महिला, दलित व सफाई कर्मी विरोधी हैं सीएम योगी : लल्लू

  •  वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने चलाया स्वच्छता का अभियान

लखनऊ। यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह लल्लू के नेतृत्व में आज कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने स्वच्छता अभियान चलाया। अजय सिंह लल्लू ने वाराणसी में कैंटोनमेंट स्थित महर्षि बाल्मीकि की प्रतिमा व आसपास की सफाई की। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने बाल्मीकि की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष ने वहां मौजूद एक सफाई कर्मी को माल्यार्पण कर सम्मानित भी किया। प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि वह महिला, दलित व सफाई कर्मी विरोधी हैं। सीएम के बयान पर नाराजगी जताते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि किसी महिला को लेकर उनका बयान उचित नहीं है। देश की हर महिला अपने घर में सुबह सफाई व धुलाई करती है। आज उसी के देखते हुए वाल्मीकि जी के प्रतिमा के आसपास सफाई कराई गई है।

चीनी सैनिकों की हर गतिविधि पर भारत की पैनी नजर

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने बड़ा बयान दिया है। जनरल नरवणे ने कहा है चीनी सैनिकों की हर गतिविधियों पर भारतीय सेना की पैनी नजर है। उन्होंने साथ ही कहा कि चीन को उसकी सैन्य कार्रवाई के आधार पर ही जवाब दिया जाएगा। सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सैनिकों की तरफ से किए जा रहे आधारभूत ढांचे के निर्माण को लेकर चिंता जताई। सेना प्रमुख ने कहा कि यदि वे वास्तविक नियंत्रण रेखा(एलएसी) पर टिकेंगे तो हम भी वहां डटे रहने के लिए तैयार हैं। नरवणे ने शनिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन द्वारा सैन्य निर्माण और बड़े पैमाने पर तैनाती को बनाए रखने के लिए नए बुनियादी ढांचे का विकास चिंता का विषय है और भारत चीनी पीएलए सैनिकों की सभी गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहा है। सेना प्रमुख ने कहा कि वहां बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य हो रहा है। वहां चीन की तरफ से आधारभूत ढांचे का निर्माण किया जा रहा है। इसका मतलब है कि वो लोग वहां टिकेंगे। यदि वो लोग वहां टिकेंगे तो हम भी वहां डटे रहेंगे। चीन की तरफ से हाल ही में एलएसी पर लद्दाख में भारत के साथ हुए टकराव से जुड़े सवाल के जवाब में सेना प्रमुख ने कहा कि उत्तरी सीमा पर क्या-क्या हुआ है इस बारे में विदेश मंत्रालय ने सब कुछ साफ कर दिया है। चीन के साथ टकराव की प्रमुख वजह चीन की तरफ से बड़े पैमाने पर किया जा रहा निर्माण कार्य रहा और पूर्व में निर्धारित प्रोटोकाल का पालन न करना रहा। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ कई क्षेत्रों में भारत और चीनी सेनाओं के बीच लगभग 17 महीनों से गतिरोध हैं, हालांकि दोनों पक्ष इस साल कई बार बातचीत कर चुके हैं।

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