ओवैसी ने केंद्र और सूबे की सरकार को घेरा, संदिग्धों की पैरवी में भी उतरे
लखनऊ। एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कोरोना से होने वाली मौतों को लेकर जहां केंद्र सरकार पर सवाल उठाए, वहीं जनसंख्या कानून को लेकर उन्होंने योगी सरकार को घेर लिया। इतना ही नहीं एटीएस की गिरफ्त में आए आतंकियों के बचाव में सरकार पर सवाल खड़े हुए थे। उन्होंने आतंकियों का बचाव करते हुए कहा कि अगर कोर्ट ने उन सभी को बरी कर दिया तो सरकार क्या जवाब देगी?
गुरुवार को सपा सांसद डॉ शफीकुर रहमान बर्क के संसदीय क्षेत्र पहुंचे असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कोरोना से हुई मौतों को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि कोरोना काल में हजारों-लाखों लोगों की मौत हुई, लेकिन प्रधानमंत्री के मुंह से एक शब्द भी नहीं निकला। वहीं ओवैसी ने यूपी सरकार द्वारा लाए गए जनसंख्या नियंत्रण कानून पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून लाकर लोगों को कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है यही वजह है कि सरकार अपनी नाकामी को छिपाने के लिए नए हथकंडे अपना रही है साथ ही उन्होंने एटीएस द्वारा आतंकियों के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर भी सरकार को घेरा। उन्होंने आतंकियों का बचाव करते हुए कहा कि अगर कोर्ट ने उन सभी को बरी कर दिया तो सरकार क्या जवाब देगी?
आपको बता दें कि ओवैसी संभल पहुंचे जहां संभल के एक मकबरे पर चादर चढ़ाई। वहीं दूसरी ओर सुहेलदेव समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर के आने की अटकलों पर विराम लग गया और वह संभल नहीं पहुंचे दूसरी ओर ओवैसी के कार्यक्रम में भारी अफरा-तफरी मच गई जहां पुलिस को कई जगहों पर व्यवस्था बनाने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा, वहीं बाउंसरों की सुरक्षा के बीच हुई भीषण हाथापाई में कई पत्रकार घायल हो गए।
वहीं जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि जिन दो संदिग्ध युवकों को एटीएस ने लखनऊ से उठा लिया है और उन्हें आतंकवादी बता रहे हैं. अभी तक अदालत ने यह तय नहीं किया है कि वह आतंकवादी है या निर्दोष, इसलिए जमीयत उलेमा-ए-हिंद शुरू से ही निर्दोष लोगों की मदद करता है और इस बार भी जमीयत ने फैसला किया है कि उन लोगों की मदद की जानी चाहिए. क्योंकि अब तक कोर्ट ने यह तय नहीं किया है कि वह आतंकवादी है या नहीं, इसलिए उसे अब आतंकवादी कहना बिल्कुल गलत है। इनमें से एक ने कुछ समय पहले दारुल उलूम देवबंद से पढ़ाई की थी, बाकी का देवबंद से कोई संबंध नहीं है।
भाजपा नेता नलीन कोहली ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को कानून की उचित प्रक्रिया और कानूनी सहायता प्राप्त करने का अधिकार है। हालांकि, सवाल उठता है कि क्या कोई संगठन, संभवत: राजनीतिक कारणों से, आतंक के आरोपियों के साथ कानूनी लड़ाई लडऩे का फैसला करता है। क्या ऐसे संगठन आतंकी पीडि़तों की मदद करेंगे? हर व्यक्ति कानूनी मदद पाने का हकदार है। एक सवाल तब उठता है जब कोई संगठन, संभवत: राजनीतिक कारणों से, आतंकवादी आरोपी के लिए कानूनी लड़ाई लडऩे का फैसला करता है।