सत्ता के मद में संवैधानिक अधिकारों का दमन कर रही भाजपा सरकार: अखिलेश
पुलिस हो चुकी है संवेदनशून्य, सपा नेताओं के खिलाफ की जा रही बदले की कार्रवाई
कानून-व्यवस्था और कारोबार हो चुके हैं चौपट युवा हो रहे परेशान
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार सत्ता की मदहोशी में संवैधानिक अधिकारों के दमन पर तुल गई है। मानवाधिकारों से उसे चिढ़ है। जहां एक ओर विशेष सुरक्षाबल के जरिए यूपी में ठोक दो संस्कृति के तहत अब जिसे चाहे, जहां चाहे उठा लें, न वारंट, न बेल, न सबूत और न सुनवाई। जिस पर मुख्यमंत्री की निगाह टेढ़ी हुई, उसकी शामत आना तय है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पूर्व सांसद सीएन सिंह के घर शोक संवेदना प्रकट करने जा रहे सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल तथा उनके साथ अन्य नेताओं को रायबरेली में गिरफ्तार कर अपनी सत्ता की धमक दिखाई है। महोली, सीतापुर में मृृतक कमलेश मिश्रा के घर सांत्वना देने जा रहे विधायक एवं पूर्व मंत्री मनोज पांडेय को भी वहां नहीं जाने दिया गया। भाजपा सरकार और पुलिस पूरी तरह अमानवीय और संवेदनशून्य हो गई है। प्रतापगढ़ में सपा के जिलाध्यक्ष पर फर्जी आरोप लगाकर जेल भेजा गया। यह बदले की कार्रवाई है। सरधना नगर पालिका परिषद की चेयरपर्सन के पति एवं पुत्र पर झूठा एससी/एसटी एक्ट का मुकदमा लगाया गया जबकि सफाई कर्मचारी संघ का कहना है कि मुकदमा फर्जी है। मुख्यमंत्री के आदेश पर यह सब हो रहा है। आखिर कब तक वे सुलगते सवालों का जवाब देने से कतराएंगे? अपनी आंख मूंद लेने से दुनिया में अंधेरा नहीं हो जाता है, मुख्यमंत्री जी। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में विकास कार्य अवरूद्ध हैं। समाजवादी सरकार ने जनहित की जो योजनाएं लागू की थी उन्हें खत्म किया जा रहा है। युवाओं के प्रति भाजपा का रवैया शुरू से ही संवेदनाशून्य रहा है। कानून व्यवस्था और कारोबार दोनों चौपट हैं। परेशान हाल नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं। सरकार प्रदेश के नौजवानों का भविष्य अंधेरे गर्त में ढकेलने का काम कर रही है।
आरोपियों की संपत्ति से वसूली जाए रकम आकाओं पर भी हो एक्शन: साजन
सपा एमएलसी सुनील सिंह साजन ने उठाया था घोटाले का मामला
सस्पेंड डीएम देवेंद्र पांडेय पर दर्ज होगी एफआईआर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उन्नाव कंपोजिट ग्रांट घोटाले में निलंबित चल रहे तत्कालीन डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय को ईओडब्ल्यू की जांच में दोषी पाया गया है। ईओडब्ल्यू ने उनके खिलाफ कार्रवाई और एफआईआर की संस्तुति की है। ईओडब्ल्यू ने शासन को भेजी रिपोर्ट में एफआईआर में देवेंद्र पांडेय का नाम जोडऩे और कुछ धाराएं बढ़ाने की सिफारिश की है।
कंपोजिट ग्रांट घोटाले का मुदï्ïदा सपा एमएलसी सुनील सिंह साजन ने सडक़ से सदन तक उठाया था। इसके बाद ही तत्कालीन डीएम देवेंद्र पांडेय को सस्पेंड किया गया। ईओडब्ल्यू की जांच में डीएम सहित अन्य अफसर दोषी पाए गए। साजन का कहना है कि सरकार इन्हें जेल भेजकर इनकी संपत्ति से वसूली करें और इनके राजनीतिक आकाओं पर भी एक्ïशन लें। साजन ने कहा कि मामले में जौनपुर की एक फर्म को ही ज्यादा ठेके दिए गए। इस फर्म का जीएसटी नंबर भी नहीं है। इस मामले की शिकायत सीएम और राज्यपाल को भी मैंने कर रखी है। बता दें कि तत्कालीन डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय को कमिश्नर लखनऊ की जांच में भी दोषी पाया गया था, जिसके बाद शासन ने 23 फरवरी 2020 को डीएम उन्नाव देवेंद्र कुमार पांडेय को सस्पेंड करते हुए मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंप दी थी। रिपोर्ट में पांडेय को दोषी पाया गया है। गौरतलब है कि कंपोजिट ग्रांट से उन्नाव के 2,305 प्राइमरी और 832 जूनियर स्कूलों के लिए कुर्सी, मेज, टाट-पट्टी, शिलापट, चॉक, स्टेशनरी, बाल्टी, कूड़ेदान, मिड डे मील के बर्तन और खेल का सामान खरीदना था। इसके लिए 9.73 करोड़ की कंपोजिट ग्रांट जारी की गई थी। जांच में निलंबित डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय ने फर्मों से मिलीभगत करके स्कूलों के लिए खरीदे गए सामान की कीमत कई गुना दिखाई थी।