे खिलाफ खड़ा करते हैं, मैंने हमेशा सरकार का सम्मान किया है। बृजभूषण शरण सिंह ने साथ ही कहा कि वे कह रहे हैं कि मुझे जेल में होना चाहिए, मैं एक लोकसभा सांसद हूं,मेरा ओहदा विनेश फोगाट के कारण नहीं है, यह लोगों की वजह से है, जिन्होंने मुझे वोट देकर चुना ह, आखिरकार एक ही परिवार और एक अखाड़ा ही सिर्फ मेरा विरोध क्यों कर रहा है? मैं बहुत मेहनत कर रहा हूं, यह मेरे खिलाफ साजिश है। जंतर-मंतर पर पप्पू यादव और केजरीवाल जैसे नेता क्यों आ रहे हैं, प्रियंका गांधी को नहीं पता कि दीपेंद्र हुड्डा ने मेरे खिलाफ कैसे साजिश रची, पहले दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट का इंतजार क्यों नहीं कर सके।

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