सुप्रीम कोर्ट ने कहा फिर से विचार करे सरकार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह आत्महत्या करने की स्थिति में कोरोना पीडि़त को मुआवजा नहीं देने की अपनी नीति पर पुनर्विचार करे। सरकार की ओर से दाखिल जवाब को देखने के बाद जस्टिस एमआर शाह ने एसजी तुषार मेहता से कहा- आपने हलफनामे में कहा है कि आत्महत्या करने वालों को कोई मुआवजा नहीं मिलेगा, इस तर्क को स्वीकार नहीं किया जा सकता। आप इस पर फिर से विचार करें एसजी तुषार मेहता ने अदालत को आश्वासन दिया कि सरकार इस पर पुनर्विचार करेगी और अदालत को अपने फैसले से अवगत कराएगी।
दरअसल, सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि अगर मरीज के कोविड टेस्ट या अस्पताल में कराई गई किसी जांच में कोरोना होने की पुष्टि होती है तो मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत का कारण कोरोना लिखा जाएगा लेकिन आत्महत्या, हत्या, दुर्घटना। मृत्यु के मामले में भले ही मरने वाला व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव था, लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र में मृत्यु का कारण कोरोना नहीं लिखा जाएगा। आज कोर्ट ने कोविड से हुई मृत्यु के मामले में मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में सरकार के दिशा-निर्देशों पर संतोष व्यक्त किया। हालांकि, इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि कुछ बिंदु ऐसे हैं जिन पर स्पष्टता जरूरी है, जैसे-
आत्महत्या करने वाले कोविड पीडि़तों को भी मिले मुआवजा
राज्य सरकार दिशानिर्देशों को कैसे लागू करेगी
उन प्रमाणपत्रों का क्या होगा जो पहले जारी हो चुके हैं और जिन पर परिवार के सदस्यों को आपत्ति है?
जिला स्तर पर समिति (जिसकी स्वीकृति से कोविड के प्रमाण पत्र जारी किये जायेंगे) का गठन कब किया जायेगा
परिवार के सदस्यों को समिति के सामने कौन से प्रमाण पत्र लगाने होंगे?
कोर्ट ने कहा कि सरकार इन बिंदुओं पर स्पष्ट जवाब दाखिल करे। अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 27,254 नए मामले दर्ज होने के बाद भारत में एक बार फिर नए कोविड मामलों में गिरावट देखने को मिली है। ये आंकड़े स्वास्थ्य और परिवार मामलों के मंत्रालय ने सोमवार को साझा किए।