भूमाफियाओं के आगे योगी का बुलडोजर पस्त
- भाजपा नेताओं की सरपरस्ती में फल-फूल रहे माफिया
- मेरठ में योगी सरकार को चुनौती दे रहे हंै माफिया
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश से गुंडों का एनकाउंटर और भू-माफियाओं का बुलडोजर से सफाया करने में लगे हैं, वहीं कुछ गुंडे और भू-माफिया ऐसे भी हैं, जिनके आगे सीएम योगी का बुलडोजर पस्त है क्योंकि उनके सिर पर कुछ भाजपा नेताओं का हाथ है इसलिए योगी का प्रशासन उनका कुछ नहीं बिगाड़ पा रहा है। मेरठ में भी कुछ ऐसे भू-माफिया हैं, जो अपनी गुंडागर्दी के दम पर न सिर्फ योगी सरकार को चुनौती दे रहे हैं, बल्कि सीएम योगी के सुशासन और गुंडाराज मुक्त उनकी सोच पर भारी पड़े हुए हैं।
स्थानीय लोग और कुछ पीडि़त बताते हैं कि प्रशासन इन भू-माफिया के आगे पानी भरता है। मेरठ में भू-माफिया ने कई किसानों और सरकार की जमीनों को भी हड़प लिया है, जिसकी वजह से एक किसान ने कुछ साल पहले आत्महत्या तक कर ली थी। इन भू-माफियाओं ने गुंडागर्दी के दम पर न सिर्फ किसानों की जमीनों पर कब्जा कर लिया है, बल्कि धमकी देते हैं कि उनका कुछ बिगाडऩे वाला कोई माई का लाल आज तक दुनिया में पैदा नहीं हुआ है। तो क्या माना जाए कि भू-माफियाओं की ये धमकी सीधे-सीधे योगी की जीरो टॉलरेंस सुशासन व्यवस्था और उनके प्रशासन को चुनौती देने जैसा है? भू-माफियाओं ने किसान परिवार की जमीन में से रास्ता बनाए रखने दबाव बना रहा है और जमीन के एक बड़े हिस्से पर अपना कब्जा जमाना चाहता है। इस मामले में उपजिलाधिकारी के पत्रांक-667/एसटी/एसडीएम ने 1 अगस्त 2024 को जिलाधिकारी को पत्र लिखकर भी बताया कि उक्त जमीन किसान परिवार की है, लेकिन इसके बावजूद भृ-माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई और न ही किसान परिवार की जमीन भू-माफिया के कब्जे से मुक्त कराई गई। आज़ तक भू-माफियाओं के खिलाफ न तो कोई कार्रवाई हुई और न ही पीडितों की दीवार बनाने की पुलिस प्रशासन और कोई अधिकारी हिम्मत दिखा पाया।
कोर्ट के निर्देश पर बनाई गई दीवार भी तोड़ी
मेरठ के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के रहने वाले कथित बिल्डर और भू-माफिया अखिलेश, भू-माफिया रमेश यादव ने स्थानीय किसान सुशील, विरेंद्र, जगत सिंह और बलजीत सिंह गांव नंगला ताशी, थाना कंकरखेड़ा, जिला मेरठ की जमीन, जिसका खसरा संख्या 616 है, पर कब्जा करने की नीयत से उनकी न्यायालय के निर्देश पर बनाई गई दीवार को तोडक़र उनका खेती-बाड़ी का सामान और कृषि यंत्र फेंक दिए और पीछे में अपनी प्लाटिंग की जमीन का रास्ता जो तीर्थकुंज का रास्ता शामली हाइवे पर निकालने की नियत है, इन भू-माफियाओं ने अपना रास्ता होने के बावजूद किसान परिवार की जमीन छीनने की नीयत से उनकी दीवार तोडक़र एक और रास्ता निकाल लिया है, जिसकी शिकायत पीडि़त किसानों ने कंकरखेड़ा थाने के अलावा जिले के तमाम अधिकारियों से भी की, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि जि़ला प्रशासन दबाव में कार्रवाई करने में नाकाम है।
मुख्य सचिव को पीड़ित किसानों ने लिखी चिट्ठी
पीडि़त किसानों ने मजबूरन प्रदेश के मुख्य सचिव को 24 जून 2024 को भी अपनी पीड़ा एक पत्र लिखकर बताई, जिस पर मुख्य सचिव ने मेरठ के जिलाधिकारी, मेरठ मंडल के अपर आयुक्त को संज्ञान लेने के लिए निर्देशित किया, पीडि़त किसानों ने बताया कि इस मामले में मेरठ मंडल के कमिश्नर द्वारा आदेश के बाद पुलिस सुरक्षा में उनकी जमीन की तारबंदी और दीवार कराई गई, लेकिन भू-माफिया अखिलेश और रमेश यादव अंपने गिरोह के मिलकर ने उसे जबरन तोड़ दिया। पीडि़त किसानों ने फिर पुलिस और स्थानीय प्रशासन से इस बारे में बार बार गुहार लगाई, लेकिन जब कुछ नहीं हुआ तो तंग आकर किसान रुपेश पवार ने साल 2021 में वाद संख्या 1293/2021 न्यायालय सिविल जज (सीडी), मेरठ में दर्ज किया, जिसके आधार पर 27 अक्टूबर 2021 को न्यायालय ने भू-माफियाओं को उक्त किसान परिवार की जमीन पर कब्जा और हस्तक्षेप न करने का आदेश पारित किया था। जब भू-माफियाओं ने न्यायालय से इस मामले में हस्तक्षेप के लिए याचिका दायर की, तो न्यायालय ने उनकी याचिका को निरस्त कर दिया।