योगी सरकार बनाने जा रही अलग खेल नीति

लखनऊ। केंद्र सरकार के खेलो इंडिया अभियान की तरह ही बेशक कोई अभियान शुरू न किया हो, लेकिन इस क्षेत्र में भी मैदान मारने की तैयारी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कर ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तय किया है कि हर मंडल में खेल महाविद्यालय (स्पोर्ट्स कालेज) या खेल अकादमी की स्थापना पीपीपी माडल पर की जाएगी। सरकार प्रदेश के लिए अलग से खेल नीति भी बनाने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी के सामने शिक्षा क्षेत्र की जो कार्ययोजना प्रस्तुत की गई, उसमें खेल, युवा कल्याण और युवाओं के कौशल विकास का भी खाका अगले पांच वर्ष के लिए खींचा गया। पिछले दिनों टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने वाले देशभर के खिलाड़ियों को पुरस्कृत-सम्मानित कर चुकी योगी सरकार ने खेलों को बढ़ावा देना अपनी प्राथमिकता में रखा है। इसी के मद्ïदेनजर सीएम योगी ने मेरठ में निर्माणाधीन मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय का निर्माण तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि इसके कुलपति खेल जगत के कोई प्रतिष्ठित व्यक्ति ही बनाए जाने चाहिए। इस दिशा में बड़ा निर्णय लिया गया है कि प्रदेश के हर मंडल में खेल महाविद्यालय या खेल अकादमी की स्थापना की जाएगी। इसके लिए पीपीपी माडल अपनाने पर विचार किया जाएगा। यह संस्थान खेल की किसी एक-एक विधा के लिए होंगे। खेल संबंधी अवस्थापना सुविधाओं के लगातार विकास का दावा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्रयासों को जल्द ही मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन की शुरुआत की जाए।

यथाशीघ्र प्रदेश की नई खेल नीति तैयार करने का निर्देश भी दिया है, जिसमें खेल जगत के प्रोफेशनल की मदद ली जाएगी। इसी से जुड़े मंगल दलों को भी प्रोत्साहन देने की तैयारी है। सीएम योगी ने कहा कि मंगल दल खेलकूद के साथ युवाओं को सामाजिक सरोकारों से जोड़ने का शानदार मंच बनकर उभरे हैं। खेल के साथ ही प्रदेश सरकार का खास जोर कौशल विकास पर है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत ही इस दिशा में तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में योगी सरकार ने अगले पांच वर्षों में युवाओं के कौशल विकास के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाई है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए फिजिबिलिटी स्टडी व भूमि का चयन समय से कराया जाए। सरकार का जोर रोजगारपरक शिक्षा पर है। ऐसे में तय किया गया है कि छह माह में नई शिक्षा नीति-2020 के तहत पहले चरण में 25 हजार माध्यमिक व उच्चतर कक्षाओं के छात्रों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा।

भ्रष्टाचार मामले में बाराबंकी की असिस्टेंट कमिश्नर सस्पेंड

लखनऊ। भ्रष्टाचार के खिलाफ सीएम योगी एक्शन में है। वाणिज्य कर सचल दल प्रभारी असिस्टेंट कमिश्नर अंजली चौरसिया को निलंबित कर दिया गया है। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद यह कार्रवाई होने की बात कही जा रही है। बिहार की राजधानी पटना के एक व्यापारी की शिकायत पर कमिश्नर के खिलाफ उच्चस्तरीय जांच चल रही थी। सीएमओ के ट्वीटर हैंडल से भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई किए जाने संबंधी पोस्ट की गई है। बिहार के पटना जिला में रहने वाले एक व्यापारी ने वित्त मंत्री से वाणिज्य कर अधिकारियों की व्यापारियों से मिलीभगत की शिकायत की थी। इसमें करोड़ों के घपले के गंभीर आरोप लगाए थे। व्यापारी का आरोप है कि स्क्रैप व्यापारी, प्लास्टिक दिखाकर कापर और एल्युमीनियम पर टैक्स चोरी कर रहे हैं। यही नहीं बाराबंकी में तैनात सचल दल अधिकारी अंजलि चौरसिया पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। अंजलि चौरसिया पर आरोप लगाया था कि एक हरियाणा की गाड़ी को पकड़ा था, जिसमें कापर स्क्रैप का 80 बोरियों में माल भरा था। इसमें बड़ी धनराशि का लेनदेन किया गया। बताया जाता है कि इस आरोप से संबंधित वीडियो भी विभाग को उपलब्ध कराया गया था। हालांकि उनके खिलाफ और भी कई मामलों में जांच चलने की बात कही जा रही है। विभागाध्यक्ष उपायुक्त जीएसटी अनिल कुमार कनौजिया ने बताया कि ट्वीटर के जरिए निलंबन की जानकारी हुई है, लेकिन किस प्रकरण में कार्रवाई हुई है इसका अभी पता नहीं चल सका है।

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