लखनऊ के डीएम ने कहा जिन इलाकों में कोरोना केस अधिक, वहां होगी मास टेस्टिंग
- पॉजिटिव मरीज की पूरी हिस्ट्री निकाली जाएगी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राजधानी में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कांटेक्ट ट्रेसिंग का काम तेज किया जाएगा। हाईरिस्क ग्रुप में शामिल मरीजों के अलावा 60 वर्ष पार कर चुके बुजुर्ग व गर्भवती महिलाओं की जांच की जाएगी। जहां केस अधिक होंगे, वहां मास टेस्टिंग की जाएगी।
जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने स्मार्ट सिटी सभागार में कोविड नियंत्रण की बैठक की। इसमें 60 उम्र पार व गर्भवती महिलाओं में कोरोना टेस्ट के निर्देश दिए। इनमें समयगत बीमारी पहचान कर व्यक्ति में वायरस के जोखिम को कम किया जा सकेगा। वहीं होम आइसोलेशन रोगियों की मॉनिटरिंग कड़ी होगी। इसके लिए सीएचसी पर एक-एक इंचार्ज की तैनाती की जाएगी। डीएम ने कहा कि पॉजिटिव मरीज की पूरी हिस्ट्री निकाली जाए। साथ ही टेस्ट से पहले वह व्यक्ति कहां-कहां गया, किन-किन लोगों से मिला। उसका ब्यौरा लेकर जांच की जाए। साथ ही जिन इलाकों में अधिक केस आ रहे हैं। वहां मास टेस्टिंग की व्यवस्था की जाएगी। वहीं डाटा फीडिंग कम पाई गई। ऐसे में जिम्मेदारों को फटकार लगाई। इसके अलावा ने सर्विलांस टीमों में एक-एक टेस्टर लगा कर सर्विलांस टीमों को टेस्टिंग एक्यूप करने के निर्देश दिए। इन इलाकों में गोमतीनगर पहले पायदान पर है। यहां सप्ताहभर में करीब 700 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है।
पांच इलाकों में रोजाना मिल रहे 30 फीसदी मरीज
कोरोना की जद में लगभग पूरा शहर है। वही ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहरी क्षेत्र ज्यादा संक्रमित है। आकड़ों पर गौर करें तो शहर के पांच इलाकों में तेजी से संक्रमण फैल रहा है। शहर में रोजाना आ रहे मरीजों के मुकाबले पांच रिहाइशी इलाकों में ही करीब 30 प्रतिशत मरीज मिल रहे है। गोमतीनगर, इन्दिरानगर, पीजीआई, आलमबाग, और आशियाना से ही रोजाना 250 से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। ये हर दिन आ रहे मरीजों के मुकाबले 30 प्रतिशत से ज्यादा है।
अब नहीं लगाने पड़ेंगे छात्रवृत्ति व पेंशन कार्यालय के चक्कर
- समाज कल्याण विभाग में अब से प्रमाणीकरण प्रणाली
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। अब समाज कल्याण विभाग द्वारा ऑथेन्टिकेशन प्रणाली यानी प्रमाणीकरण प्रणाली लागू कर दी गई है। इसके लागू होने से लोगों को अब विभाग के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। जबकि पहले छात्रवृत्ति व पेंशन कार्यालय में अपनी पहचान साबित करने के लिए प्रमाण देना पड़ता था। हालांकि वैरिफिकेशन अब भी होगा। विभाग के अधिकारी बताते हैं कि पहले आने वाले आवेदन के लिए कई चीजों का सत्यापन होता था अब इस प्रणाली में आधार अनिवार्य कर दिया गया है। आवेदन अगर आधार के साथ है तो वह स्वीकार होगा जबकि पहले कागजी प्रक्रिया में ही लोग कार्यालय के चक्कर लगाते रहते थे। खासकर यह सुविधा छात्रवृत्ति व पेंशनधारियों के लिए लाभकारी सिद्घ होगी।
विभाग के अनु सचिव राकेश कुमार सचान ने बताया कि इस प्रणाली के तहत आधार कार्ड अनिवार्य है। यदि आधार न हो तो इसके साथ सात विकल्प भी दिए जाते हैं, जिसके माध्यम से व्यक्ति छात्रवृत्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसमें नामांकन रशीद, राशन कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, स्थानीय प्रमाण पत्र के साथ भी आवेदन कर सकते हैं। इससे पहले छात्रों को छात्रवृत्ति व पेंशन कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते थे लेकिन अब छात्रों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। ऐसे में छात्रों को सुविधा होने के साथ ही अधिकारियों पर काम का कम बर्डन होगा। साथ ही छात्रों को बार- बार चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
कोतवाली मुगलसराय वसूली की विजिलेंस जांच शुरू
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर द्वारा वायरल की गयी थाना कोतवाली मुगलसराय चन्दौली की कथित वसूली लिस्ट की जांच विजिलेंस विभाग ने शुरू कर दी है। विजिलेंस ने अब तक अनिल सिंह, सौमित्र मुखर्जी सहित कई पुलिसवालों एवं कुछ लोगों के बयान लिए हैं। अमिताभ ने डीजीपी एच.सी अवस्थी से मामले में शिकायत की थी कि चंदौली की कथित वसूली लिस्ट से टोटल प्रति माह की वसूली 35.64 लाख के अलावा 15 व्यक्तियों से अवैध खनन से 12500 प्रति वाहन तथा पडवा कट्टा का काम करने वाले कबाड़ी से 4000 प्रति वाहन होता है। इसमें गांजा दुकान का 25 लाख रुपए भी शामिल हैं। इसलिए इस पूरे मामले की तहकीकात जरूरी है।