विधान सभा उपचुनाव में भाजपा के साथ विपक्ष की किस्मत भी दांव पर
- यूपी की जिन आठ सीटों पर है उपचुनाव उसमें से छह भाजपा और दो सपा के पास थीं
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा के उपचुनाव की तैयारियां शुरू हो गई। उपचुनाव संबंधी नोटिफिकेशन 15 सितंबर के बाद कभी भी जारी हो सकता है। इसे देखते हुए सभी दलों ने कमर कस ली है। सत्ताधारी दल भाजपा को जहां अपनी सीटों को बनाए रखना बड़ी चुनौती है। वहीं विपक्ष को अपना वर्चस्व साबित करने के लिए एक मौका है। उपचुनाव की तारीखों की सुगबुगाहट के साथ ही राजनीतिक सरगर्मी भी तेज होने लगी हैं। यूपी की जिन आठ सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उसमें से छह भाजपा और दो समाजवादी पार्टी के कब्जे वाली हैं। कहा जा रहा है कि इन आठ सीटों के नतीजों से विधान सभा में बहुमत पर तो कोई विशेष असर नहीं पड़ेगा लेकिन आगामी विधान सभा चुनाव के लिए बड़ा राजनीतिक संदेश जरूर होगा। एक तरीके से यह उपचुनाव सेमीफाइनल माना जा रहा है। हालांकि विपक्ष के लिए कोरोना काल में उपचुनाव किसी चुनौती से कम नहीं है।
यूपी विधान सभा में पांच विधायकों के निधन से रिक्त हुई सीटें हैं। वहीं दो विधायकों की सदस्यता खत्म हो गई है। तीसरी सीट पर मामला कोर्ट में होने के कारण समय पर उपचुनाव नहीं हो पाया था। उत्तर प्रदेश विधान सभा में रिक्त हुई आठ विधान सभा सीटों में फिरोजाबाद जिले की टुण्डला, उन्नाव में बांगरमऊ, रामपुर में स्वार, बुलंदशहर जिले में बुलंदशहर सदर, जौनपुर में मल्हनी, कानपुर नगर में घाटमपुर और अमरोहा में नौगावां सादात और देवरिया में देवरिया सदर सीट शामिल हैं। इनमें टूंडला भाजपा के एसपी बघेल द्वारा त्यागपत्र देने से जबकि बांगरमऊ व स्वार सीटें कोर्ट के हस्तक्षेप से रिक्त हुईं। इनके अलावा मल्हनी, बुलंदशहर, घाटमपुर, नौगावां सादात और देवरिया सदर निर्वाचित विधायकों के निधन से खाली हुई हैं। अमरोहा जिले की नौगावां सीट भाजपा के चेतन चौहान के निधन के चलते रिक्त हुई है। 2017 में चौहान सपा के जावेद आब्दी को करारी मात देकर योगी सरकार के कैबिनेट का अहम हिस्सा बने थे। ऐसे ही भाजपा के विधायक वीरेंद्र सिंह सिरोही के निधन के चलते अब बुलंदशहर विधान सभा सीट रिक्त हो गई है। 2017 में वीरेंद्र सिरोही ने बसपा के हाजी अलीम खान को 32 हजार मतों से हराया था।
कानपुर की घाटमपुर विधानसभा सीट भाजपा की विधायक रहीं कमल रानी वरुण के कोरोना से निधन हो जाने के चलते खाली हुई है। कमल रानी ने 2017 के चुनाव में बसपा की सरोज कुरील को हराया था। भाजपा ने सपा से यह सीट छीनी थी। ऐसे ही जौनपुर की मल्हनी विधान सभा सीट सपा के विधायक रहे परसनाथ यादव के निधन के खाली हुई है। 2017 में भाजपा की लहर के बावजूद परसनाथ ने निषाद पार्टी के बाहुबली नेता धनंजय सिंह को मात दी थी। देवरिया सदर से जन्मेजय सिंह ने सपा के जेपी जायसवाल को बड़े अंतर से हराया था।
आजम खान के बेटे की स्वार सीट रिक्त
रामपुर से सपा सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की विधान सभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। विधानसभा चुनाव के दौरान गलत दस्तावेज मुहैया करवाने के चलते हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर 2019 को अब्दुल्ला आजम के निर्वाचन को रद्द कर दिया था, जिसके चलते विधान सभा से उनकी सदस्यता रद्द की गई है।
कुलदीप सेंगर की बांगरमऊ सीट खाली
उन्नाव में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म मामले में सजायाफ्ता बांगरमऊ से विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर की विधान सभा सदस्यता रद्द हो गई है। इसके चलते बांगरमऊ विधान सभा सीट खाली हो गई है। इस सीट पर उपचुनाव होगा लेकिन अभी ऐलान नहीं हुआ है। सामूहिक दुष्कर्म मामले में दोषी कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की अदालत ने 20 दिसंबर 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
बघेल के सांसद चुने जाने से टुंडला सीट खाली
फिरोजाबाद जिले की टुण्डला विधान सभा सीट 2017 के चुनाव में भाजपा के एसपी सिंह बघेल ने जीत दर्ज की थी लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में सांसद बन जाने के बाद उन्होंने विधायकी से इस्तीफा दे दिया था। यह सीट खाली हुए करीब एक साल से ज्यादा हो गया है, लेकिन हाईकोर्ट में इस सीट की चुनाव याचिका विचाराधीन है। इस नाते निर्धारित समयावधि के भीतर इस रिक्त सीट पर उपचुनाव नहीं हो पाया था। माना जा रहा है 29 नवंंबर से पहले निर्वाचन करा लेना है ऐसे में 17 सितंबर के बाद कभी भी नोटिफिकेशन आ सकता है।