आखिरकार पंजाब में कैप्टन हो गए बोल्ड लेकिन उनकी ये पारी खत्म होने की जानना चाहते हैं वजह

नई दिल्ली। पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और उससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस तरह वह अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। वह शनिवार को राजभवन पहुंचे और राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंपा. उन्होंने कहा कि वह अपने समर्थकों से चर्चा कर आगे का फैसला करेंगे।
कैप्टन के इस्तीफे के पीछे इन वजहों की हो रही चर्चा
अमरिंदर सिंह के खिलाफ नवजोत सिंह सिद्धू ने खोला दिया था मोर्चा
कई विधायक और मंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ थे
60 विधायकों ने दी इस्तीफे की धमकी दी थी
अमरिंदर सिंह को नहीं हटाने पर इन विधायकों ने आप में शामिल होने की धमकी दी थी
सिद्धू ने उठाया बिजली और बेअदबी का मुद्दा
इसके अलावा सिद्धू ने कैप्टन की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए।
आलाकमान ने पार्टी के कई नेताओं से मुलाकात की थी
अमरिंदर सिंह को दिल्ली बुलाया गया था
आलाकमान ने वादों को पूरा करने के लिए कप्तान के सामने शर्त रखी थी।
कैप्टन पर आलाकमान की अनदेखी का आरोप भी लगा था
सरकार में अधिकारियों की मनमानी का आरोप लगा था
इस्तीफा देने के बाद उन्होंने राजभवन के बाहर संवाददाताओं से कहा, आज सुबह मेरा फैसला हो गया। मैंने कांग्रेस अध्यक्ष से बात की थी और उनसे कहा था कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं। अमरिंदर सिंह के अनुसार, यह तीसरी बार हो रहा है। मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं। अगर मुझ पर कोई संदेह है, तो मैंने मुख्यमंत्री पद त्यागने का फैसला लिया है।
यह पूछे जाने पर कि उनकी भविष्य की रणनीति क्या होगी, अमरिंदर सिंह ने कहा, मेरी 52 साल की राजनीति में मेरा साथ देने वाले लोगों से बात करने के बाद मैं इस पर फैसला लूंगा। क्या वह नए मुख्यमंत्री के बारे में फैसला करेंगे, तो उन्होंने कहा कि वह अपने सहयोगियों से चर्चा करने के बाद ही कोई फैसला लेंगे। जहां तक मेरी भविष्य की राजनीति का सवाल है, हमेशा एक विकल्प होता है, समय आने पर मैं उस विकल्प पर गौर करूंगा। मैं अपने सहयोगियों से बात करने के बाद फैसला लूंगा। इससे पहले कांग्रेस के 50 से ज्यादा विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की थी। इस पत्र के बाद पार्टी आलाकमान ने विधायक दल की बैठक बुलाने का निर्देश दिया था।

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