वैवाहिक जीवन को प्रभावित करते हैं ग्रह
नई दिल्ली। ग्रहों और नक्षत्रों का हमारी जीवनशैली पर काफी प्रभाव पड़ता है। चाहे वह सामाजिक जीवन हो, पारिवारिक जीवन हो या कामेच्छा। कामेच्छा का स्तर हर इंसान में अलग होता है संतुलित कामेच्छा वाला व्यक्ति हमेशा संयमित और आदर्श जीवन की ओर ले जाता है। लेकिन जिस व्यक्ति की कामेच्छा अनियंत्रित हो जाती है, उसका जीवन अपमानजनक और निराशा का रूप ले जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कामेच्छा के अनियंत्रित होने या घटने में कुछ ग्रहों की बड़ी भूमिका होती है।
ज्योतिष शास्त्र में शुक्र और मंगल को यौन संबंधों और कामेच्छा को प्रभावित करने वाले ग्रह बताए गए हैं। कुंडली में उनके प्रतिकूल प्रभावों के कारण यौन क्षमताओं के साथ जीवन में कई समस्याएं आने लगती हैं। इसलिए शुक्र और मंगल को अनुकूल रखना चाहिए। इसके कारण स्वास्थ्य और विवाहित जीवन में कोई समस्या नहीं है और सुख-शांति बनी रहती है। ज्योतिष शास्त्र में सब कुछ ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति पर निर्भर करता है और उसके माध्यम से कोई भी आने वाली समस्याओं को जान सकता है। आइए देखते हैं कि कुंडली में शुक्र और मंगल का कब प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है फिर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल को क्रूर ग्रह कहा गया है और यह ऊर्जा, साहस, शक्ति, पराक्रम आदि का कराक ग्रह है। कुंडली में मंगल शुभ स्थिति में होने पर व्यक्ति बहुत मजबूत और पराक्रमी हो जाता है। वहीं दूसरी ओर कुंडली में मंगल की स्थिति ठीक नहीं होने पर फिर यौन संबंधी मामले या तो बहुत कमजोर हो जाते हैं या फिर उसे बहुत कामुक बना देते हैं। दोनों ही स्थितियां किसी भी व्यक्ति के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती हैं। मंगल को ऊर्जा का स्रोत और रक्त संचार का कारक ग्रह माना जाता है। कुंडली में इसका बुरा असर पडऩे पर मंगल आपकी ऊर्जा को इतना बढ़ा देता है कि आप अतिसक्रिय या आलसी हो सकते हैं।
शुक्र ग्रह ऐश्वर्य, भौतिक सुख-सुविधाओं, प्रेम और वैभव, यौन क्षमता, सौभाग्य आदि का कारक ग्रह माना जाता है। यदि शुक्र अपने केंद्र में त्रिकोण है तो यह बहुत आकर्षक है । यदि कुंडली में शुक्र बेनीफिक स्थिति में है तो इन सभी चीजों का जीवन पर काफी प्रभाव पड़ता है, लेकिन जब कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति ठीक नहीं होती है तो जननांगों की समस्या उत्पन्न हो जाती है। यह यौन समस्याओं का कारण भी बन सकता है। महिलाओं में मासिक धर्म से संबंधित समस्याओं में यह एक प्रमुख कारक है। यदि कुंडली में शुक्र का प्रतिकूल प्रभाव होता है तो यह आपको भौतिक सुख-सुविधाओं से वंचित करता है।
कुंडली में शुक्र और मंगल की स्थिति को अनुकूल बनाने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को करने से कुंडली में उनकी स्थिति शुभ हो जाती है। आइए जानते हैं शुक्र और मंगल के उपायों के बारे में…
शुक्र ग्रह को अनुकूल बनाने के लिए शुक्र के बीज मंत्र का हर शुक्रवार को 108 बार जप करना चाहिए। ऐसा करने से शुक्र की स्थिति मजबूत हो जाती है।
शुक्रवार को सफेद या गुलाबी रंग के कपड़े पहनने चाहिए। इसके साथ ही आप डायमंड या ओपल रत्न भी पहन सकते हैं। ऐसा करने से शुक्र प्रसन्न होता है और अशुभ प्रभाव देना बंद हो जाता है।
कुंडली में शुक्र की स्थिति को मजबूत करने के लिए प्रतिदिन सफेद गाय को भोजन का एक हिस्सा खिलाएं और शुक्र से संबंधित वस्तुओं का दान करें। ऐसा करने से शुक्र की आप पर विशेष कृपा रहेगी।
शुक्र को अनुकूल बनाने के लिए कोई भी व्यक्ति छह मुखी रुद्राक्ष और अरंडी की जड़ को पहन सकता है और शुक्र की शांति के लिए शुक्रवार को व्रत कर सकता है।
शुक्र को मजबूत करने के लिए रात में दही और चावल जैसी ठंडी चीजों का सेवन न करें। ऐसा करने से बेहतर और तेजी से परिणाम प्राप्त होंगे।
शुक्र को योग के माध्यम से भी नियंत्रित किया जा सकता है। आप हर रोज हलसाना, मूलाबंध आदि कर सकते हैं। ऐसा करना बहुत फायदेमंद माना जाता है।
मंगल को पाप ग्रह माना जाता है। कुंडली में मंगल की स्थिति में सुधार के लिए मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। साथ ही गाय को हरा चारा खिलाएं और मीठी तंदूरी रोटी दान करें।
मंगल को अनुकूल बनाने के लिए सौंफ को लाल कपड़े में बांधकर अपने बेडरूम में रखें। इसके अलावा मंगल से संबंधित वस्तुओं जैसे लाल कपड़ा, माचिस, गुड़, गेहूं, लाल मसूर आदि का दान कर सकते हैं। ऐसा करने से मंगल शुभ प्रभाव देने लगता है।
मंगल का शुभता पाने के लिए कम से कम 21 या 45 मंगलवार का व्रत रखें और मंगल ओम क्राम क्रीन क्राणै नम: भुमाय नम: के बीज मंत्र के 7 फेरे का जाप करें। इस बात का भी ध्यान रखें कि मंगलवार को उपवास में नमक का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से कुंडली में मंगल की शुभ स्थिति निर्मित होती है।
मंगल को भूमि का पुत्र माना जाता है, इसलिए मंगलवार के दिन न मिट्टी खोदें और न ही बर्तन व मेकअप का सामान, सुई, कैंची, चाकू आदि खरीदें। ऐसा करने से इसके नकारात्मक परिणाम सामने आते हैं।
योग के माध्यम से भी आप मंगल को अनुकूल बना सकते हैं, इसके लिए आपको प्रतिदिन पद्मासन, तितली आसन, मयूरासन और शीतलाकरण प्राणायाम करना चाहिए।