लापरवाहियों के प्रति कोई आदर नहीं, इस्तीफा कब दे रहे हैं डॉ. हर्षवर्धन: रवीश

  • चर्चित पत्रकार व टीवी एंकर रवीश कुमार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को घेरा
  • जवाब दो इसका- वेंटिलेटर, ऑक्सीजन, दवा, इंजेक्शन और इलाज न मिलने के कारण जो हत्या हुई है क्या उसके बाद भी आपको नींद आती है?
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। चर्चित पत्रकार व टीवी एंकर रवीश कुमार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को निशाने पर लिया है। उन्होंने दो टूक कहा कि हर्षवर्धनजी आपके प्रति आदर है लेकिन आपकी कोविड के प्रति बरती जा रही लापरवाहियों के प्रति कोई आदर नहीं है। इसलिए बताए आप इस्तीफा कब दे रहे हैं? चर्चित पत्रकार रवीश कुमार ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को बाकायदा पत्र लिखा है। पत्र के अनुसार उन्होंने कहा आशा है आप सकुशल होंगे। बस इतना पूछना चाह रहा हूं कि आप इस्तीफा कब दे रहे हैं? क्या वाकई आपको अपनी सरकार के काम पर इतना भरोसा है? इतने लोगों की वेंटिलेटर, आक्सीजन, दवा, इंजेक्शन और इलाज न मिलने के कारण जो हत्या हुई है क्या उसके बाद भी आपको नींद आती है? आपके स्वास्थ्य सचिव को भी इस्तीफा देना चाहिए। जब आप लोगों के होने से कुछ नहीं हुआ तो इस्तीफा देकर चले जाने से भी कुछ नहीं होगा। अब आपके सहयोगी मंत्री फोटो ट्वीट कर रहे हैं कि यहां बेड लगा दिया वहां लगा दिया। अब तो वैसे भी संक्रमित मामलों में कमी आएगी और अस्पतालों में कुुछ दिनों के लिए जगह बनने लगेगी। संक्रमित मामलों में कमी आने में किसी सरकार का कोई योगदान नहीं है। रवीश कुमार ने कहा खैर, मैं बस चाहता हूं कि आप इस्तीफे पर विचार करें। ऐसा नहीं है कि आर एस एस और बीजेपी से जुड़े विधायकों, नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों की मौत नहीं हुई है। यह मौत नहीं है, हत्या है। उन्हें भी अस्पताल में बिस्तर और इलाज नहीं मिला। जिन लोगों के साथ आप एक राजनेता के रूप में जीवन भर काम करते हैं, आप उन्हें नहीं बचा सके। प्रधानमंत्री को तो फर्क नहीं पड़ता। उनके लिए फिर से कोई भाषण तैयार हो जाएगा। कोई डेटा आ जाएगा कि उन्होंने ये किया वो किया। वो हमेशा ही महान रहेंगे। इतनी लाशें बह गईं गंगा में, उससे भी उन्हें फर्क नहीं पड़ा। वो इतना नहीं कर सके कि मरने वालों की संख्या सही गिनी जाए। तो आप उन्हें देखकर कोई निर्णय न लें। मेरे इस पत्र को पढ़कर निर्णय लें। वैसे भी स्वास्थ्य मंत्रालय के कर्मचारी जब इस पत्र को पढ़ेंगे तो वे भी सहमत होंगे। पता नहीं आप पढ़ सकेंगे या नहीं।
याद करिए, विधायक या सांसद बनने से पहले आप डॉक्टर रहे
रवीश कुमार ने कहा याद करिए, आप एक विधायक या सांसद बनने से पहले एक डॉक्टर रहे हैं। आप एक डाक्टर है और आप जैसे लोगों को राजनीति में होना ही चाहिए। जो करेंगे दूसरों के हित के लिए करेंगे, लेकिन आप तो रामदेव का कोरोनिल का लॉन्च कर रहे थे। तो फिर आप टीकाकरण क्यों कर रहे हैं? सबको कोरोनिल ही खिलाते। इस्तीफा देने के बाद आप एक ठेला खरीद लें और उस पर कोरोनिल बेचा करें। आप इतनी बार सांसद और विधायक रह चुके हैं कि आपको दो दो पेंशन तो मिलती ही होगी। हम लोगों के पास तो पेंशन की भी सुरक्षा नहीं है। तब भी बोलने का रिस्क उठाते हैं। डॉ. हर्षवर्धन आप जनवरी के आखिर में विश्व स्वास्थ्य संगठन की बैठक में कह रहे थे कि भारत कोरोना से जीतने के करीब पहुंच गया है। ऐसे में वर्तमान में आप एक डॉक्टर के रूप में इस वक्त जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं। यह वक्त है कि आप शर्म के साथ इस्तीफा दे। इस्तीफा देने से पहले जिन डाक्टरों की टीम बनाई थी, टास्क फोर्स वाली, उन सबको बर्खास्त कर दें।
वरना आपके खिलाफ केस हो जाएगा
रवीश ने कहा इस वक्त जो नरसंहार हुआ है उसमें मारे गए लोगों के प्रति यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। हर बात में पुलिस केस की मदद मत लीजिए। हां, इस्तीफा वाले पत्र में प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ में एक पन्ना जरूर लिखें, वरना आपके ही खिलाफ केस हो जाएगा। आपके घर में आयकर और ईडी के छापे पड़ने लग जाएंगे। वैसे भी बंगाल चुनाव के बाद ईडी के लोग खाली बैठे हैं। आपके इस्तीफे से यह संदेश जाएगा कि आपने ही फेल किया है। प्रधानमंत्री मोदी तो हमेशा महान हैं। अब आप समझ गए। मैं प्रधानमंत्री मोदी की छवि के लिए आपके इस्तीफे की मांग कर रहा हूं।

कोविड पर मन की बात करने में लगे हैं देश के मुखिया: प्रियंका
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार की लापरवाही और असंवेदनशीलता के चलते आज गांवों को बुरे हाल पर छोड़ दिया गया है। गांव कराह रहे हैं लेकिन सरकार के मुखिया केवल अपने मन की बात करने में लगे हैं। इतना ही नहीं, प्रियंका गांधी ने कहा कि भाजपा सरकार ने 12 अप्रैल को टीका उत्सव मना दिया लेकिन वैक्सीन की कोई व्यवस्था नहीं की और इन 30 दिनों में हमारे टीकाकरण में 82 प्रतिशत की गिरावट आई। प्रियंका गाधी ने सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर लिखा, गांवों में कोरोना के चलते स्थिति सामान्य नहीं है। लोगों का टेस्ट नहीं हो रहा है। इलाज मिल नहीं रहा है और लोगों की मृत्यु हो जा रही है। इस हालत के चलते वो आंकड़ों में भी नहीं गिने जा रहे हैं। गाजीपुर एवं बक्सर में सैकड़ों शव गंगा नदी में तैरते मिले। हमीरपुर में यमुना नदी में शव तैरते हुए मिले थे। इस तरह की भयावह स्थिति भारत में 1918 में देखी गई थी जब फ्लू के प्रकोप के चलते हुई मौतों के बाद लोगों के शव नदियों में मिले थे। इस सरकार की लापरवाही के चलते आज गांवों को बुरे हाल पर छोड़ दिया गया है। जबकि ऐसे समय में गांव के लोगों को भी प्राथमिकता से इलाज मिलना चाहिए। प्रियंका गाधी ने पीएम मोदी पर तंज करते हुए ट्वीट किया, घर-घर वैक्सीन पहुंचाए बिना कोरोना से लड़ना असम्भव है।

हर जिले में 48 घंटे के भीतर खोले जाएं कोविड शिकायत सेल

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्रामीण इलाकों और छोटे शहरों व कस्बों में कोरोना संक्रमण के फैलने पर चिंता जताते हुए कहा कि सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में अभी भी कोरोना से पीड़ित मरीजों के उपचार की सुविधाएं नहीं हैं। लोग इलाज के अभाव में मर रहे हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार से छोटे कस्बों, शहरों और गांवों में सुविधाओं तथा टेस्टिंग का ब्यौरा मांगा है। कोराना पीड़ित मरीजों को जीवन रक्षक दवाएं और सही इलाज न मिलने की शिकायतों की जांच के लिए कोर्ट ने 48 घंटे के भीतर हर जिले में कोविड शिकायत प्रकोष्ठ खोलने के आदेश दिए हैं। इसमें मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्तर का न्यायिक अधिकारी, मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर व एडीएम रैंक के एक प्रशासनिक अधिकारी इस कमेटी के सदस्य होंगे। ग्रामीण इलाकों में तहसील के एसडीएम से सीधे शिकायत की जा सकेगी जो शिकायतों को शिकायत समिति के समक्ष भेजेंगे। मामले की अगली सुनवाई 17 मई को होगी।

ऑक्सीजन की कालाबाजारी पर डायल करें यूपी 112

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कोविड काल में ऑक्सीजन, दवा और इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले लोगों की शिकायत यूपी 112 डायल कर करें। उन्होंने कहा दोषी पाए जाने वाले आरोपियों पर पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी। ऐसे लोगों को महामारी अधिनियम के तहत कठोर सजा दी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि यूपी पुलिस के 15409 पुलिस कर्मी कोरोना सक्रमण को मात देकर घर जा चुके हैं। पुलिस ने अपने संसाधनों से 2365 बेड का इंतजाम पुलिस लाइन में किया था, जिसमें 260 बेड ऑक्सीजनयुक्त हैं। अभी इनमें 1891 संक्रमित पुलिसकर्मियों का इलाज चल रहा है और 854 डिस्चार्ज हो चुके हैं। भर्ती पुलिसकर्मियों में 15 ऐसे रहे हैं, जिनकी बीमारी गंभीर होने पर बड़े अस्पतालों में भेजा गया। जीआरपी के एक कोविड केयर सेंटर में भर्ती पुलिसकर्मी की मौत भी हुई है। प्रदेश में 4,256 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव हैं। प्रदेश में 2365 बेडयुक्त कोविड केयर सेंटर पुलिस इकाइयों में उपलब्ध हैं। लखनऊ व कानपुर कमिश्नरेट ने पहल करते हुए ऑक्सीजन सिलेंडर बैंक की व्यवस्था की। 12 जिलों में बैरकों में ही विशेष कोविड केयर सेंटर की स्थापना की है। इस समय प्रदेश में 51284 कंटेनमेंट जोन है और 73891 बैरिकेडिंग लगाई गई हैं। इनमें 37,812 पुलिसकर्मी निगरानी कर रहे हैं। कालाबाजारी करते हुए 146 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनसे 1253 जीवनरक्षक इंजेक्शन, 1337 ऑक्सीजन सिलेंडर, 18 ऑक्सीजन कस्ट्रेटर, 844 ऑक्सीमीटर व अन्य उपकरण भी बरामद किए गए हैं।

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