योगी की कार्यशैली ने भाजपा को ला दिया घुटनों पर!

सरकार में मंत्रियों और विधायकों की हुई अनदेखी, 4पीएम की परिचर्चा में उठे कई सवाल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। भाजपा ने यह सोचा भी नहीं था कि चुनाव तारीखों के ऐलान के साथ ही उनके यहां भगदड़ मचेगी। इसके पहले योगी आदित्यनाथ दिल्ली दरबार को बता रहे थे कि हमारी लहर आएगी और लोग टिकट के लिए लाइन लगाए खड़े हैं। कई मंत्रियों और विधायकों के छोडऩे से भाजपा के पसीने छूट गए हैं। क्या यह संकेत है कि भाजपा डूबता हुआ जहाज बन चुकी है? क्या इसके पीछे सीएम योगी का ठाकुरवाद या कोई अन्य कारण है? ऐसे कई सवाल उठे वरिष्ठï पत्रकार सबा नकवी, अशोक वानखेड़े, शरद गुप्ता, चिंतक रविकांत, सीपी राय और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा के बीच चली लंबी परिचर्चा में।
रविकांत ने कहा, यह लिस्ट और भी लंबी होगी। कुछ बड़े विधायक भी पार्टी छोडं़ेगे। इस भगदड़ ने चुनाव की पटकथा लिख दी है। मंत्रियों और विधायकों को सम्मान नहीं मिल रहा था। उनकी आवाज को नहीं सुना गया। सरकार के खिलाफ आक्रोश है। सीपी राय ने कहा, योगी आदित्यनाथ ने जैसी हालत भाजपा की कर दी है उसमें यह होना ही था। मुझे आश्चर्य है कि यह संख्या सौ के पार क्यों नहीं गयी। जिन्होंने भाजपा छोड़ी है वे दूध के धुले नहीं है। मौकापरस्त है। शरद गुप्ता ने कहा, सीएम को विनम्र होना चाहिए लेकिन वे अपने विधायकों और मंत्रियों को झिड़क देते थे। इससे वे नाराज थे। वहीं भाजपा नेतृत्व ने आरएसएस के दबाव में सीएम को बदला नहीं। इसका नतीजा है कि आज भाजपा में भगदड़ मची हुई है। सबा नकवी ने कहा, सरकार से जनता आक्रोशित है। गांव में पशुओं की समस्या है। यह बहुत कठिन चुनाव होगा लेकिन भाजपा खत्म हो जाएगी ऐसा संभव नहीं है। उनका संगठन तेजी से सक्रिय है। गांव में हिंदुत्व का बहुत असर नहीं दिख रहा है। अशोक वानखेड़े ने कहा, योगी मठाधीश की तरह प्रदेश की सरकार चलाते रहे। अफसरों ने भी इसका खूब फायदा उठाया। मुस्लिमों ने भी भाजपा को वोट दिया। योगी ने बीजेपी की जगह ठाकुरवाद चलाया। मंत्री और विधायक कुछ नहीं कर पा रहे थे।

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