उत्तराखंड : पेट्रोल-डीजल पर धामी सरकार ने नहीं किया कर कम
- सरकार बोलीं- करों को कम करने का कोई प्रस्ताव नहीं
देहरादून। उत्तराखंड में पेट्रोल और डीजल पर लगे राज्य करों को कम करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। अलबत्ता, रसोई गैस के जीएसटी के दायरे में होने के कारण इसके संबंध में जीएसटी परिषद की संस्तुतियों के आधार पर ही निर्णय लिया जा सकता है। विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत ने विधायक काजी निजामुद्दीन के प्रश्न के जवाब में सदन को यह जानकारी दी। कैबिनेट मंत्री भगत ने कहा कि पेट्रोल व डीजल के दाम कच्चे तेल के आधार पर तय होते हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में पेट्रोल पर 25 फीसदी या 19 रुपए प्रति लीटर, डीजल पर 17.48 फीसदी या 10.41 रुपये और एलपीजी पर नौ प्रतिशत दर की दर से टैक्स लिया जाता है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण प्रदेश के राजस्व पर पड़े प्रतिकूल प्रभाव के परिप्रेक्ष्य में संदर्भित वस्तुओं पर लगे राज्य करों को कम करने का भी कोई प्रस्ताव नहीं है। इससे पहले विधायक काजी निजामुद्ïदीन ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार को अपनी आमदनी की तो चिंता है, मगर महंगाई की मार से त्रस्त आमजन को राहत देने की नहीं। सिंचाई मंत्री ने विधायक प्रीतम सिंह पंवार के प्रश्न के उत्तर में बताया कि बजट की उपलब्धता होने पर नहरों के पुनर्निर्माण, मरम्मत समेत अन्य कार्यों के लिए धनावंटन किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2016-17 नाबार्ड से अब तक 21 योजनाएं मंजूर हुई हैं। उन्होंने बताया कि बड़ी लागत वाली नहरों की मरम्मत के लिए जिला योजना से धनावंटन का प्रस्ताव नहीं है।