फिरौती के 2 करोड़ नहीं मिले तो किडनैपर्स ने युवक को मार डाला
- आरोपियों ने नाम बदलकर अंतिम संस्कार भी कर दिया
- शीतगृह मालिक के इकलौते बेटे को दो दिन पहले किया था अगवा
लखनऊ। थाना न्यू आगरा के दयालबाग से शीतगृह स्वामी सुरेश चौहान के इकलौते बेटे सचिन (25) की अगवा करने के बाद हत्या कर दी गई। इसके बाद बल्केश्वर घाट पर पीपीई किट पहनकर आरोपियों ने अंतिम संस्कार भी कर दिया। कल रात को पुलिस को इस पूरे मामले में अहम सुराग मिला। उसके बाद पुलिस ने पांच युवकों को पकड़ लिया। इनमें एक बड़े कारोबारी का बेटा भी शामिल हंै। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। बता दें कि मूलरूप से बरहन के गांव रूप धनु निवासी सुरेश चौहान दयालबाग के जय राम बाग में रहते हैं। सुरेश जिला पंचायत में ठेकेदारी भी करते हैं। उनका रूप धनु में ही एसएस शीतगृह है। यह साझीदारी में करते हैं। उनका बेटा सचिन भी ठेकेदारी और शीतगृह में कामकाज देखा करता था। 21 जून की दोपहर 3:30 बजे लोअर और टीशर्ट में घर से निकला था। मां अनीता से कहा था कि कुछ देर में आ रहा है। इसके बाद लापता हो गया। उसकी तलाश की, लेकिन नहीं मिला। इस पर दूसरे दिन थाना न्यू आगरा में गुमशुदगी दर्ज करा दी। पुलिस उसके बाद से सचिन की तलाश कर रही थी। इस बीच पता चला कि सचिन को अगवा किया गया है। घटना के पीछे फिरौती वसूलने की बात सामने आई है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
हत्या के लिए रची गई साजिश
पिता सुरेश चौहान का कहना है कि बेटे की हत्या के लिए पूरी साजिश रची गई है। इसमें एक कारोबारी का बेटा भी शामिल है। वह अक्सर सचिन से आकर मिलता था। उसके साथ ही जाता था। वह पुलिस के मूवमेंट की भी जानकारी दे रहा था। आरोपी उनसे दो करोड़ रुपये की फिरौती वसूलना चाहते थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि हत्या के बाद अंतिम संस्कार बल्केस्वर घाट पर किया गया। आरोपी सचिन के शव को पीपीई किट में लेकर गए थे, जिससे लगे कि किसी कोरोना मरीज की मौत हो गई है। पुलिस आरोपियों से हत्याकांड से जुड़ी कड़ी से कड़ी जोड़ने में लगी है।