जुल्मी एसआईआर: 16 बीएलओ की मौत 17 पर एफआईआर

- बोले कांग्रेस नेता- सत्ता की रक्षा के लिए लोकतंत्र की बलि
- एक तरफ कुंआ दूसरी तरफ खाई
- राहुल गांधी की हुंकार, मोदी पर प्रहार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। एसआईआर की सुलगती चिंगारी क्या शोला बन रही है? नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एसआईआर डयूटी में लगे बूथ लेवल आफिसर बीएलओ की हो रही मौत का मुददा उठाया है। राहुल गांधी ने कहा है कि एसआईआर के नाम पर देश भर में अफरातफरी मचा रखी है। एसआईआर थोपा गया जुल्म है और इसी का नतीजा है कि तीन हफ्तों में 16 बीएलओ की जान चली गई। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में राहुल गांधी ने कहा है कि भारतीय चुनाव आयोग ने ऐसा सिस्टम बनाया है जिसमें नागरिकों को खुद को तलाशने के लिए 22 साल पुरानी मतदाता सूची के हजारों स्कैन पन्ने पलटने पड़ें। मकसद साफ है सही मतदाता थककर हार जाए और वोट चोरी बिना रोक टोक जारी रहे।
एसआईआर एक षडयंत्र!
राहुल गांधी ने कहा है कि अगर सरकार की नीयत साफ होती तो लिस्ट डिजिटल, सर्चेबल और मशीन-रीडेबल होती और ईसीआई 30 दिन की हड़बड़ी में अंधाधुंध काम ठेलने के बजाय उचित समय लेकर पारदर्शिता और जवाबदेही पर ध्यान देता। उन्होंने कहा कि एसआईआर एक सोची-समझी चाल है। जहां नागरिकों को परेशान किया जा रहा है और बीएलओ के अनावश्यक दबाव से मौतों को कालैटरल डैमेज मान कर अनदेखा किया जा रहा है । यह नाकामी नहीं षडय़ंत्र है और सत्ता की रक्षा में लोकतंत्र की बलि है।
कोलकाता के सात बीएलओ को कारण बताओ नोटिस
निर्वाचन आयोग ने कोलकाता के बेलियाघाटा निर्वाचन क्षेत्र के सात बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) को विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) गणना फॉर्म के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया में खामियों का हवाला देते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। शिकायत एकत्रित गणना प्रपत्रों के अनुचित एवं अपूर्ण डिजिटलीकरण से संबंधित है। बीएलओ को यह बताने का निर्देश दिया गया है कि वे सौंपे गए कार्यों को ठीक से पूरा करने में क्यों विफल रहे। यदि स्पष्टीकरण असंतोषजनक पाया गया तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। निर्वाचन आयोग पश्चिम बंगाल सहित 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के एसआईआर के दूसरे चरण का संचालन कर रहा है, जहां अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं।
नोएडा में 17 बीएलओ पर एफआईआर
एनसीआर नोएडा के जेवर क्षेत्र में एसआईआर में देरी और गणना प्रपत्रों की प्रक्रिया को धीमा करने के आरोप में 17 बीएलओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। यह कार्रवाई एसडीएम के आदेश पर की गयी है। जानकारी के मुताबिक मतदाता सूची के एसआईआर प्रक्रिया के दौरान एसआईआर फार्म भरवाने का काम बेहद धीमी गति से चल रहा था जिससे निर्वाचन संबंधी प्रक्रिया प्रभावित हो रही थी। प्रशासन के बार-बार निर्देशों के बाद भी बीएलओ अपने निर्धारित दायित्वों को सही ढंग से पूरा नहीं कर रहे थे। एसआईआर अभियान के तहत लोगों से गणना प्रपत्र भरवाने का काम 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चल रहा है। लेकिन अब तक 1 लाख से कम लोग यानी कुल संख्या का केवल 25 प्रतिशत ही अपना विवरण जमा कर सके हैं। निर्देशों के अनुसार बीएलओ को घर-घर जाकर फार्म भरवाने की जिम्मेदारी दी गई थी ताकि कोई भी मतदाता सूची से बाहर न रह जाए और सभी जानकारी सही तरीके से अपडेट हो सके। प्रशासन ने कहा है कि सुधार न होने पर यह सख्त कदम उठाया गया है।
चुनावी मशीनरी की धड़कन होता है बीएलओ
देश की चुनाव मशीनरी का दिल और धड़कन बीएलओ होता है। यह वही व्यक्ति है जो घर-घर जाकर मतदाता सूची अपडेट करता है। भूगोल, मौसम, बीमारी, सुरक्षा—सबसे लड़ते हुए ड्यूटी निभाता है और मतदान वाले दिन सबसे पहले पहुंचता और सबसे अंत में निकलता है। राहुल गांधी का आरोप है कि बीएलओ पर दबाव है कि वह वोटर लिस्ट से लोगों के नाम कांटे। बीएलओ पर कम समय में ज्यादा काम करने का दबाव है। सारा प्रेशर बीएलओ पर दे दिया गया है और अधिकारी अपने बंद कमरों में बैठकर सिर्फ आदेश पारित कर रहें? जिसके चलते बीएलओ की जान जा रही है। उन्होंने सवाल पूछा है कि क्या कभी इससे पहले इतने कम समय में इतने ज्यादा बीएलओ की मौत की खबरे सुनी?




