नागपंचमी पर कैसे करें कालसर्प योग दोष को दूर

नई दिल्ली। वृषभ और वृश्चिक राशियों के लिए इस वर्ष की नाग पंचमी विशेष है। नाग पंचमी पर की गई पूजा से राहु केतु द्वारा उत्पन्न दोषों और अशुभता से राहत मिलती है। ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को पाप ग्रहों का स्थान दिया गया है। जब ये दोनों ग्रह अशुभ परिणाम देते हैं तो फिर व्यक्ति के जीवन में सभी प्रकार की समस्याएं जन्म लेने लगती हैं। हेल्थ, वेल्थ, एजुकेशन, करियर, शादीशुदा जिंदगी, लव रिलेशन और बिजनेस से जुड़ी समस्याएं आपको घेर लेती हैं। नाग पंचमी पर राहु और केतु की पूजा के लिए विशेष योग बन रहा है।
सावन के महीने में नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार सावन का महीना रविवार, 25 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। सावन का महीना 22 अगस्त को खत्म होगा। सावन का महीना भगवान शिव की पूजा के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
सावन के पांचवें दिन यानी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की ेपंचमी इस बार 13 अगस्त को है। इसी दिन नाग पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। मान्यता है कि इस दिन नाग देव के साथ भगवान शिव की पूजा करने और रुद्राभिषेक करने से काल सर्प दोष और राहु केतु की अशुभता दूर होती है।
हिंदू धर्म में नाग पंचमी के पर्व को विशेष महत्व दिया गया है। नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करने से काल सर्प, ग्रहण योग, गुरु चांडाल योग, जड़ता योग आदि दोषों को दूर करने में मदद मिलती है। ये सभी योग राहु और केतु की मदद से बनते हैं। जिन लोगों की जन्म कुंडली में काल सर्प दोष होता है, उन्हें इस दिन नाग देवता की पूजा करने से लाभ मिलता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कालिया नाग के अहंकार को तोड़ा था। नाग पंचमी के पर्व पर नाग देव को दूध से स्नान कराया जाता है।
नाग पंचमी के शुभ मुहूर्त
नाग पंचमी पर्व: 13 अगस्त 2021
पंचमी तिथि शुरू: 12 अगस्त, 2021 को 03:24 बजे।
पंचमी तिथि समापन: 13 अगस्त, 2021 को दोपहर 01:42 बजे।
नाग पंचमी पूजा मुहूर्त: 13 अगस्त 2021 को सुबह 05:49 से 08:28 बजे तक।
मुहूर्त की अवधि: 02 घंटे 39 मिनट।

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