अब राम-कृष्ण पर भाजपा विपक्ष में सियासी घमासान
- सीएम के राम-कृष्ण वाले बयान पर भड़का विपक्ष, कहा ओछी राजनीति कर रही भाजपा
- साढ़े चार साल में जनता से किए गए वादे पर नहीं उतरी खरी तो भड़का रही है भावनाएं
- भाजपा के झांसे में नहीं आने वाली जनता, समझ चुकी है सारे दांव-पेंच
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। विधान सभा चुनाव की आहट के साथ एक बार फिर सियासी लड़ाई भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण पर आ गई है। भाजपा जहां राम मंदिर निर्माण के जरिए हिंदुत्व को भुनाने में जुटी है वहीं श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर मथुरा पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षियों पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जो पहले मंदिरों से दूरी बनाए रखते थे अब उन दलों के नेता भी मंदिर जाने लगे हैं। अब वे भी कहने लगे हैं कि भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण उनके हैं। सीएम के बयान पर विपक्ष ने जोरदार पलटवार किया है और भाजपा पर ओछी और सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया है। प्रदेश में दोबारा सत्ता में काबिज होने के लिए भाजपा हिंदुत्व का कार्ड खेल रही है और भगवान श्रीराम व श्रीकृष्ण के नाम पर विपक्ष पर हमले तेज कर दिए हैं। सीएम योगी समेत भाजपा का शीर्ष नेतृत्व राम मंदिर निर्माण को लेकर जमकर प्रचार कर रहा है। वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल भाजपा को महंगाई, किसान, बेरोजगारी और विकास के मुद्दे पर सदन से सड़क तक घेर रहा है। विपक्ष धरना-प्रदर्शन और जनसंवाद के माध्यम से योगी सरकार पर आक्रामक तेवर अपनाए हुए हैं। माना जा रहा है कि विपक्ष के हमले को कुंद करने के लिए भाजपा एक बार फिर हिंदुत्व का दांव खेल रही है। यही वजह है कि श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के समय सीएम द्वारा विपक्ष पर भगवान श्रीराम-श्रीकृष्ण को लेकर हमला किया गया। यही नहीं सीएम ने यहां तक कहा कि आज पर्व त्योहारों पर बधाई देने की होड़ रहती है। पहले न कोई मंत्री आता था और न सीएम। लोग डरते थे कि उन्हें सांप्रदायिक मान लिया जाएगा। इस पर विपक्ष ने जोरदार पलटवार किया है। विपक्ष का कहना है कि प्रदेश में भाजपा जिन वादों को करके सत्ता में आयी थी, उसे पूरा करने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। यही वजह है कि वह अब धार्मिक भावनाएं भड़काकर सत्ता हासिल करना चाहती है लेकिन जनता अब भाजपा के झांसे में नहीं आने वाली है।
जो पहले मंदिरों से दूरी बनाए रखते थे अब उन दलों के नेता भी मंदिर जाने लगे हैं।
सीएम योगी, आदित्यनाथ
भाजपा के पास जनता के सामने कोई भी काम गिनाने के लिए नहीं है इसलिए वह अपनी नाकामी छिपाने के लिए धर्म की आड़ ले रही है। भगवान राम और कृष्ण सबके हैं। जिन लोगों ने जनता को धोखा दिया वे भगवान के क्या होंगे।
सुनील सिंह साजन, एमएलसी, सपा
भाजपा हिंदुत्व को मोहरा बना रही है। हिंदू और मुस्लिम की राजनीति करती है। ऐसे बयान देकर भाजपा के लोग जनता को गुमराह कर रहे हैं जबकि जमीन पर कुछ किया नहीं है। जनता इनको सबक सिखाएगी।
जीशान हैदर, प्रवक्ता, कांग्रेस
भाजपा का साढ़े चार का कार्यकाल लोगों को निराश करने वाला है। मंदिर मुद्ïदे पर सियासत करना इनकी पुरानी आदत हैं। लोग भाजपा को समझ गए हैं। 2022 में इनकी विदाई तय है।
सभाजीत सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, आम आदमी पार्टी
भाजपा जिन वादों के साथ सत्ता में आयी थी उसे पूरा नहीं किया। अब वह भावनाएं भड़का कर सत्ता में वापसी चाहती है लेकिन जनता सब समझ चुकी है और अब इनके झांसे में नहीं आने वाली है।
अनिल दुबे, राष्टï्रीय सचिव, आरएलडी
ऐतिहासिक: नौ न्यायाधीशों ने ली शपथ, कम होंगे पेंडिंग केस
- सीजेआई एनवी रमण ने एक साथ दिलाई शपथ
4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में हाल में नियुक्त नौ नए न्यायाधीशों को सीजेआई एनवी रमण ने आज शपथ दिलाई। देश के इतिहास में यह पहला मौका है जब इतना बड़ा शपथ ग्रहण समारोह हुआ। नौ नए जजों में तीन महिला न्यायाधीश भी शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में यह पहला मौका है जब नौ जजों को एक साथ शपथ दिलाई गई। इसके साथ ही शीर्ष अदालत में सीजेआई रमण समेत जजों की संख्या बढ़कर 33 हो गयी जबकि स्वीकृत संख्या 34 है। न्यायमूर्ति अभय श्रीनिवास ओका, विक्रम नाथ, जितेंद्र कुमार माहेश्वरी, हिमा कोहली, बीवी नागरत्ना, सीटी रविकुमार, एमएम सुंदरेश बेला, एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा ने शपथ ली। इससे पेंडिंग केस में कमी आने की उम्मीद है।
जस्टिस नागरत्ना बन सकती हैं पहली महिला सीजेआई
इन जजों में से भविष्य में जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस बी वी नागरत्ना और पी एस नरसिम्हा भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने की संभावना हैं। अब तक सुप्रीम कोर्ट में कोई भी महिला चीफ जस्टिस नहीं हुई है। सितंबर 2027 में जस्टिस नागरत्ना के रूप में भारत को पहली महिला चीफ जस्टिस मिल सकती हैं।
अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी, तालिबान ने मनाया जश्न
4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। आखिरकार अमेरिका बीस साल बाद अफगानिस्तान से वापस लौट गया। तालिबान के कब्जे के बाद उसने अपने सैनिकों को पूरी तरह निकाल लिया है। अमेरिका ने अपने सैनिकों की वापसी, अमेरिकी और अफगान नागरिकों को वहां से निकालने के लिए सैन्य मिशन खत्म करने की घोषणा कर दी है। अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपनी राजनयिक उपस्थिति को भी खत्म कर दी और वह कतर में शिफ्ट हो गया है। वहीं अमेरिकी सेना की वापसी पर तालिबान ने जश्न मनाया। काबुल हवाई अड्डे से देर रात तीन बजकर 29 मिनट पर आखिरी विमानों ने उड़ान भरी। अमेरिका ने समय-सीमा से पहले ही अपने सैनिकों की वापसी की पुष्टि की है। अमेरिका सेंट्रल कमान के जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने अभियान संपन्न होने की आधिकारिक घोषणा की। वहीं तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा, सभी अमेरिकी सैनिक काबुल हवाई अड्डे से रवाना हो गए हैं और अब हमारा देश पूरी तरह स्वतंत्र है। तालिबानियों ने अमेरिकी विमानों को रवाना होते देखा और फिर हवा में गोलियां चलायी और अपनी जीत का जश्न मनाया।