आप की नजर उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव पर

  • 69 जिलों में जिला प्रभारी बनाए
  • सभी 763 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। आप देश के सबसे बड़े सूबे में अपनी धमक दिखाने को आतुर है। धीरे-धीरे ही सही वह अपनी पैठ पूरे देश में बढ़ाती जा रही है। इसी के मद्देनजर आप ने उत्तर प्रदेश के 69 जिलों में जिला प्रभारियों को नियुक्त किया। दिल्ली नगर निगम चुनाव में भारी जीत के बाद आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश का निकाय चुनाव लडऩेका ऐलान किया था। इसके लिए आप ने काम भी करना शुरू कर दिया है।
आप ने यूपी निकाय चुनाव में सभी 763 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है। इससे पहले 11 फरवरी को नगर निकाय चुनाव को लेकर आप राज्यसभा सासंद संजय सिंह और संदीप पाठक ने समीक्षा बैठक की। इस दौरान आप नेताओं ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने इस देश को एक सकारात्मक राजनीति दी है। ऐसी राजनीति, जिसमें शिक्षा का स्वास्थ्य जैसी चीजें हैं, आप सांसद संदीप पाठक ने कहा कि इस देश में दो तरह की राजनीति होती है, एक सकारात्मक राजनीति और नकारात्मक राजनीति होती है। आप ने समय-समय पर वार्ड स्तर पर बैठक करने का भी निर्णय लिया है। लखनऊ नगर निगम का कार्यकाल 20 जनवरी 2023 से समाप्त हो गया, इसके साथ ही लखनऊ महापौर संयुक्ता भाटिया का कार्यकाल भी खत्म हो गया और उसकी जगह अब तीन सदस्यों की समिति अब प्रशासकीय कामकाज संभाल रही हैं। लखनऊ नगर निगम के अलावा कानपुर नगर निगम, वाराणसी नगर निगम, गोरखपुर नगर निगम, झांसी नगर निगम आदि का कार्यकाल भी खत्म हो चुका है, अगले नगर निकाय चुनाव होने तक उन्हीं के पास इसका अधिकार रहेगा। जनवरी में 17 नगर निगम, 200 नगरपालिका और 545 नगर पंचायतों में चुनाव होना था, हालांकि ओबीसी आरक्षण के रैपिड टेस्ट फार्मूले को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दिया,योगी आदित्यनाथ सरकार को ओबीसी आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर ओबीसी आरक्षण तय करने का निर्देश दिया। यूपी सरकार ने पांच सदस्यीय आयोग गठित कर दिया है, जो मंडलवार आरक्षण की प्रक्रिया तय करने में जुटा है, इसमें तीन माह का वक्त लग सकता है।

दिल्ली को और मजबूती देने में जुटे केजरीवाल

उधर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में शासन व्यवस्था में नये-नये प्रयोग के जरिये संवारने का बीड़ा उठाया है। इसी सिसिले में जेलों में मोबाइल सिग्नल को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है, सीएम केजरीवाल ने दुनिया में मौजूद सबसे बेहतर जैमर तकनीक का अध्ययन कर उसके इस्तेमाल की दिशा में आगे बढऩे के लिए कमेटी गठन को मंजूरी दे दी। डीजी जेल की अध्यक्षता में जिस कमेटी के गठन को मंजूरी दी गई। उसमें आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर, आईआईएमसी बंगलूरू प्रोफेसर, डीआरडीओ के वैज्ञानिक, सी डॉट के कर्मचारी, आईबी और एसपीजी के अधिकारी शामिल होंगे। यह कमेटी दिल्ली सरकार को जेलों में 5 जी समेत संपूर्ण जैमर व्यवस्था लागू करने की तकनीक सुझाएगी। दिल्ली कारागार विभाग ने पिछले ढाई महीने में जेलों के अंदर से 340 से अधिक मोबाइल फोन बरामद हुए थे। महानिदेशक (जेल) संजय बेनिवाल ने बताया कि जेल अधिकारियों ने ढाई महीने में 348 मोबाइल फोन बरामद किए। जेल अधिकारियों ने जेल नंबर तीन में छापा मारा और 18 मोबाइल फोन और चार्जर जब्त किए, पिछले दो महीनों में, जेल अधिकारियों ने 348 मोबाइल फोन जब्त किए।

सीएम ने पीएमओ पर दिखाई दरियादिली

दिल्ली में सेंट्रल विस्टा के अधीन बन रहे प्रधानमंत्री के नए आवास का रास्ता अब साफ हो गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से मामले में हरी झंडी मिलने के बाद अब राष्ट्र को नया प्रधानमंत्री आवास जल्द मिलने की राह आसान हो गई है। यह एक्जीक्यूटिव एंक्लेव दिल्ली के अतिसुरक्षित लुटियन्स जोन में आने वाले साउथ ब्लॉक के दक्षिण दिशा में प्लॉट नंबर 36/38 पर बन रहा है। गौरतलब है कि सेंट्रल विस्टा समेत प्राइम मिनिस्टर्स एंक्लेव का निर्माण कर रही केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने दिल्ली सरकार से इसके लिए 173 पड़ों को निर्माणाधीन साइट से प्रत्यारोपित करने की अनुमति मांगी थी। दिल्ली सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में समय से कार्रवाई की जिसकी वजह से परियोजना को गति देने में मदद मिली है। केजरीवाल सरकार ने इस परियोजना को इस शर्त पर मंजूरी दी है कि निर्माण कर रही एजेंसी को प्रत्यारोपित किए जा रहे पेड़ों के बदले 10 गुना ज्यादा पेड़ लगाने पड़ेंगे। प्रधानमंत्री आवास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कैबिनेट सचिवालय, इंडिया हाउस और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय इस एक्जीक्यूटिव एंक्लेव का हिस्सा होंगे जिनके निर्माण का अनुमानित खर्च 1,189 करोड़ रुपये है। इंडिया हाउस में कॉन्फ्रेंस की सुविधा होगी जैसे अभी हैदराबाद हाउस में है। जिस तरह से अभी हैदराबाद हाउस में विदेशों से आने वाले उच्चस्तरीय नेताओं की देश के नेताओं के साथ बैठक होती है वैसी ही सुविधा इंडिया हाउस में होगी।

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