लापरवाही से जान गई तो निजी अस्पतालों पर होगी कड़ी कार्रवाई
- संक्रमित के आते ही सबसे पहले कोरोना टेस्ट करें निजी अस्पताल
- जिलाधिकारी ने गाइडलाइन व प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करने की दी चेतावनी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश राजधानी में कोविड-19 संक्रमण रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर निजी अस्पताल लगातार कोविड-19 मरीजों के इलाज में लापरवाही बरत रहे हैं। शहर के चार निजी अस्पतालों में बड़ी लापरवाही सामने आने पर आज जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने सख्त एक्शन लिया है। डीएम ने स्पष्टï रूप से कहा कि लखनऊ जिले के सभी निजी अस्पताल कोविड-19 को लेकर लापरवाही न बरतें।
कोरोना की गाइडलाइन व प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करें। साथ ही अगर कोई कोरोना संक्रमित मरीज इलाज कराने आता है तो सबसे पहले उसका कोराना टेस्ट किया जाए। तुरंत इलाज शुरू किया जाए और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही न बरती जाए। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी निजी अस्पताल कोविड-19 से भर्ती हुए मरीजों के इलाज में लापरवाही बरतता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। साथ ही अगर लापरवाही से किसी की मौत हो जाती है तो भी उस अस्पताल के खिलाफ सख्त एक्ïशन लिया जाएगा। डीएम के इस बयान के बाद लखनऊ के निजी अस्पतालों में हडक़ंप मच गया है। शहर के ज्यादातर निजी अस्पतालों ने कोविड-19 का बोर्ड टांग दिया है ताकि मरीजों के सामने उन्हें फौरी राहत मिल सके।
इलाज नहीं, चार निजी अस्पताल कोरोना मरीजों को बांट रहे थे मौत
शहर के चार निजी अस्पतालों में कुल 48 कोरोना संक्रमित मरीज रेफर या डायरेक्ट एडमिट किए गए थे लेकिन इलाज के दौरान सभी की मौत हो गई। चरक अस्पताल में 10 संक्रमित भेजे गए थे सभी ने कुछ दिनों में ही दम तोड़ दिया। चंदन हॉस्पिटल में रेफर किये गए 11 संक्रमित मरीजों की भी मौत कुछ दिनों में हो गई। अपोलो हॉस्पिटल में 17 संक्रमित भेजे गए थे। यहां भी सभी की कुछ दिनों में मौत हो गई। इसके अलावा मेयो हॉस्पिटल में 10 मरीज भेजे गए और सभी की जान चली गई। इन चारों अस्पताल के खिलाफ डीएम ने जांच में सभी को प्रथम दृष्टïया दोषी पाया है। प्रथमदृष्टया मरीजों की जांच में गंभीर लापरवाही सामने आई है। इसलिए डीएम ने इन सभी निजी अस्पतालों के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
अचानक पहुंचे लोहिया हॉस्पिटल, लिया जायजा
जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश आज अचानक राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे। वहां उन्होंने निदेशक, अधिकारियों व वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ बैठक की। बैठक में कोविड-19 की गाइडलाइन व प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करने की बात कही। डीएम ने कहा कि किसी भी मरीज के इलाज में लापरवाही न बरती जाए। अगर शिकायत मिली तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कोविड-19 के इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही बरतने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा शहर के चार अस्पताल जांच में प्रथम दृष्टïया दोषी पाए गए हैं। इन पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अभिषेक प्रकाश, डीएम लखनऊ
पेड़ से टकराई कार, 4 की मौत
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बहराइच। बहराइच-सीतापुर हाईवे पर रामपुरवा के निकट आज तडक़े एक तेज रफ्तार कार सडक़ किनारे पीपल के पेड़ से टकरा गई। घटना में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि एक ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। घायल छह लोगों को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। मृतकों में नीता देवी (42), निशा (7 वर्ष), मिश्रावती (44 वर्ष), रीता देवी (40 वर्ष) शामिल हैं।
कार सवार सभी हरिद्वार से वापस सिद्धार्थनगर जिले के तेतरी थाना के पुरानी नौगड़ गांव अपने घर जा रहे थे। इसी बीच बहराइच-सीतापुर मार्ग पर तडक़े कार पेड़ से टकरा गई। लोग दौड़े। रमपुरवा चौराहे पर पुलिस पिकेट में मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह कार का दरवाजा तोडक़र घायलों को बाहर निकाला। जिसमें एक 10 वर्षीय बच्ची व दो महिलाओं की मौके पर मौत हो गई। गंभीर रूप से घायल सात लोगों को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय भेजा। जहां पर एक और ने दम तोड़ दिया।
प्रधानमंत्री आवास योजना की अंतिम तिथि बढ़ी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भवनों के रजिस्ट्रेशन की तिथि बढाते हुए 31 अक्टूबर कर दी गई है। पहले इसकी अंतिम तिथि 25 सितम्बर थी। कोरोना के कारण बहुत ही कम आवेदन आये थे। कुल 4512 में तीन हजार ही आवेदन आये हैं। यह जानकरी पीएम आवास योजना पंकज कुमार ने दी है । पंकज कुमार ने बताया कि कोरोना संकट के चलते लोग आवेदन करने में पीछे है। इसकी बड़ी वजह यह है कि आवेदनकर्ताओं को बाहर निकलने पर संक्रमण के शिकार का डर है। यह देखते हुए तिथि अब अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है।
अब शराब की हर बोतल पर सरकार की नजर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सुराप्रेमियों को अच्छी शराब उपलब्ध कराने के लिए आबकारी विभाग ने विशेष नियम बनाए हैं। इसके तहत शराब की हर दुकान में बोतल स्कैन होगी। प्रदेश में 25 हजार से अधिक मदिरा की दुकानें हैं। हर दुकान में इलेक्ट्रॉनिक स्कैनिंग उपकरण लगाए जाएंगे। इस उपकरण में शराब की बोतल स्कैन करके बेची जाएंगी। इससे अब प्रदेश में मिलावटी
शराब नहीं बिक पाएगी।
कैबिनेट बाई सर्कुलेशन आबकारी विभाग के चार प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। आबकारी आयुक्त पी गुरुप्रसाद ने बताया कि लॉकडाउन व उसके बाद कंटेनमेंट जोन की जो देशी शराब की दुकानें उठान पूरा नहीं कर पाई है, उन्हेंं छूट दी गई है। इसी तरह से जुलाई से सितंबर तक बीयर की उठान को लेकर छूट दी गई है। लेकिन, विदेशी शराब के उठान का लक्ष्य दिसंबर तक पूरा करना होगा। इसमें कोई अतिरिक्त छूट नहीं है। उत्तर प्रदेश में 582 दुकानें ऐसी हैं जो लॉकडाउन के कारण लॉटरी निकालने के बाद भी नहीं उठ सकी हैं। उन्हें इस साल खत्म कर दिया गया है।