लखीमपुर खीरी में मृत भाजपा कार्यकर्ताओं के भी घर जाना चाहती थीं प्रियंका गांधी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश का लखीमपुर खीरी जनपद सियासत का बड़ा अखाड़ा बन गया है। तिकुनिया में बीते रविवार को उपद्रव के बाद हिंसा में चार किसान सहित आठ लोगों की मौत के बाद मृतक के आश्रितों को 45-45 लाख रुपया की आर्थिक सहायता, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी तथा इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज को जांच सौंपे जाने के बाद भी कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा संतुष्ट नहीं हैं। लखनऊ से बहराइच के नानपारा में मृत किसान के घर जाने के लिए रवाना होने के दौरान प्रियांका गांधी वाड्रा ने कहा कि वह तो लखीमपुर खीरी में मृत भाजपा कार्यकर्ताओं के भी घर जाना चाहती थीं। उन्होंने कहा कि मैं तो भाजपा के जो कार्यकर्ता मरे हैं, उनके परिवार के लोगों से भी मिलना चाहती थी। मैने आईजी से पूछा भी लेकिन आईजी ने कहा कि वह लोग नही मिलना चाहते हैं। मैं उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करती हूं। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को पीड़ित परिवारों से मिलकर भले ही गुरुवार को नई दिल्ली लौट गए, लेकिन प्रियांका गांधी वाड्रा का संघर्ष जारी है। प्रियांका गांधी वाड्रा ने कहा कि इन सभी को इंसाफ मिले, इसके लिए मैं लडूंगी। जब तक मंत्री बर्खास्त नहीं होगा और जब तक मंत्री का लड़का गिरफ्तार नहीं होगा तब तक तो मैं बिल्कुल अडिग रहूंगी। कल मैंने उन परिवारों को वचन दिया है। प्रियंका गांधी वाड्रा गुरुवार तड़के लखीमपुर खीरी से लखनऊ पहुंचीं । उनका साफ कहना है कि जब तक गृह राज्य मंत्री का इस्तीफा नहीं तब तक सत्याग्रह जारी रहेगा। लखीमपुर खीरी तथा बहाराइच के पीड़ित परिवार पैसे से नहीं न्याय से संतुष्ट होंगे। प्रियंका का गुरुवार को बहराइच के पीड़ित परिवारों से मिलने जाने का कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि पीड़ितों की आवाज उठाना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। आज तो नवरात्र का व्रत हूं। मां दुर्गा सभी का कल्याण करें। प्रियंका गांधी के नानपारा, बहराइच जाने की सूचना की घाघरा घाट पर सुरक्षा व्यवस्था काफी चाक चौबंद की जा रही है।