सांसद संजय सिंह के ऐलान के बाद मीडिया हाउसों पर हुए छापे के खिलाफ आप कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
- यूपी में आम आदमी पार्टी का जोरदार प्रदर्शन
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। बीते एक साल से यूपी में तकरीबन हर दिन आम आदमी पार्टी ने विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की। राज्यसभा सदस्य व आप के प्रदेश प्रभारी डॉ. संजय सिंह की सक्रियता की वजह से यूपी में पार्टी ने अपना संगठन हर जिले में खड़ा कर लिया है। संजय सिंह का फोकस यूपी चुनाव पर है। पंचायत चुनाव में पार्टी के नतीजों से हौसले बुलंद हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली और रोजगार जैसे मुद्दों के साथ पूरी दमदारी से उतरने को तैयार है। वहीं आम आदमी पार्टी लगातार सरकार को प्रदर्शन के जरिए अपनी ताकत भी दिखा रही है।
गर्वनर से मिले सपा नेता
भारत समाचार व दैनिक भास्कर पर छापे के सिलसिले में समाजवार्टी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलने पहुंचा। वहां दल ने राज्यपाल को बताया कि यह छापे बदले की भावना से कार्यालयों पर पड़े। अभिव्यक्ति की आजादी पर सरकार पहरा लगाना चाहती है, जो कि उचित नहीं है।
मीडिया संस्थानों पर हमले बंद करो
आप नेता संजय सिंह के ऐलान के बाद मीडिया हाउसों पर हुए छापे के खिलाफ आप कार्यकर्ता सड़क पर उतर पड़े। कई जिलों में सरकार के खिलाफ प्रदेशव्यापी विरोध-प्रदर्शन किया। राजधानी लखनऊ में भी सच को दिखाते मीडिया संस्थानों पर सरकारी छापे और तानाशाही के विरोध में आम आदमी पार्टी ने जोरदार प्रदर्शन किया।
संसद में हंगामा सांसद शांतनु पूरे सत्र के लिए निलंबित
- टीएमसी सांसद ने फाड़ दिए थे केंद्रीय मंत्री के हाथों से छीनकर कागज
4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र में आज भी विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। वहीं राज्य सभा में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथों से कागज छीनने और उसे फाड़कर हवा में उछालने वाले टीएमसी के सांसद शांतनु सेन को पूरे मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। इसके बाद टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सदन की कार्यवाही में बाधा डालने की कोशिश की जिसके बाद राज्य सभा की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित किया गया। दूसरी ओर लोकसभा में भी जमकर हंगामा हुआ। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शांतनु सेन को निलंबित किए जाने के विरोध में हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक कुछ देर के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे के कारण सदन में आज भी शून्यकाल नहीं हो पाया। बैठक शुरू होने पर सभापति ने इस पर गहरा क्षोभ व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बाद अब तक केवल कोविड महामारी के मुद्दे पर चार घंटे की चर्चा हो पाई है. इसके अलावा कोई अन्य कामकाज हंगामे की वजह से नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी की विभीषिका के बीच यह सत्र आयोजित हुआ है और जनता से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जानी है।
सख्ती से निपटें बूथ कैप्चरिंग और फर्जी वोटिंग से: सुप्रीम कोर्ट
- यह कानून और लोकतंत्र के शासन को करता है प्रभावित
- एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने की टिप्पणी
4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावों में धांधली को लेकर तल्ख टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि बूथ कैप्चरिंग या फर्जी वोटिंग के किसी भी प्रयास से सख्ती से निपटा जाना चाहिए क्योंकि यह अंतत: कानून और लोकतंत्र के शासन को प्रभावित करता है। सुप्रीम कोर्ट ने आज झारखंड में एक मतदान केंद्र पर दंगा करने के लिए दोषी ठहराए गए एक व्यक्ति की अपील को खारिज करते हुए ये टिप्पणी की। अपने पहले के फैसलों का जिक्र करते हुए न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा कि मतदान (वोटिंग) की स्वतंत्रता अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा है। मतदान प्रणाली का सार मतदाताओं को अपनी स्वतंत्र पसंद का प्रयोग करने की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना होना चाहिए। इसलिए बूथ कैप्चरिंग या फर्जी मतदान के किसी भी प्रयास से सख्ती से निपटा जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए वोट डालने की गोपनीयता जरूरी है। पीठ ने कहा कि लोकतंत्र में जहां प्रत्यक्ष चुनाव होते हैं, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि मतदाता बिना किसी डर के अपना वोट डाले और अपने वोट का खुलासा होने पर पीड़ित न हो। इसी के साथ शीर्ष अदालत ने लक्ष्मण सिंह द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया, जिसे भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (स्वैच्छिक चोट पहुंचाना) और 147 (दंगा) के तहत दोषी ठहराया गया था।